बीजिंग: चीन इस समय दोहरी प्राकृतिक आपदा के खतरे से जूझ रहा है। एक तरफ जहाँ रूस में आए भीषण भूकंप के बाद प्रशांत महासागर में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है, वहीं दूसरी ओर चीन के पूर्वी तट पर टाइफून को-मे (स्थानीय नाम झू जी काओ) कहर बरपाने को तैयार है।
टाइफून को-मे भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ चीन के पूर्वी तट की ओर बढ़ रहा है। इसके बुधवार देर शाम शंघाई के दक्षिण में तट से टकराने की आशंका है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में 320 मिमी तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे शहरी बाढ़, भूस्खलन और समुद्री तूफान जैसे संकट गहराने की आशंका है।
शंघाई और आसपास से 2.8 लाख लोगों का रेस्क्यू, परिवहन ठप
चीन के सरकारी मीडिया CCTV के मुताबिक "कल रात से आज सुबह 10:00 बजे तक, लगभग 283,000 निवासियों को शंघाई और आसपास के संवेदनशील इलाकों से सुरक्षित निकाला जा चुका है।
तूफान के असर से पूरे शंघाई में यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। सभी फेरी सेवाएं बंद कर दी गई हैं और राजमार्गों पर वाहनों की गति सीमा कम कर दी गई है। शंघाई के पुडोंग और होंगचियाओ एयरपोर्ट से आने-जाने वाली उड़ानों में से लगभग 30 प्रतिशत रद्द कर दी गई हैं। प्रशासन ने आपातकालीन स्तर-1 घोषित कर दिया है, जो चीन की सबसे ऊंची आपदा चेतावनी श्रेणी है। शहर में सभी निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं और ऊंचाई वाले या समुद्र के किनारे बसे जोखिम भरे क्षेत्रों से हजारों नागरिकों को हटा दिया गया है।
यांगशान बंदरगाह, जो दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट है, मंगलवार को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। साथ ही झोउशान के तेल टर्मिनलों में आपातकालीन मोड लागू करते हुए कर्मचारियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
यह तूफान फिलीपींस और जापान के ओकिनावा से होकर गुजरा है और यह ऐसे समय में आया है जब एशिया-प्रशांत देश रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास आए 8.8 तीव्रता के भूकंप से जूझ रहे हैं, जिसे क्षेत्र में अब तक के सबसे मजबूत भूकंपों में से एक माना जा रहा है।
रूस में भूकंप के बाद प्रशांत क्षेत्र में सुनामी का खतरा
मंगलवार को रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरे प्रशांत महासागर में सुनामी का खतरा खड़ा कर दिया। इस भूकंप से 12 फीट तक ऊंची लहरें उठीं और रूस के सुदूर पूर्व, जापान, हवाई और अमेरिका के पश्चिमी तटों तक सुनामी चेतावनियां जारी की गईं।
रूस के सेवेरो-कुरील्स्क बंदरगाह शहर से लगभग 2,000 लोगों को निकाला गया। कई इमारतें समुद्री जल में डूबी नजर आईं। कुछ नागरिकों को मामूली चोटें आईं, लेकिन कोई गंभीर हताहत नहीं हुआ। पूरे कामचटका क्षेत्र में आपातकाल घोषित कर दिया गया है, और विशेषज्ञों ने 7.5 तीव्रता तक के आफ्टरशॉक्स की संभावना जताई है।
जापान में करीब 20 लाख लोगों को समुद्र तटीय इलाकों से निकलने की सलाह दी गई। इवाते प्रांत में 1.3 मीटर ऊंची लहरें दर्ज की गईं, हालांकि किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के कर्मचारियों को भी एहतियातन वहां से हटा लिया गया है।
हवाई द्वीप समूह में सबसे ऊंचे स्तर की सुनामी चेतावनी लागू की गई। वहां जलपोतों को समुद्र में भेजा गया और माउई द्वीप पर उड़ानों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया। हवाई के गवर्नर जोश ग्रीन ने कहा कि हालांकि लहरें अभी तक ज्यादा शक्तिशाली नहीं रहीं, लेकिन अंतिम मूल्यांकन बाकी है।
कैलिफोर्निया, चिली, इक्वाडोर, न्यूजीलैंड और फ्रेंच पोलिनेशिया तक चेतावनी संदेश भेजे गए हैं। अमेरिकी सुनामी चेतावनी केंद्र ने आशंका जताई है कि कुछ तटीय इलाकों में तीन मीटर तक ऊंची लहरें आ सकती हैं।