एलन मस्क ने The New York Times को बताया लोकतंत्र के लिए खतरा

टेस्ला के मालिक एलन मस्क और प्रमुख राजनीतिक टिप्पणीकार बेन शापिरो ने न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे प्रतिष्ठित अखबारों और यूट्यूब जैसे प्रभावशाली प्लेटफार्मों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इनका मानना है कि रूढ़िवादी आवाजों को दबाने के लिए एक सोची-समझी साजिश रची जा रही है।

एडिट
Elon musk supported withdrawl of america from un and nato

एलन मस्क।(photo:IANS/Twitter)

वॉशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की सरगर्मी के बीच, बड़े मीडिया हाउस और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर पक्षपात और सेंसरशिप के आरोपों ने तूल पकड़ लिया है। टेस्ला के मालिक एलन मस्क और प्रमुख राजनीतिक टिप्पणीकार बेन शापिरो ने न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे प्रतिष्ठित अखबारों और यूट्यूब जैसे प्रभावशाली प्लेटफार्मों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इनका मानना है कि परंपरागत आवाजों को दबाने के लिए एक सोची-समझी साजिश रची जा रही है। मस्क ने तो न्यूयॉर्क टाइम्स को लोकतंत्र के लिए खतरा तक बता दिया।

राजनीतिक टिप्पणीकार बेन शापिरो ने न्यूयॉर्ट टाइम्स पर लगाए गंभीर आरोप

दरअसल बेन शापिरो ने अपने हालिया ट्वीट थ्रेड में बताया है कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने आगामी अमेरिकी चुनावों से ठीक पहले परंपरागत आवाजों को दबाने के उद्देश्य से एक सोची-समझी योजना बनाई है। शापिरो ने न्यूयॉर्क टाइम्स के एक रिपोर्टर से प्राप्त संदेश का हवाला दिया और लिखा कि "न्यूयॉर्क टाइम्स वास्तव में क्या कर रहा है? यह पूरी तरह से स्पष्ट है: एक कट्टर वामपंथी संगठन मैटर्स से शोध का उपयोग करके, जिसका एकमात्र उद्देश्य परंपरागत मीडिया को नष्ट करना है (नीचे देखें), YouTube पर दबाव डालना कि वह चुनाव से एक सप्ताह पहले सभी को डिमोनेटाइज और दंडित करे।"

शापिरो का तर्क है कि यह केवल "चुनाव संबंधी गलत जानकारी" का मामला नहीं है, बल्कि मीडिया द्वारा एकतरफा कदम उठाए जाने की कोशिश है। उन्होंने 2020 के चुनाव परिणामों को स्वीकारने की बात भी स्पष्ट की, लेकिन यह भी कहा कि चुनावी नियमों में बदलाव, मेल-इन वोटिंग और बैलट हार्वेस्टिंग को लेकर उनका और कई अन्य रूढ़िवादियों का असंतोष था।

उन्होंने यह भी बताया कि 2020 के चुनाव के समय प्रमुख मीडिया ने हंटर बाइडेन लैपटॉप प्रकरण को एक रूस द्वार दी गई गलत सूचना बताकर जो बाइडेन का समर्थन किया। शापिरो ने आरोप लगाया कि 2024 के चुनाव में मीडिया का हस्तक्षेप पहले से भी अधिक खुला और पक्षपाती होता जा रहा है, विशेषकर YouTube जैसे प्लेटफॉर्म पर दबाव डालने के मामले में। इनका एक ही ध्येय है चुनाव से पहले विपक्ष को चुप करा दें।

अपने ट्वीट्स में बेन ने न्यूयॉर्ट टाइम्स के ओपिनियन पीस की कटिंग को शेयर किया है। उन्होंने कहा कि अगर आपको कभी भी संदेह हुआ था कि न्यूयॉर्क टाइम्स डेमोक्रेट-मीडिया ह्यूमन सेंटीपीड का हिस्सा है, तो अब संदेह मत करना। बेन शापिरो का कहना है  न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे बड़े मीडिया आउटलेट्स निष्पक्षता के बजाय राजनीतिक पक्षपात को बढ़ावा दे रहे हैं।

मस्क ने 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' को बताया लोकतंत्र के लिए खतरा

एलन मस्क ने बेन शापिरों के ट्वीट्स को शेयर करते हुए लिखा कि ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। मस्क ने एक अन्य ट्वीट को शेयर किया जिसमें आरोप लगाया गया है कि वॉशिंगटन पोस्ट ने 2020 के चुनावों में जो बाइडेन के पक्ष में हस्तक्षेप किया। इसमें बताया गया है कि वॉशिंगटन पोस्ट ने अपने "फैक्ट-चेकिंग" विभाग के माध्यम से एक झूठी कहानी बनाई, जिसने बाइडेन को यूक्रेन में भ्रष्टाचार से मुक्त दिखाने का आधार बनाया। इस कहानी को CNN से लेकर सीनेट डेमोक्रेट्स तक, सबने बाइडेन के बचाव में दोहराया।

इस रिपोर्ट के अनुसार, हंटर बाइडेन बरीस्मा के मालिक मिकोल जलोचेवस्की से पैसे ले रहे थे, जबकि जो बाइडेन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को ब्लैकमेल कर शोकिन को हटवाया, जो जलोचेवस्की की जांच कर रहे थे। फ्रांसीसी पत्रकार ओलिवियर बुरेयर ने खुलासा किया कि जांच चल ही रही थी, लेकिन वॉशिंगटन पोस्ट ने गलत जानकारी फैलाई, जिससे बाइडेन को चुनावी लाभ हुआ।

 मस्क का दावा- गूगल/यूट्यूब पर बड़े पैमाने पर वामपंथी सेंसरशिप

इसके अलावा एलन मस्क ने अपने अन्य ट्वीट पोस्ट में आरोप लगाया कि यूट्यूब और गूगल ने रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थक जो रोगन के बीच पॉडकास्ट को सेंसर किया। मस्क का दावा है कि गूगल/यूट्यूब पर बड़े पैमाने पर वामपंथी सेंसरशिप है और ये प्लेटफार्म डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन में काम कर रहे हैं। मस्क ने इस पॉडकास्ट का पूरा एपिसोड अपने प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपलोड कर दिया, ताकि दर्शकों तक बिना किसी रुकावट के इसे पहुंचाया जा सके।

पोस्टर शेयर कर मस्क ने किया राजनीतिक विचारधाराओं का चित्रण

मस्क ने एक पोस्टर भी साझा किया, जिसमें ट्रंप और कमला हैरिस के एजेंडों की तुलना की गई है। इसमें दिखाया गया है कि ट्रंप की प्राथमिकताओं में सुरक्षित सीमाएं, सुरक्षित शहर, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विवेकपूर्ण खर्च, और आत्मरक्षा का अधिकार शामिल हैं, जबकि हैरिस की प्राथमिकताओं में खुली सीमाएं, पुलिस बजट में कटौती, सेंसरशिप, महंगाई और हथियारों पर प्रतिबंध जैसी नीतियां शामिल हैं।

मस्क ने इस ग्राफिक को शेयर करते हुए लिखा- सही चुनाव दिन की तरह स्पष्ट है ( The right choice is clear as day)।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article