रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर डोनाल्ड ट्रंप ने लगाया टैरिफ: व्हाइट हाउस

पत्रकारों को संबोधित करते हुए अमेरिकी प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि उनका (डोनाल्ड ट्रंप) उद्देश्य मास्को पर 'और दबाव' डालना था। साथ ही कहा गया कि ट्रंप शांति प्रयासों में तेजी लाने के लिए दृढ़ हैं।

White House

Photograph: (IANS)


वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस ने मंगलवार को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूस पर दबाव बनाने के प्रयासों के तहत भारतीय वस्तुओं पर भारी अतिरिक्त शुल्क लगाया। ट्रंप ने भारत पर पहले घोषित टैरिफ पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाते हुए इसे 50 प्रतिशत कर दिया है। अतिरिक्त टैरिफ भारत पर 27 अगस्त से लागू होगा।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए अमेरिकी प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, 'देखिए, राष्ट्रपति ने इस युद्ध को समाप्त करने के लिए जबरदस्त पब्लिक प्रेशर डाला है। उन्होंने, जैसा कि आपने देखा है, भारत पर प्रतिबंध और अन्य कदम उठाए हैं।' 

लेविट ने आगे कहा कि उनका उद्देश्य मास्को पर 'और दबाव' डालना था। इससे पहले ट्रंप ने इसी हफ्ते की शुरुआत में व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की मेजबानी की। दोनों नेताओं ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संभावित त्रिपक्षीय वार्ता की दिशा में प्रगति का संकेत दिया है। ट्रंप ने वार्ता को 'एक बहुत ही सफल दिन' बताया, जबकि जेलेंस्की ने इसे अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अब तक की 'सबसे अच्छी बातचीत' कहा।

ट्रंप शांति के लिए तेजी से प्रयास कर रहे है: व्हाइट हाउस

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, लेविट ने जोर देकर कहा कि ट्रंप शांति प्रयासों में तेजी लाने के लिए दृढ़ हैं। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति आगे बढ़ना चाहते हैं और इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करना चाहते हैं।' उन्होंने यह भी बताया कि ट्रंप की पुतिन के साथ हालिया मुलाकात के बाद वाशिंगटन आए यूरोपीय नेताओं और नाटो प्रमुखों ने भी इस बातचीत को 'एक बेहतरीन पहला कदम' माना है। उन्होंने आगे दावा किया कि यूरोपीय नेता ट्रंप द्वारा रूस की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए 'बहुत आभारी' हैं, और कहा कि ये कुछ 'ऐसा कुछ है जो पिछले प्रशासन ने बिल्कुल नहीं किया था।'

लेविट ने ट्रंप के इस पुराने दावे को भी दोहराया कि अगर वह सत्ता में होते तो युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन खुद भी इस बात से सहमत थे। एक पत्रकार के सवाल पर उन्होंने कहा, 'सच है। क्या आप इसे सच मानते हैं? यूरोपीय नेता तो मानते ही हैं। और राष्ट्रपति पुतिन ने खुद भी यही कहा है।' 

उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि ट्रंप नाटो और यूरोपीय सहयोगियों के साथ दीर्घकालिक सुरक्षा गारंटी पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'वह इसकी ज़रूरत समझते हैं... उन्होंने इस युद्ध को खत्म करने में बहुत समय, ऊर्जा और मेहनत लगाई है, और वह ऐसा करने के लिए दृढ़ हैं।'

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