तेहरान: पिछले महीने पूर्वी अजरबैजान के एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का निधन हो गया था। दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन समेत नौ और लोग सवार थे। हादसे में इन सब की मौत हो गई थी।
रईसी के निधन के बाद यह पद खाली थी जिसके लिए आने वाले शुक्रवार यानी 28 जून को चुनाव होने जा रहा है। हालांकि ईरान में राष्ट्रपति का चुनाव 2025 में होने वाला था लेकिन रईसी के निधन के बाद पद खाली होने के कारण यह चुनाव पहले ही हो रहा है।
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में छह उम्मीदवार हैं मैदान में
28 जून को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की रेस में कुल छह उम्मीदवार मैदान में हैं। इन उम्मीदवारों में पांच उम्मीदवार ऐसे हैं जो रूढ़िवादी है और एक उम्मीदवार सुधारवादी नेता है। ऐसे में आइए इस रेस में शामिल होने वाले सभी उम्मीदवारों के बारों में जान लेते हैं।
1. मोहम्मद बघेर गालिबफ: 62 साल के गालिबफ ईरान के एक रूढ़ीवादी नेताओं में से एक हैं जिन्होंने 2020 से संसद अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। इनका जन्म 23 सितंबर 1961 को ईरान के पूर्वोत्तर शहर मशहद में हुआ था। वे तेहरान के मेयर के अलावा कई अन्य सरकारी पदों को भी संभाला है। ये ईरान के राष्ट्रपति पद के लिए तीन बार रेस में शामिल हो चुके हैं।
गालिबफ 2005, 2013 और 2017 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे और पिछले चुनाव में उन्होंने अपना नाम खुद से वापस ले लिया था। वे राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को समर्थन करने के लिए अपना नाम वापस लिए थे।
राजनीति में शामिल होने से पहले वे इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स में थे। बता दें कि ईरान के प्रमुख नेता अयातुल्ला अली खामेनेई भी इन्हें बहुत पसंद करते थे और उन्होंने ने इन्हें 1997 में गार्ड्स वायु सेना के प्रमुख के रूप में भी नियुक्त किया था।
2. अमीर-होसैन गाजीजादेह-हाशमी: 58 साल के हाशमी एक अतिरूढ़िवादी मेडिकल डॉक्टर हैं जिन्हें राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के कट्टर समर्थक के रूप में देखा जाता है। हाशमी उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं और ये शहीद फाउंडेशन के प्रमुख भी हैं।
साल 2021 में जब ईरान का राष्ट्रपति चुनाव हुआ था तब उन्हें 3.5 फीसदी वोट मिले थे। वे इससे पहले लगातार चार बार संसद में मशहद का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं।
3. सईद जलीली: 58 वर्षिय जलीली भी हाशमी की तरह अतिरूढ़िवादी नेता हैं और ये पूर्व परमाणु वार्ताकार भी रह चुके हैं। 1965 में मशहद में जन्में जलीली को अयातुल्ला अली खामेनेई ने ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में अपने प्रतिनिधियों के रूप में उन्हें जगह दी थी।
ईरान और इराक के युद्ध का अनुभव रखने वाले जलीली ने अपने सेवा के दौरान अपना एक पैर खो दिया था। जलीली को 2007 और 2013 के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम वार्ता के नेतृत्व करने के लिए भी जाना जाता है।
जलीली को संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी सरकारों के साथ 2015 के परमाणु समझौते का कड़ा विरोध भी करने के लिए जाना जाता है। इस समझौते के पीछे अमेरिका और पश्चिमी सरकारों का उद्देश्य ईरान को प्रतिबंधों से राहत देने के बदले में तेहरान की परमाणु गतिविधि पर अंकुश लगाना था।
वे 2013 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे और 2017 में भी वे इस रेस में शामिल थे लेकिन रईसी को सपोर्ट देने लिए बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था।
4. मसूद पेजेशकियान: ईरान के राष्ट्रपति पद के रेस में मसूद सबसे बुजुर्ग उम्मीदवार हैं। 69 साल के मसूद इस रेस में एकलौते सुधारवादी नेता हैं। उनका जन्म 1954 में हुआ है और ये दिल के सर्जन हैं। इन्होंने 2008 से संसद में उत्तर-पश्चिमी शहर तबरीज का प्रतिनिधित्व किया है।
वे पूर्व सुधारवादी राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं।
2021 के ईरान के राष्ट्रपति रेस में मसूद भी शामिल थे जिसमें इब्राहिम रईसी की जीत हुई थी और वे वहां के राष्ट्रपति बने थे। मसूद को भी अन्य सुधारवादी और उदारवादी उम्मीदवारों के साथ उस समय अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
मसूद ने सितंबर 2022 में महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत और फिर पूरे ईरान में विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार की आलोचना भी की थी। उन्होंने इन मामलों में पारदर्शिता की कमी को लेकर रईसी सरकार पर सवाल भी उठाए थे।
5. मुस्तफा पौरमोहम्मदी: 64 साल के मुस्तफा एक रूढ़िवादी और अनुभवी नेता है जो ईरान के राष्ट्रपति पद के रेस में एकमात्र मौलवी हैं। इनका जन्म 1959 में ईरान के धार्मिक शहर कोम में हुआ था। इन्होंने ईरान के खुफिया मंत्रालय के साथ कई और पदों पर भी काम किया है।
मुस्तफा ने कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद की सरकार के तहत आंतरिक मंत्री के पद भी तैनात किए जा चुके हैं। ये ईरान में न्याय मंत्री भी रह चुके हैं।
6. अलीरेजा जकानी: 58 वर्षिय जकानी एक अतिरूढ़िवादी नेता हैं जो अगस्त 2021 से तेहरान के मेयर के रूप में अपना पद संभाल रखा है। सन 1965 में ईरान की राजधानी तेहरान में जन्में जकानी को ईरान और इराक के युद्ध का अनुभव है।
2021 में ईरान के राष्ट्रपति पद के लिए ये भी उम्मीदवार थे लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था। वे इब्राहिम रईसी को समर्थन देने के लिए अपना नाम वापस लिए थे। जकानी को 2013 और 2017 में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उन्हें 2015 के परमाणु समझौते के कट्टर आलोचक के रूप में भी जाना जाता है।
कौन थे राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ईरान के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक थे। उनके राष्ट्रपति पद पर बने रहने के दौरान देश में मानवाधिकार के मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन भी देखा गया है। राष्ट्रपति बनने से पहले इब्राहिम एक कट्टरपंथी मौलवी और ईरान के मुख्य न्यायाधीश थे।
2022 में सरकार के खिलाफ विरोध करने वाली 22 साल की महसा अमिनी की हिरासत में मौत को लेकर भी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था। यही नहीं उनके कार्यकाल के दौरान यूरेनियम संवर्धन में भी वृद्धि देखी गई थी।