डोनाल्ड ट्रंप ने पन्नू के मर्डर की साजिश के आरोप तय करने वाले अटॉर्नी को हटाया

जे क्लेटन डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल (साल 2017-2021) में एसईसी अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं। ट्रंप ने क्लेटन को वित्तीय अनियमितताओं में उनकी विशेषज्ञता और एक सक्षम नेता के रूप में उनकी तारीफ की है।

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Who is banned organization Sikh for Justice sfj which been accused of alleged political funding to Arvind Kejriwal

गुरपतवंत सिंह पन्नू (फोटो- IANS)

वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) के पूर्व अध्यक्ष जे क्लेटन को न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले का नया यूएस अटॉर्नी के रूप में नामित किया है। इसकी जानकारी ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर दी है।

द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, जे क्लेटन संघीय अभियोजक डेमियन विलियम्स की जगह लेंगे। बता दें कि डेमियन विलियम्स को खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या समेत कई और हाई-प्रोफाइल मामलों को संभालने के लिए जाने जाते हैं।

यह वही डेमियन विलियम्स हैं जिन्होंने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या से जुड़ी मामले में भाड़े पर हायरिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे केस में एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी और एक भारतीय व्यवसायी के खिलाफ आरोप दायर किए थे।

हालांकि भारत सरकार ने इस कथित साजिश में किसी भी तरह की संलिप्तता से लगातार इनकार करते आ रहा है। ट्रंप ने लिखा है कि उन्हें जे क्लेटॉन को न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले का यूएस अटॉर्नी के रूप में नामित करने खुशी हो रही है।

कौन हैं जे क्लेटन

जे क्लेटन वॉल स्ट्रीट और वित्तीय अपराधों के विशेषज्ञ हैं। वे ट्रंप के पहले कार्यकाल (साल 2017-2021) में एसईसी अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं। ट्रंप ने क्लेटन को वित्तीय अनियमितताओं में उनकी विशेषज्ञता और एक सक्षम नेता के रूप में उनकी तारीफ की है।

न्यूयॉर्क का दक्षिणी जिला जिसकी देखरेख क्लेटन करने वाले हैं, यह जिला मैनहैटन को कवर करता है और यह निवेश और शेयर बाजार में धोखाधड़ी से संबंधित प्रमुख मामलों को संभालता है।

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गुरपतवंत सिंह पन्नू मर्डर केस: क्या है पूरा मामला

दरअसल, इसी साल अक्टबूर में अमेरिका ने दो भारतीयों पर गुरपतवंत सिंह पन्नू की 'हत्या की साजिश रचने' का आरोप लगाया था। इसमें 39 साल के विकास यादव और 53 साल के निखिल गुप्ता का नाम सामने आया था।

विकास यादव को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि वह भारत के खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का पूर्व अधिकारी है वहीं निखिल गुप्ता को जून में चेक गणराज्य से अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था। हालांकि गुप्ता ने अपने पर लगे सभी आरोपों का खंडन किया था।

रॉ के "वरिष्ठ फील्ड अधिकारी" के रूप में वर्णित यादव पर कथित तौर पर अपहरण और जबरन वसूली के आरोप में वह पहले से ही भारत में हिरासत में हैं। वह एफबीआई की "वांछित" सूची में भी है।

गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या को लेकर अभियोजन पक्ष का आरोप है कि अभियुक्तों ने किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करने का प्रयास किया था जिसके बारे में उनका मानना ​​था कि वह एक पेशेवर हत्यारा है जो बाद में एक गुप्त सरकारी एजेंट निकला था।

मामले में एक और शख्स पर आरोप लगाए गए हैं जिसे लेकर यह दावा है कि वह कथित तौर पर एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी है, हालांकि अभी तक उसके नाम का खुलासा नहीं हुआ है।

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