वॉशिंगटन: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को एक अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर 51 पूर्व खुफिया अधिकारियों की सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया। इन अधिकारियों ने 2020 के एक पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया था कि हंटर बाइडन के लैपटॉप से मिले कथित ईमेल वाले मामले में ‘रूस’ का हाथ हो सकता है। हंटर बाइडन पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हैं।
इन पूर्व अधिकारियों में से कई लंबे समय से सेवानिवृत्त हैं। इसका मतलब है कि इस कदम का उनके करियर पर कोई खास व्यावहारिक प्रभाव नजर नहीं आएगा। हालांकि, फिर भी ट्रंप के इस आदेश से यह संकेत मिलता है कि ट्रंप अपने कथित विरोधियों पर आने वाले दिनों में कार्रवाई कर सकते हैं।
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार सुरक्षा मंजूरी और बैकग्राउंड जांच प्रक्रिया में विशेषज्ञ वॉशिंगटन के एक वकील डैन मेयर ने कहा, ‘जब सुरक्षा मंजूरी की बात आती है तो राष्ट्रपति के पास बहुत अधिक अधिकार होते हैं। व्हाइट हाउस के सामने समस्या यह होगी कि यदि वे अपनी मौजूदा प्रक्रियाओं से हटते हैं, तो वे इन 51 लोगों के लिए न्यायिक अपील दायर कर सकते हैं – और यह संभवतः एक क्लास-एक्शन केस होगा क्योंकि वे सभी समान परिस्थितियों में हैं।’ वैसे, यह स्पष्ट नहीं है कि कितने पूर्व अधिकारियों के पास अभी भी सुरक्षा मंजूरी बरकरार है।
पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले आठ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मार्क जैद ने कहा कि ट्रंप की कार्रवाई ‘उनके दक्षिणपंथी आधार के लिए सार्वजनिक संदेश’ को दिखाता है, भले ही व्यावहारिक रूप से उन लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण न हो। उन्होंने कहा कि वह अपने किसी भी क्लाइंट की ओर से प्रशासन पर मुकदमा करेंगे जो आदेश को चुनौती देना चाहते हैं।
क्या है हंटर बाइडन से पूरा मुद्दा?
यह पूरा मुद्दा अक्टूबर 2020 के एक ईमेल से जुड़ा है। अमेरिका के ‘द न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने एक रिपोर्ट छापी थी। इसमें कुछ ईमेल का जिक्र किया गया था, जो कथित तौर पर जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन के लैपटॉप से मिले थे। विलमिंगटन के डेलावेयर में एक कंप्यूटर रिपेयर दुकान से ये ईमेल लीक हुए थे।
अखबार ने कहा कि उसने लंबे समय से ट्रंप के सहयोगी रूडी गिउलिआनी से लैपटॉप की एक हार्ड ड्राइव प्राप्त की थी, और जो बातचीत उसने प्रकाशित की है, वह यूक्रेन में हंटर बाइडेन के व्यापारिक सौदों से संबंधित था।
हालांकि, खुफिया अधिकारियों ने पत्र में दावा किया था कि ईमेल प्रामाणिक थे या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकती। साथ ही उन्होंने इस मामले में ‘रूस का हाथ’ होने की आशंका जताई थी।
हालांकि, तब ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जॉन रैटक्लिफ ने इन अधिकारियों के इस आकलन का खंडन करते हुए कहा कि ऐसे कोई सबूत नहीं हैं जिससे लगे कि रूस का हंटर बाइडन के लैपटॉप से कोई लेना-देना था। ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में जॉन रैटक्लिफ को सीआईए का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया है।
जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन पर तब आरोप लगे थे कि उन्होंने यूक्रेन के एक अभियोजक को बर्खास्त कराने के लिए अपने पिता के पद का इस्तेमाल किया था। जिस अभियोजक को बर्खास्त किया गया, वे एक कंपनी की जांच कर रहे थे, जिसमें हंटर बाइडन भी निदेशक थे। इस मामले में आरोप लगे कि बाइडन ने अपने बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए पद का गलत इस्तेमाल किया।