वॉशिंगटन: हाल ही में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप निर्वाचित हुए हैं। वे औपचारिक रूप से जनवरी में सत्ता संभालेंगे, लेकिन अपने साथ काम करने वाली टीम और विभाग के प्रमुखों के नाम तय करने लगे हैं। टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के संस्थापक और सीईओ अरबपति एलन मस्क को ट्रंप ने खास भूमिका में अपनी टीम में शामिल किया है।

न्यूज वेबसाइट यूएसए टुडे के अनुसार, मस्क और भारतीय मूल के उद्यमी विवेक रामास्वामी को अमेरिकी सरकार के नए विभाग का सह-नेतृत्व करने के लिए चुना है।

इस विभाग का नाम है "डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी" है जिसे संक्षेप में डॉज (D.O.G.E.) कहा जा रहा है। इस विभाग का उद्देश्य सरकारी कार्यों को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाना है।

क्या है डॉज का मुख्य उद्देश्य

खबर के मुताबिक, डॉज का मुख्य उद्देश्य सरकारी प्रक्रियाओं को सुधारना, नौकरशाही को सरल बनाना और अनावश्यक खर्चों को कम करना है। ट्रंप के अनुसार, मस्क और रामास्वामी सरकार के गैरजरूरी नियमों और खर्चों को दूर करने की जिम्मेदारी निभाएंगे। वे सरकारी एजेंसियों को इस तरह तैयार करेंगे, जिससे वे अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकें।

ट्रंप ने मंगलवार को सोशल मीडिया एक्स पर एक बयान जारी कर कहा कि, “ये दोनों प्रतिभावान अमेरिकी साथी मेरे प्रशासन के लिए गैरजरूरी खर्चों में कटौती करेंगे, संघीय एजेंसियों में सुधार लाएंगे और सरकारी कमियों को खत्म करेंगे। यह हमारे ‘अमेरिका बचाओ’ अभियान के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम है।”

ट्रंप का कहना है कि मस्क और रामास्वामी को यह काम चार जुलाई 2026 से पहले पूरा करना होगा। उनके मुताबिक, डॉज से सरकार के बाहरी क्षेत्र से सलाह और मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे एक स्वतंत्र आयोग के रूप में काम किया जा सकेगा।

डॉज और क्रिप्टोकरेंसी डॉगकॉइन में क्या समानता है

इस विभाग का नाम डोजे यानी डॉज है। यह केवल संयोग है कि क्रिप्टोकरेंसी डॉगकॉइन का नाम इससे मिलता जुलता है। संयोग है कि मस्क का नाम पहले से ही डॉगकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के साथ जुड़ा हुआ है। वे डॉगकॉइन के सबसे बड़े समर्थकों में से एक रहे हैं। वे जब कोई बड़ा ऐलान करते थे तो उससे क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी होता था।

यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि डॉज विभाग को पूर्ण सरकारी संस्था का दर्जा मिलेगा या नहीं, क्योंकि कांग्रेस की अनुमति के बिना इसे आधिकारिक सरकारी एजेंसी नहीं माना जा सकता।

ट्रंप के बयान से लगता है कि डॉज एक सलाहकार आयोग के रूप में कार्य करेगा और इसे कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा। इसका काम केवल सरकार को सुझाव और मार्गदर्शन देना होगा ताकि सरकारी कार्य प्रणाली को और बेहतर बनाया जा सके।