दुबई: दुबई में सबसे ज्यादा रिहायशी संपत्ति रखने वाले विदेशियों के मामले में भारतीय शीर्ष पर हैं। करीब 29700 भारतीयों के नाम यहां 35,000 संपत्तियां हैं। पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार इन संपत्तियों का साल 2022 तक कुल मूल्य 17 अरब डॉलर है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि संयुक्त अरब अमीरात के इस शहर में विदेशियों में भारत के बाद सबसे ज्यादा संपत्ति रखने के मामले में पाकिस्तन दूसरे स्थान पर है। करीब 23 हजार आवासीय संपत्तियों के मालिक 17 हजार पाकिस्तानी हैं। इन 23 हजार संपत्तियों की कीमत करीब 12 अरब डॉलर है। यह स्थिति उस समय है जब पाकिस्तान में कंगाली छाई है और मुल्क कर्ज में डुबा हुआ है।
Dubai Unlocked की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
दुबई के रियल एस्टेट में निवेश संबंधित रिपोर्ट को पाकिस्तानी अखबार ने अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के एक संगठन के जांच के आधार पर छापा है। दरअसल, सबसे पहले अमेरिका स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन सेंटर फॉर एडवांस्ड डिफेंस स्टडीज (C4ADS) ने इस संबंध में लीक हुआ डेटा प्राप्त किया। इसके बाद इसे नॉर्वे की एक वित्तीय आउटलेट ‘ई24’ और ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) के साथ साझा किया गया। इसने दुनिया भर के बड़े मीडिया आउटलेट्स (इसमें डॉन भी शामिल) के साथ मिलकर इस संबंध में जांच को अंजाम दिया गया और फिर ये रिपोर्ट सामने आई है। इसे दुबई अनलॉक्ड नाम दिया गया है। इस जांच में 58 देशों से 74 साझीदार शामिल रहे।
OCCRP की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार जांच से पता चला है कि दुबई के रियल एस्टेट बाजार में विदेशी स्वामित्व साल 2022 में अनुमानित 160 अरब बिलियन तक पहुंच गया। लीक हुए रिकॉर्ड बड़े पैमाने पर 2022 और 2020 के हैं। यह 2016 और 2020 के दुबई में संपत्ति रिकॉर्ड के पहले लीक पर आधारित हैं।
पाकिस्तान के नेताओं और पूर्व सैन्य अधिकारियों के नाम
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार ‘दुबई अनलॉक्ड’ लिस्ट में जिन पाकिस्तानियों का नाम शामिल है उनमें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के तीन बच्चे- बख्तवार भुट्टो जरदारी, बिलावल भुट्टो जरदारी और असीफा भुट्टो के नाम शामिल हैं। बिलावल भुट्टो जरदारी और असीफा भुट्टो पाकिस्तान की राजनीति में सक्रिय हैं। इसके अलावा हुसैन नवाज शरीफ (नवाज शरीफ के बेटे), इंटरनल मिनिस्टर मोहसिन नकवी की पत्नी, पूर्व सांसद फैसल वावदा, शरजील मेमन और परिवार के सदस्य, फराह गोगी, शेर अफजल मारवात के नाम शामिल हैं।
यही नहीं, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज और एक दर्जन से अधिक रिटायर्ड जनरलों का भी नाम इस लिस्ट में शामिल है। लिस्ट में पाकिस्तान के एक पुलिस प्रमुख, एक राजदूत और एक वैज्ञानिक का भी नाम शामिल हैं। इनमें से कई लोगों ने खुद अपने नाम से या अपने पति/पत्नी के नाम से या फिर बच्चों के नाम पर दुबई के रियल एस्टेट में निवेश कर रखा है।
रिपोर्ट में हालांकि पाकिस्तानी अखबार ने कहा कि है लिस्ट में बस नाम आना किसी वित्तीय अपराध या टैक्स चोरी जैसे अपराध का सबूत नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार न ही इस डेटा में आय के स्रोत, टैक्स डिक्लरेशन या अन्य विस्तृत जानकारी को शामिल किया गया है और इसे बस जनहित में साझा किया गया है।
रिपोर्ट में किनके नाम शामिल किए गए हैं?
ओसीसीआरपी ने कहा कि रिपोर्ट में पाया गया कि इन संपत्ति मालिकों के स्कोर को तीन श्रेणियों में रखा जा सकता है- कथित अपराधी, अपने देशों में प्रतिबंधों का सामना करने वाले, और राजनेता जो भ्रष्टाचार के आरोपी हैं।
इसमें आगे कहा गया है, ‘रिपोर्टरों ने दुबई के केवल उन संपत्तियों के मालिकों का खुलासा किया है जो सार्वजनिक हित से जुड़े हैं। इसमें उन संपत्ति मालिकों को शामिल किया गया है जो अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए हैं या आरोपी हैं या किसी तरह के प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा वे अधिकारी या उनके सहयोगी, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं या जिन्होंने संपत्तियों को जनता से छिपाकर रखा है, उनके नाम शामिल किए गए हैं। हमने उन मशहूर हस्तियों या अन्य व्यक्तियों के बारे में नहीं लिखने का फैसला किया है जो इन मानदंडों के अंतर्गत नहीं आते हैं।’