वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर निशाना साधते हुए चेतावनी दी है कि अगर कोई देश ब्रिक्स की 'अमेरिका विरोधी नीतियों' से जुड़ता है तो उस पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि इस मामले में किसी को नहीं बख्शा नहीं जाएगा। ट्रंप की यह नाराजगी रियो ब्रिक्स घोषणापत्र में एकतरफा टैरिफ लगाने के चलन को लेकर चिंता जताए जाने के बाद सामने आई है।
हालांकि, घोषणापत्र में अमेरिका का नाम नहीं है लेकिन यह स्पष्ट तौर पर ट्रंप प्रशासन को एक तरह से संदेश देने की कोशिश है। भारत ने भी इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के रियो घोषणापत्र में कहा गया है कि एकतरफा टैरिफ व्यापार को प्रभावित करते हैं और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के अनुकूल नहीं हैं। घोषणापत्र में यह भी कहा गया कि दबावपूर्ण उपाय लागू करना अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत है और ऐसे एकतरफा आर्थिक प्रतिबंधों जैसे उपायों के दूरगामी नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
ट्रंप ने पहले भी दी थी ब्रिक्स देशों को धमकी
ट्रंप ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर एक पोस्ट में कहा, 'ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ने वाले किसी भी देश पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाया जाएगा। इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा। इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद!'
इस साल की शुरुआत में ट्रंप ने भारत समेत ब्रिक्स देशों को धमकी दी थी कि अगर ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर को बदलने की योजना पर आगे बढ़ते हैं तो वे व्यापार पर 100% टैरिफ लगा देंगे। उन्होंने कहा था, 'अगर ब्रिक्स देश ऐसा करना चाहते हैं तो ठीक है, लेकिन हम अमेरिका के साथ उनके व्यापार पर कम से कम 100% टैरिफ लगाने जा रहे हैं।'
बहरहाल, ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका सोमवार 7 जुलाई से कई देशों को टैरिफ डील पर पत्र भेजेगा। उन्होंने लिखा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि दुनिया भर के विभिन्न देशों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के टैरिफ पत्र और/या डील, सोमवार, 7 जुलाई को दोपहर 12:00 बजे (पूर्वी समय) से भेजे जाएंगे। इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद!'
बता दें कि भारत और अमेरिका ने फरवरी में द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत शुरू की थी, जिसका सितंबर-अक्टूबर तक पहले चरण को पूरा करना है। इस बीच, दोनों पक्ष अंतरिम व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत की अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर बातचीत जारी है। इस बीच अमेरिका की ओर से कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों में भारत में निर्यात बढ़ाने के दबाव लेकर स्थितियां अब भी साफ नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार भारत ने अभी इसे रोकने को लेकर सख्य रवैया अपनाया हुआ है।