वॉशिंगटन: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने के मामले में गलतयबयानी के मामले में कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मैनहट्टन में न्यूयॉर्क राज्य की अदालत में जज जुआन मर्चन ने शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप को बिना शर्त बरी कर दिया जबकि वे दोषी ठहराए जा चुके थे। इस फैसले के बाद नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को अब न तो जेल जाना होगा और न ही कोई जुर्माना या कोई और सजा भुगतनी होगी। यह मामला ट्रंप के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के अभियान से जुड़ा था।
न्यूयॉर्क के कानून के अनुसार किसी व्यक्ति को किसी बात को गुप्त रखने के लिए पैसा देना अपराध नहीं है लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प ने पोर्न स्टार स्टार्मी डेनियल को दिये गये पैसे का हिसाब कारोबारी खर्च में दिखाया था जो कानून अपराध था। पोर्न स्टार से सम्बन्ध से ट्रम्प ने इनकार किया था और पोर्न स्टार को उन्होंने अपने वकील के माध्यम से पैसे दिलवाये थे ताकि वह इस मामले पर कोई बयान न दें।
ट्रंप आधिकारिक तौर पर 10 दिनों में राष्ट्रपति पद संभालने वाले हैं। इस तरह वे पहले ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं (पूर्व और वर्तमान) जिन पर आपराधिक मुकदमा चला, दोषी करार दिए गए और सजा पर भी सुनवाई हुई। हालांकि, कोर्ट ने बिना किसी शर्त बरी करने की बात कही। इसके साथ ही यह मामला खत्म हो गया है।
पिछले हफ्ते जज मर्चन ने कहा था कि वे सजा सुनाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ेंगे। ऐसे में ट्रंप ने अपनी सजा को लेकर कार्यवाही को रोकने का अंतिम समय में प्रयास किया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और इस पर रोक की मांग की थी। हालांकि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप के कार्यवाही को रोकने के अनुरोध को खारिज कर दिया था।
‘ट्रंप की जीत से प्रभावित है सजा’
मर्चन ने यह कहते हुए अपनी सजा सुनाई कि यह ट्रंप की हालिया राष्ट्रपति चुनाव की जीत से प्रभावित है। उन्होंने कहा, ‘वह इस देश के नागरिक थे जिन्होंने हाल ही में निर्णय लिया कि एक बार फिर आपको उन सुरक्षाओं का लाभ मिलना चाहिए जिनमें अन्य बातों के अलावा, सर्वोच्चता क्लॉज और राष्ट्रपति को मिलने वाली छूट शामिल है। यह उस लेंस और उस वास्तविकता से जुड़ा है कि इस अदालत को एक वैध सजा निर्धारित करनी चाहिए।’
जज ने आगे कहा, ‘इस अदालत ने निर्धारित किया है कि एकमात्र वैध सजा जो सर्वोच्च पद पर अतिक्रमण किए बिना दोषसिद्धि के फैसले में दी जा सकती है, वह है बिना शर्त मुक्ति। इसलिए, इस समय मैं सभी 34 मामलों उन्हें बरी किए जाने की सजा देता हूं।’
मर्चन ने ये भी कहा कि यह असाधारण मामला था। उन्होंने कहा कि इससे पहले अदालत ने कभी भी ऐसे अनोखे हालात का सामना नहीं किया था। मर्चन ने अंत में कहा, ‘सर मैं शुभकामना देता हूं कि आप कार्यालय में अपना दूसरा कार्यकाल ग्रहण करें।’ ट्रंप को 30 मई को अपराध करने के इरादे से बिजनेस रिकॉर्ड में हेराफेरी करने का दोषी पाया गया था।
वैसे पिछले साल छह सप्ताह तक चले इस मुकदमे की सुनवाई करने वाले जस्टिस जुआन मर्चेन ने पहले ही संकेत दिया था कि उनकी योजना ट्रंप को जेल भेजने या उन पर जुर्माना लगाने की नहीं है। लेकिन बिना शर्त रिहाई देकर वह ट्रंप के स्थायी रिकॉर्ड में दोषसिद्धि का फैसला दर्ज कर देंगे।
क्या है हश मनी केस, जिसमें ट्रंप पाए गए थे दोषी
ट्रंप पर एक पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल को किए गए 130,000 डॉलर (आज की तारीख में 1 करोड़ से ज्यादा रुपये) के भुगतान को कानूनी खर्च के रूप में अकाउंट बुक्स में दिखाकर कानून का उल्लंघन करने का आरोप था। आसान शब्दों में समझे तो ट्रंप को इस बात के लिए दोषी ठहराया गया था कि स्टॉर्मी डेनियल को देने के लिए जो पैसे उन्होंने अपने वकील को दिए थे, उसे उन्होंने अपने बिजनेस रिकार्ड में बतौर अन्य कोई खर्चा दिखाया था। पैसे का भुगतान ट्रंप के वकील के माध्यम से स्टॉर्मी डेनियल को किया गया था ताकि वह ट्रंप के साथ अपने यौन संबंध के बारे में खामोश रहें।
पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के खिलाफ़ चुनाव लड़ने वाली उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके समर्थकों ने इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाया, लेकिन मतदाताओं ने इसे नजरअंदाज कर दिया। वहीं चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने खुद को राजनीतिक रूप से प्रेरित अभियोगों से पीड़ित एक शहीद के रूप में पेश किया।
डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले हैं। 78 वर्षीय ट्रंप मामले में हमेशा खुद को निर्दोष बताते रहे हैं।