कुछ मतभेद, फैक्ट चेकिंग और सहमति...ट्रंप और मैक्रों के बीच यूक्रेन पर क्या बात हुई?

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इमैनुएल मैक्रों अमेरिकी दौरे पर पहुंचने वाले पहले यूरोपीय नेता रहे। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात ऐसे समय पर हुई, जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के तीन साल हो चले हैं।

Donald Trump, Emmanuel Macron

डोनाल्ड ट्रंप और इमेनुअल मैक्रों Photograph: (IANS)

वॉशिंगटन: फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों ने सोमवार को व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन के मुद्दे पर अपने-अपने दृष्टिकोण में भारी मतभेद नजर आए। जबकि दोनों इस बात पर भी जोर दे रहा था कि वे शांति चाहते हैं।

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद मैक्रों अमेरिकी दौरे पर पहुंचने वाले पहले यूरोपीय नेता रहे। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात ऐसे समय पर हुई, जब यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के तीन साल हो चले हैं। इसके अलावा यूरोप और ट्रंप के मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। ट्रंप ने हाल में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को 'तानाशाह' तक करार दिया था। यही नहीं, सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन युद्ध पर प्रस्ताव पर हुए वोटिंग में अमेरिका ने अपना स्टैंड बदलते हुए रूस का साथ दिया।

मैक्रों-ट्रंप की मीटिंग...कई मतभेद

मैक्रों और ट्रंप के बीच बैठक एक स्पष्ट संकेत दे गई कि दोनों नेताओं के बीच कुछ मुद्दों पर साफ तौर पर मतभेद है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया कि यूक्रेन में कोई भी शांति समझौता सुरक्षा गारंटी के साथ होना चाहिए। 

मैक्रों ने ट्रंप के साथ मुलाकात में कहा, 'इस शांति का मतलब यूक्रेन का आत्मसमर्पण नहीं होना चाहिए। इसका मतलब बिना गारंटी के युद्धविराम नहीं होना चाहिए। इस शांति को यूक्रेनी संप्रभुता से समझौते की अनुमति नहीं देनी चाहिए। यूक्रेन को उन मुद्दों के संबंध में अन्य हितधारकों के साथ बातचीत करने की अनुमति देनी चाहिए जो इसे प्रभावित करते हैं।'

दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह जल्द से जल्द युद्धविराम चाहते हैं, जबकि मैक्रों ने सुझाव दिया कि युद्धविराम और फिर शांति समझौता ऐसा हो जिसमें यूक्रेन की दीर्घकालिक सुरक्षा के लिए स्पष्ट गारंटी शामिल होगी।

एक अन्य मुद्द जहां दोनों नेताओं की राय अलग-अलग थी, वह ये कि यूक्रेन को अपने क्षेत्र का कितना हिस्सा रूस को रखने की अनुमति देनी होगी। इस पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं यह बहुत स्पष्ट रूप से कहता हूं, हम यूरोपीय लोगों के लिए सुरक्षा के बारे में बात कर रहे हैं। मैं यह बात कई हफ्तों से कह रहा हूं। यदि हम यूरोप के भीतर इस क्षेत्र की सुरक्षा की गारंटी नहीं देते हैं, तो हम सभी के लिए अपनी सुरक्षा की गारंटी कैसे दे सकते हैं?'

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने आगे कहा, 'हम यूक्रेन से केवल 1,500 किलोमीटर दूर रहते हैं, और जर्मन और पोलैंड तो और भी करीब हैं। इसलिए हमारी सामूहिक सुरक्षा महत्वपूर्ण है। यूरोपीय लोग अपनी सामूहिक सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं।'

हालाँकि, ट्रंप ने कहा कि रूस को जमीन वापस देने के लिए मजबूर करना 'आसान बात नहीं है।'

ट्रंप को जब मैक्रों ने बीच में रोका

मैक्रों और ट्रंप दोनों के बीच मतभेद उस समय खुलकर सामने आ गया जब फ्रांसीसी नेता ने यूक्रेन के लिए यूरोपीय समर्थन की बात पर अपने अमेरिकी समकक्ष को 'सही करने' का प्रयास किया।

ट्रंप कह रहे थे, 'जैसा कि आप समझते हैं, यूरोप यूक्रेन को पैसा उधार दे रहा है। उन्हें अपना पैसा वापस मिल रहा है।' इसी समय मैक्रों ने हस्तक्षेप करते हुए ट्रंप का हाथ पकड़ा और उन्हें बीच में रोकते हुए अपनी बात रखने लगे।

मैक्रों ने कहा, 'नहीं, सच कहूँ तो, हमने भुगतान किया। हमने कुल प्रयास का 60 प्रतिशत भुगतान किया। यह अमेरिका की तरह था- ऋण, गारंटी, अनुदान।' मैक्रों के बोलने के बाद ट्रंप ने मुस्कुराते हुए बस इतना कहा, 'यदि आप ऐसा मानते हैं, तो यह मेरे लिए ठीक है।'

यूक्रेन में यूरोप की शांति सेना होगी तैनात

दोनों नेताओं के बीच मतभेदों के बावजूद कुछ समझौते भी हुए। ट्रंप लंबे समय से शिकायत करते रहे हैं कि अमेरिका की तुलना में यूरोप यूक्रेन को समर्थन देने के लिए पर्याप्त भुगतान नहीं कर रहा है। मैक्रों ने सोमवार को मुलाकात के दौरान स्वीकार किया कि यूरोपीय देश और अधिक सहयोग दे सकते हैं।

इसके अलावा एक बार शांति समझौता हो जाने पर दोनों नेता यूरोपीय शांति सेना की तैनाती पर भी सहमत हुए। मैक्रों ने कहा, 'वे अग्रिम पंक्ति में नहीं होंगे। वे किसी भी संघर्ष का हिस्सा नहीं होंगे। वे यह सुनिश्चित करने के लिए वहां मौजूद रहेंगे कि शांति के शर्तों का सम्मान किया जाए।'

ट्रंप ने भी इसे स्वीकार कर लिया और कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी ऐसा करेंगे। ट्रंप ने शांति सेना की तैनाती पर पुतिन की स्थिति के बारे में कहा, 'हां, वह इसे स्वीकार करेंगे। मैंने विशेष रूप से उनसे यह प्रश्न पूछा था। उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है।'

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