यूरोपीय संघ के संसदीय चुनावों के लिए रविवार हुए मतदान में दक्षिणपंथी पार्टियों को बड़ी सफलता मिली है। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर की पार्टियों को हार का सामना करना पड़ा है। फ्रांस में मरीन ले पेन की नेशनल रैली पार्टी (NR) ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सेंटरिस्ट रेनासेंस पार्टी (Centrist Renaissance) को इतनी करारी हार दी कि फ्रांसीसी नेता ने रविवार अचानक संसद भंग करते हुए संसदीय चुनाव कराने का ऐलान कर दिया। इमैनुएल ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि मतदान दो चरणों में 30 जून और 7 जुलाई को कराए जाएंगे। मैक्रों के राष्ट्रपति कार्यकाल के पूरा होने में अभी तीन साल शेष बचे हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल की सेंटरिस्ट रेनासेंस पार्टी नंबर दो पर खिसकी
शुरुआती अनुमान में ले पेन की पार्टी ने लगभग 30% वोट प्राप्त किए, जो मैक्रॉन की यूरोपीय समर्थक सेंटरिस्ट रेनासेंस पार्टी से लगभग दोगुना है। सेंटरिस्ट रेनासेंस पार्टी को 15% से कम वोट मिलने की उम्मीद है। ले पेन ने कहा कि वे फ्रांस को बदलने, फ्रांसीसी हितों की रक्षा करने और बड़े पैमाने पर प्रवासन को समाप्त करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, अगर फ्रांसीसी हम पर विश्वास करते हैं, तो हम सत्ता संभालने के लिए तैयार हैं।
मैकों ने संसद भंग करने को लेकर कहा कि वे ऐसे काम नहीं कर सकते जैसे कुछ हुआ ही न हो। फ्रांसीसी लोगों को अब अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनना होगा। मैकों ने चेतावनी दी कि राष्ट्रवादियों और लोकलुभावन नेताओं का उभार फ्रांस और यूरोप के लिए खतरा है, क्योंकि इसका परिणाम तीन साल बाद होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मरीन ले पेन की स्थिति को मजबूत कर सकता है।
माना जा रहा है कि हंगरी, स्लोवाकिया, और इटली में सरकार चलाने वाली, और स्वीडन और फिनलैंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बनने वाली राष्ट्रवादी और जनवादी पार्टियों के उभार से जलवायु परिवर्तन और कृषि नीति जैसे मुद्दों पर कानून बनाना कठिन हो जाएगा।
जर्मनी में उग्र आप्रवासी विरोधी पार्टी दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी को बढ़त
जर्मनी में भी दक्षिणपंथी पार्टी को बढ़त मिलने की संभावना है। जर्मनी में उग्र आप्रवासी विरोधी पार्टी दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) के 16.5 प्रतिशत वोट के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है। 2019 में 11 प्रतिशत था। इसके बाजवदू कि कई शीर्ष उम्मीदवारों का नाम घोटालों में शामिल रहा है। उधर जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के गठबंधन के सभी दलों को नुकसान हुआ है। एएफडी की सह-नेता एलिस वीडेल ने रविवार को कहा, “हमने अच्छा प्रदर्शन किया है क्योंकि लोग अधिक यूरोपीय विरोधी हो गए हैं।” उन्होंने कहा, लोग ब्रुसेल्स से इतनी नौकरशाही से परेशान हैं। उन्होंने अंततः CO2-उत्सर्जक कारों पर प्रतिबंध लगाने की योजना का उदाहरण दिया।
राजनीतिक समूह | सीटों की संख्या | सीटों का प्रतिशत |
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EPP – यूरोपीय पीपुल्स पार्टी का समूह (क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स) | 185 | 25.69% |
S&D – यूरोपीय संसद में प्रोग्रेसिव अलायंस ऑफ सोशलिस्ट्स एंड डेमोक्रेट्स का समूह | 137 | 19.03% |
Renew Europe – Renew Europe Group | 79 | 10.97% |
ECR – यूरोपीय कंजरवेटिव्स और रिफॉर्मिस्ट्स का समूह | 73 | 10.14% |
ID – आइडेंटिटी एंड डेमोक्रेसी समूह | 58 | 8.06% |
Greens/EFA – ग्रीन्स/यूरोपीय फ्री अलायंस का समूह | 52 | 7.22% |
The Left – यूरोपीय संसद में द लेफ्ट समूह – GUE/NGL | 36 | 5.00% |
NI – गैर-संबद्ध सदस्य | 46 | 6.39% |
अन्य – नवनिर्वाचित सदस्य जो पिछली संसद में स्थापित किसी भी राजनीतिक समूह से संबद्ध नहीं हैं | 54 | 7.50% |
ऑस्ट्रिया में रविवार मतदान के बाद एक सर्वेक्षण में दक्षिणपंथी फ्रीडम पार्टी की जीत होती बताई गई। वहीं नीदरलैंड और बेल्जियम में दक्षिणपंथी पार्टियों ने बढ़त हासिल की। नीदरलैंड के एग्जिट पोल के मुताबिक राष्ट्रवादी गीर्ट वाइल्डर्स की आव्रजन विरोधी पार्टी को यूरोपीय संघ विधानसभा में 29 सीटों में से सात सीटें मिल सकती हैं। एएफडी नेता एलिस वीडेल ने कयामत की भविष्यवाणियों का हवाला दिया और कहा कि वे दूसरी सबसे मजबूत ताकत हैं।
इटली की पीएम मेलोनी की पार्टी को 28% वोट मिलने की संभावना
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी, पोस्ट-फासिस्ट ब्रदर्स ऑफ इटली को 28% वोट मिलने की संभावना है जो 2022 में 26% थी। राइटविंग सोच रखने वालीं मेलोनी ने कहा, मुझे गर्व है कि इटली G7 और यूरोप में सबसे मजबूत सरकार के साथ पेश होगा। यह कुछ ऐसा है जो अतीत में नहीं हुआ, लेकिन आज हो रहा है। यह एक संतोषजनक और बड़ी जिम्मेदारी है। वहीं, विपक्षी सेंटर-लेफ्ट डेमोक्रेटिक पार्टी 24% वोट के साथ दूसरे स्थान पर रही। एक और विपक्षी समूह, 5-स्टार मूवमेंट, 9.9% वोट के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है।
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान की दक्षिणपंथी फिडेज पार्टी ने 14 साल के शासन में सबसे खराब स्थिति में पहुंच गई है। उसे 44% वोट मिलने की संभावना है, जबकि 2019 के चुनाव में उसे मिले 52 प्रतिशत वोट मिले थे। चरमपंथी दक्षिणपंथी पार्टियाँ अप्रवासी विरोधी मंच साझा करती हैं, लेकिन रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन की लड़ाई में यूरोप की मदद करने की भूमिका को लेकर मतभेद बने हुए हैं।
रविवार को मतदान के अंत में मध्यमार्गी मुख्यधारा और यूरोप समर्थक समूह क्रिश्चियन डेमोक्रेट और समाजवादी पूरे यूरोप में हावी रहे। उन्होंने यूरोपीय संसद में समग्र बहुमत बनाए रखा, जो कानून, ब्लॉक के बजट और उसके शीर्ष नेताओं को मंजूरी देती है।
दूर-दराज दलों की वृद्धि के कारण ग्रीन्स पार्टी को नुकसान हुआ, जो छठे स्थान पर आ गई और लगभग 20 सीटें खोने की उम्मीद है। सर्वेक्षणों के अनुसार, क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स को 189 सीटें (13 अधिक), सोशल डेमोक्रेट्स को 135 सीटें (4 कम) और प्रो-बिजनेस रिन्यू समूह को 83 सीटें (19 कम) मिलीं। ग्रीन्स की सीटें घटकर 53 (18 कम) रह गईं। ग्रीन्स की हार से यूरोपीय संघ की जलवायु परिवर्तन नीतियों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
दक्षिणपंथी पार्टियों की सफलता के पीछे के कारण?
बेल्जियम में वोट डालने की उम्र घटाकर इस बार 16 साल कर दी गई है। युवा धुर दक्षिणपंथी और लोकलुभावन बातें करने वालीं पार्टियों का समर्थन कर रहे हैं। ये पार्टियां अप्रवासन, सामाजिक उदारवाद का विरोध कर रही हैं। टिक टॉक व अन्य सोशल मीडिया के जरिए उनकी रणनीति के युवाओं के बीच भुनाने में कामयाब रहे हैं। बीबीसी के मुताबिक, किसान भी मौजूदा शासन के खिलाफ हैं। ब्रेसल्स में कई यूरोपीय देशों के किसान ट्रैक्टर के साथ विरोध किया था।
यूरोपीय संघ के लोग चाहते हैं कि सत्ता परिवर्तन हो और हालात बदलें। जो समस्याएं वामपंथी नहीं सुलझा पाए उनका हल लोगों को दक्षिणपंथी पार्टियों में नजर आने लगा था। अप्रवासियों का मुद्दा भी यहां खूब छाया रहा। लोग सरकार की शरणार्थियों के प्रति उदारवादी रवैया को लेकर भी गुस्सा हैं। लोगों का कहना था कि यूरोप में इतने लोगों के लिए जगह नहीं है। लेकिन सरकार अपनी छवि बनाने के लिए मुस्लिम देशों के शरणार्थियों का प्रवेश करा रही है।
चार दिनों तक चला मतदान
यूरोपीय संसद के पांच साल के कार्यकाल के लिए ईयू के 20 देशों में रविवार मतदान हुआ। यूरोपीय संघ के 720 सदस्यों को चुनने के लिए 6 से 9 जून तक मतदान हुआ है। यूरोपीय संसद के नव-निर्वाचित सदस्य (एमईपी) इस बारे में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे कि यूरोपीय संघ के संस्थानों का नेतृत्व कौन करेगा। नए विधायी कार्यकाल का पहला पूर्ण सत्र 16 से 19 जुलाई तक स्ट्रासबर्ग में होगा। उस सत्र से पहले, नव-निर्वाचित सदस्य साझा राजनीतिक विचारों के आधार पर राजनीतिक समूह बनाएंगे।
पहले पूर्ण सत्र में, संसद अपने नए अध्यक्ष, उपाध्यक्षों और क्वेस्टरों का चुनाव करेगी और साथ ही प्रत्येक संसदीय समिति में बैठने वाले एमईपी की संख्या पर भी निर्णय लेगी। बाद के चरण में, एमईपी यूरोपीय आयोग के नए अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए मतदान करेंगे। फिर वे सार्वजनिक सुनवाई के माध्यम से आयुक्तों के लिए उम्मीदवारों का मूल्यांकन करेंगे। नए आयोग को कार्यभार संभालने के लिए संसद की मंजूरी प्राप्त करनी होगी। एक राजनीतिक समूह में सात यूरोपीय संघ के देशों से कम से कम 23 एमईपी होने चाहिए। सदस्य एक से अधिक राजनीतिक समूहों से संबंधित नहीं हो सकते हैं