मंगलवार को दुबई और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अन्य हिस्सों में भारी बारिश हुई थी। यहां पर इतनी तेज बारिश हुई थी कि हाइवे और एयरपोर्ट जैसे जगहों पर बाढ़ आ गई थी। दुबई एक अत्यंत शुष्क क्षेत्र है जहां आमतौर पर साल में 10 सेमी से भी कम बारिश होती है, ऐसे हाल में हुई तेज बारिश क्लाउड सीडिंग जैसे विशेष तकनीक पर सवाल खड़े करते हैं।
क्लाउड सीडिंग नकली बाराश कराने की एक ऐसी तकनीक है जिसमें विमान या हेलीकॉप्टर का उपयोग कर बादलों में सिल्वर आयोडाइड या पोटेशियम आयोडाइड जैसे पदार्थों को छिंटा जाता है जिससे उन इलाकों में बारिश होती है।
संयुक्त अरब अमीरात के अलावा, सऊदी अरब और ओमान जैसे देशमों में इस तकनीक को इस्तेमाल कर नकली बारिश कराई जा रही है।
क्या दुबई के बारिश के पीछे क्लाउड सीडिंग है कारण
जानकारों की अगर माने तो हाल में दुबई में हुई तेज बारिश के पीछे क्लाउड सीडिंग एक कारण हो सकता है। जिन क्षेत्र में क्लाउड सीडिंग का इस्तेमाल होता है वहां नकली बारिश तो होता है लेकिन इसके कई हानिकारक नुकसान भी है।
कई बार ऐसा देखा गया है कि क्लाउड सीडिंग जिन इलाकों में किया गया है वहां बारिश न होकर वर्षा कहीं और चली जाती है और वहां बहुत तेज बारिश होती है। इस कारण जहां पर क्लाउड सीडिंग किया गया था वहां पर अन्यत्र सूखा पड़ जाता है।
क्लाउड सीडिंग के कारण किसी क्षेत्र में अधिक बारिश होती है जिससे वहां पर बाढ़ भी आ जाती है। कुछ लोग और जानकारों का मानना है कि हाल में दुबई में बारिश इसका उदाहरण है।
यही नहीं क्लाउड सीडिंग में उपयोग किए जाने वाले रसायन जैसे सिल्वर आयोडाइड के लंबे समय से इस्तेमाल से इससे पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है। सिल्वर एक भारी और जहरीली धातु है पौधे, मनुष्यों और जानवरों के हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है।
कब-कब हुई है दुबई में ऐसी बारिश
इससे पहले 25 मार्च 2022 को भी दुबई में काफी तेज बारिश हुआ था जिसमें सड़कों पर जलजमाव हो गया था और इस कारण यातायात भी काफी प्रभावित हुआ था। 2 दिसंबर 2021 को भी कुछ ऐसा ही नजारा दुबई में देखा गया था जब वहां तेज बारिश से जनजीवन काफी प्रभावित हुआ था।
वहीं साल 2018 में दुबई में काफी तेज बारिश हुई थी जिसके बाद बाढ़ और भूस्खलन जैसे स्थिति हालात हो गए थे।