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डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर दोबारा शपथ ली। वह पहली बार साल 20 जनवरी 2017 को राष्ट्रपति बने थे। ट्रंप के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने जेडी वेंस को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।
वाशिंगटन डीसी में कड़ाके की ठण्ड के कारण 40 सालों में पहली बार शपथ कार्यक्रम अमेरिकी कैपिटल की रोटुंडा ( (संसद के अंदर बना गोलाकार कमरा) ) में आयोजित किया गया था। इससे पहले 1985 में रोनाल्ड रीगन का शपथ ग्रहण कैपिटल रोटुंडा में हुआ था। सर्द मौसम के बीच करीब 2 लाख समर्थकों के समक्ष ट्रंप ने अब्राहम लिंकन की बाइबल पर हाथ रखकर पद की शपथ ली।
शपथ से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में शिष्टाचार भेंट के लिए पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रम्प का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति बाइडेन अपनी पत्नी जिल बाइडेन के साथ मौजूद थे और दोनों ने ट्रम्प दंपति का आत्मीयता से अभिवादन किया।
उद्घाटन भाषण में ट्रम्प ने अमेरिका की पूर्ण बहाली का आह्वान किया
शपथ के बाद अपने उद्घाटन भाषण में ट्रम्प ने कहा कि वह अमेरिका फर्स्ट नीति पर काम करेंगे। मैं हमेशा अमेरिकाको प्राथमिकता दूंगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका की "संप्रभुता वापस लाई जाएगी, सुरक्षा बहाल होगी और न्याय का संतुलन कायम किया जाएगा।"
ट्रम्प ने कहा, हमारी सरकार अभी क्राइसिस का सामना कर रही है। अमेरिका का पतन का सिलसिला अब खत्म होगा। लॉस एंजिलि जैसी घटना नहीं होने देंगे। ट्रम्प ने जानलेवा हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, भगवान ने अमेरिका को दोबारा महान बनाने के लिए बचाया। जिस पर कमरे में मौजूद रिपब्लिकनों ने खड़े होकर तालियां बजाईं।
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे। हम मार्टिन लूथर किंग के सपनों को साकार करेंगे। डोनाल्ड ने कहा कि अपराधियों को संरक्षण मिलता रहा है। ऐसी सख़्ती करेंगे कि पहले किसी ने नहीं किया। अमेरिका में अवैध घुसपैठ नहीं होगी।
ट्रम्प ने यह भी कहा कि वे सरकार की उस नीति को समाप्त करेंगे जिसके तहत "सार्वजनिक और निजी जीवन के हर पहलू" में जाति और लिंग को शामिल किया जाता है, उन्होंने घोषणा की कि "आज से, यह संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार की आधिकारिक नीति होगी कि केवल दो लिंग हैं - पुरुष और महिला।"
ट्रम्प ने इस दौरान बड़ी घोषणाएं भी की। ट्रम्प ने अमेरिका में नेशनल एनर्जी इमरजेंसी की घोषणा की। उन्होंने अमेरिकी धरती पर तेल और गैस की ड्रिलिंग को विस्तार देने की प्रतिबद्धता को दोहराया। ट्रम्प ने कहा, अमेरिका को आयल और गैस का सबसे बड़ा उत्पादक देश बनाएंगे। विदेशी व्यापार को अपने पक्ष में करने के लिए कदम उठाएंगे।
ट्रम्प ने मैक्सिको बॉर्डर पर आपातकाल लगाते हुए गल्फ ऑफ मैक्सिको का नाम बदलकर गल्फ ऑफ अमेरिका करने की घोषणा की। घुसपैठ रोकने के लिए मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाई जाएगी। ट्रम्प ने प्रेस पर सेंसरशिप को खत्म कर दिया। कहा सबको बोलने की आजादी होगी। यह भी कहा की अमेरिका मे अब ड्रग तस्कर आतंकवादी घोषित किये जाएंगे। ट्रम्प ने पनामा नहर को वापस लेने की बात भी दोहराई। उन्होंने यह भी कहा की आज से 20 जनवरी को लिब्रेशन डे के रूप में जाना जाएगा। ट्रम्प ने कहा कि हम न संविधान को भूलेंगे न ही भगवान को।
ट्रम्प के शपथ ग्रहण में कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए
डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस मौके पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी भी भारतीय मेहमानों के रूप में उपस्थित थे। समारोह में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, और हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन जैसे दिग्गज अंतरराष्ट्रीय नेता शामिल हुए।
इसके अलावा, टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क, अमेज़न के कार्यकारी अध्यक्ष जेफ बेजोस, और मेटा प्लेटफॉर्म्स के सीईओ मार्क जुकरबर्ग जैसी वैश्विक तकनीकी हस्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
The 60th Presidential Inauguration Ceremony https://t.co/kTB4w2VCdI
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 20, 2025
अमेरिका के कई पूर्व राष्ट्रपतियों और उपराष्ट्रपतियों ने भी इस ऐतिहासिक समारोह में हिस्सा लिया। इनमें बिल क्लिंटन, जॉर्ज डब्ल्यू. बुश, बराक ओबामा, और पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस शामिल थे। हिलेरी क्लिंटन और जो बाइडेन भी इस अवसर पर मौजूद रहे। चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग समेत कई अन्य देशों के उच्च-स्तरीय प्रतिनिधि भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बने।