ब्रसेल्सः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील, एल्युमिनियम और कारों पर भारी टैरिफ लगाए जाने के जवाब में यूरोपीय संघ (ईयू) और चीन ने कड़े कदम उठाए हैं। यूरोपीय यूनियन ने बुधवार को 20 अरब यूरो (करीब1.91 लाख करोड़) मूल्य के अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने को मंजूरी दी। वहीं, चीन ने भी सभी अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 84% कर दिया है।
यूरोपीय संघ ने बुधवार को ट्रंप प्रशासन के इस्पात और एल्यूमीनियम पर लगाए गए शुल्कों के जवाब में पहले चरण की जवाबी कार्रवाई को मंजूरी दी। इसमें सोयाबीन, मोटरसाइकिल, सौंदर्य उत्पाद, पोल्ट्री, चावल, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सामानों पर टैरिफ लगाया जाएगा।
यूरोपीय संघ ने कहा, "हमारा उद्देश्य निष्पक्ष और संतुलित समझौते की दिशा में अमेरिका से बातचीत करना है। यदि ऐसा समझौता होता है तो ये जवाबी शुल्क कभी भी निलंबित किए जा सकते हैं।" यूरोपीय संघ के ये शुल्क कई चरणों में लागू होंगे। कुछ शुल्क 15 अप्रैल को जबकि अन्य शुल्क 15 मई और एक दिसंबर को लागू होंगे।
चीन ने भी बढ़ाया शुल्क, कुल टैरिफ दर 84% तक पहुंची
उधर, अमेरिका के चीनी सामानों पर 104 प्रतिशत तक शुल्क लगाए जाने के बाद बीजिंग ने भी अमेरिका से आने वाले सभी उत्पादों पर शुल्क दर को 84 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। बीजिंग ने अमेरिका पर "गलती पर गलती करने" का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कदम वैश्विक व्यापार प्रणाली के लिए नुकसानदायक है।
चीन के वित्त मंत्रालय ने गुरुवार से नए शुल्क लागू करने की जानकारी दी है। इसके अलावा, शिल्ड एआई और सिएरा नेवादा कॉर्प सहित छह अमेरिकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
वैश्विक बाजारों में गिरावट
टैरिफ विवाद के चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिली। जापान का निक्केई 225 सूचकांक 3.9 प्रतिशत टूट गया, जबकि ताइवान का ताइएक्स 5.8 प्रतिशत गिरा। दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, भारत और थाईलैंड के बाजारों में भी गिरावट दर्ज की गई।
यूरोपीय बाजारों में जर्मनी का डीएएक्स और फ्रांस का सीएसी 40 दोनों 2.1% की गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी बाजारों में भी कमजोर रुझान देखने को मिला। इन सबके बीच केवल चीन के बाजारों में हल्की बढ़त देखने को मिली, जो सरकारी समर्थन के चलते संभव हुई।
यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन ने अमेरिका को प्रस्ताव दिया है कि यदि औद्योगिक वस्तुओं- विशेष रूप से कारों- पर दोनों पक्ष शून्य शुल्क लगाएं, तो एक पारस्परिक ‘जीरो टैरिफ’ समझौता संभव है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस प्रस्ताव को नाकाफी बताया और कहा कि यह अमेरिका को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं है। ट्रंप ने हाल के दिनों में यूरोपीय संघ समेत कई देशों पर भारी सीमा शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिससे वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंका तेज हो गई है।
ट्रंप का जवाब और संभावित समाधान
टैरिफ घोषणा के बाद शेयर बाजारों में गिरावट के बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने कंपनियों से अमेरिका में निवेश की अपील करते हुए कहा, “यह अमेरिका में कंपनी लाने का सबसे अच्छा समय है। देर मत कीजिए।” हालांकि उन्होंने अब तक सीधे यूरोपीय संघ या चीन की प्रतिक्रिया पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह टैरिफ युद्ध लंबे समय तक चलता रहा तो वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ सकती है। हालांकि, चीन और अमेरिका दोनों पक्षों ने बातचीत की संभावना खुली रखी है।