वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए 12 देशों के नागरिकों की अमेरिका यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रंप के इस फैसले के बाद इन देशों से लोग अमेरिका नहीं आ सकेंगे। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, 'यह घोषणा उन 12 देशों के नागरिकों के प्रवेश को पूरी तरह से प्रतिबंधित और सीमित करती है, जो स्क्रीनिंग और जांच के मामले में कमजोर पाए गए हैं और जिनके अमेरिका के लिए बहुत ज्यादा जोखिम पैदा करने का अनुमान है।'

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्सन ने एक्स पर पोस्ट किया, 'राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिकियों को उन खतरनाक विदेशी तत्वों से बचाने के अपने वादे को पूरा कर रहे हैं जो हमारे देश में आना चाहते हैं और हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।'

 ट्रंप ने किन 12 देशों पर लगाया 'ट्रैवल बैन'?

अफगानिस्तान: तालिबान के नियंत्रण में रहने वाले अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका ने कहा कि इस देश के पास पासपोर्ट जारी करने या नागरिक दस्तावेजीकरण को संभालने के लिए कोई प्रभावी केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है। उचित जांच और जांच को लेकर प्रोटोकॉल का भी अभाव है। व्हाइट हाउस के बयान में वित्तीय वर्ष 2023 डीएचएस एंट्री/एग्जिट ओवरस्टे रिपोर्ट (अनुमति या वीजा खत्म होने के बाद रहना) का संदर्भ दिया गया, जिसमें कहा गया है कि अफगान नागरिकों के पास व्यापार/पर्यटक (बी1/बी2) वीजा के लिए 9.70 प्रतिशत ओवरस्टे दर थी। ऐसे ही अफगानिस्तान से स्टूडेंट (F), वोकेशनल (M) और एक्सचेंज वीजिटर (J) वीजा कैटेगरी में भी ओवरस्टे रेट 29.30 प्रतिशत है। ओवरस्टे दरअसल उसे कहते हैं, जब कोई शख्स किसी अन्य देश में अनुमति के बगैर या वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी रूका रहता है। 

म्यांमार: अमेरिका की ओवरस्टे रिपोर्ट के अनुसार बर्मा में बी1/बी2 वीजा ओवरस्टे दर 27.07 प्रतिशत और F, M, और J वीजा ओवरस्टे दर 42.17 प्रतिशत थी। इसके अलावा म्यांमार ने अवैध रूप से अमेरिका में आए अपने नागरिकों को वापस स्वीकार करने के लिए अमेरिकी प्रशासन के साथ सहयोग नहीं किया है।

ईरान: अमेरिका ने ईरान को आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले देश के रूप में नामित किया है। व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार ईरान संभावित सुरक्षा खतरों की पहचान करने में अमेरिकी अधिकारियों के साथ लगातार असहयोग करता रहा है। अमेरिका के अनुसार यह देश वैश्विक आतंकवाद का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और अपने निर्वासित नागरिकों की वापसी को स्वीकार करने में लगातार अनिच्छा दिखाता रहा है।

इसके अलावा लीबिया, सोमालिया, सूडान, यमन जैसे देशों पर भी स्थिरता और दस्तावेजों की जांच वगैरह, पासपोर्ट प्रबंधन आदि के लिए केंद्रीय प्राधिकरण या सिस्टम की कमी का हवाला देते हुए अमेरिका ने ट्रैवल बैन लगाया है।

चाड, रिपब्लिक ऑफ कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती जैसे देशों पर भी ट्रंप प्रशासन ने बैन लगाया है। इन देशों से आने वाले नागरिकों के ओवरस्टे के खराब रिकॉर्ड का हवाला दिया गया है।

इन 7 दिशों पर आंशिक प्रतिबंध

ट्रंप ने 7 अन्य देशों पर अमेरिका की यात्रा को लेकर आंशिक प्रतिबंध भी लगाया है। इसमें बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सियेरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला जैसे देशों के नाम शामिल हैं।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी ट्रंप ने सात मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि, इस नीति में कई फेरबदल हुए और फिर 2018 में सुप्रीम कोर्ट की भी मंजूरी मिली। ट्रंप के सत्ता गंवाने के बाद डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडन ने 2021 में इन प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया था। उन्होंने ट्रंप द्वारा लिए गए फैसले को लेकर कहा था कि यह 'हमारे राष्ट्रीय विवेक पर एक धब्बा है।'