फिलिस्तीन के समर्थन और इजराइल के विरोध में कैंपस में हुए प्रदर्शनों के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की तरफ से एक के बाद एक कार्रवाई जारी है। अमेरिकी शिक्षा विभाग ने यूनिवर्सिटी को रिसर्च और अन्य वित्तीय मदद के रूप में मिलने वाले अरबों डॉलर के फंड्स को रोक दिया है। विभाग ने सोमवार को इस बात की जानकरी यूनिवर्सिटी प्रशासन को दी है। वहीं, इसके जवाब में हार्वर्ड ने कहा कि वह "रिसर्च को दबाने के उद्देश्य से किए जा रहे अवैध सरकारी अतिक्रमण" का विरोध करना जारी रखेगा। यानी हार्वर्ड ने साफ शब्दों में कहा है कि यूनिवर्सिटी ट्रंप के दबाव के आगे नहीं झुकेगी।
पिछले साल अप्रैल में देश के कुछ सबसे प्रमुख यूनिवर्सिटी कैंपस में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने उनपर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी। इसी उनके निशाने पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी है जिसने सरकार की मांगों के सामने झुकने से इनकार कर दिया।
शिक्षा सचिव (एडुकेशन सेक्रेटरी) लिंडा मैकमोहन ने हार्वर्ड के प्रेसिडेंट को एक लेटर भेजा और उसे ऑनलाइन पोस्ट किया गया है। इसमें लिखा है कि यूनिवर्सिटी को "अब फेडरल सरकार से अनुदान नहीं मांगना चाहिए, क्योंकि कोई भी अनुदान दिया नहीं जाएगा। " उन्होंने आरोप लगाया कि हार्वर्ड "अपने कानूनी दायित्वों, अपने नैतिक और विश्वासी कर्तव्यों, अपनी पारदर्शिता जिम्मेदारियों और अकादमिक कठोरता के किसी भी अंश का पालन करने में विफल रहा है। "
हार्वर्ड पर ट्रंप की बड़ी कार्रवाई
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह रोक तब तक जारी रहेगा जब तक कि हार्वर्ड ट्रंप प्रशासन की मांगों को स्वीकार नहीं कर लेता है। विभाग ने यूनिवर्सिटी से कैंपस में कथित एंटीसेमिटिज्म यानी यहूदी विरोधी गतिविधियों, स्टूडेंट्स रेस पॉलिसी, और संस्थान में अनुदान लेने पर रोक लगाने वाले फैसले के बारे में सफाई मांगी है।
शिक्षा विभाग की सचिव, लिंडा मैकमैहन ने एक चिट्ठी में कहा कि हार्वर्ड को संघीय सरकार से अनुदान नहीं मांगना चाहिए, क्योंकि अब कोई अनुदान नहीं दिया जाएगा। हार्वर्ड ने इस पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने यह कदम उठाने के लिए कानूनी सीमाओं को ध्यान में रखते हुए नया तरीका अपनाया है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को भी अब देना होगा टैक्स
फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के बाद ट्रंप प्रशासन ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप लगाए थे कि कैंपस में यहूदी विरोधी गतिविधियां चल रही हैं। ट्रंप प्रशासन ने कैंपस में ऐसे समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने और विरोध-प्रदर्शनों पर मास्क बैन लगाने की मांग रखी थी। हालांकि, यूनिवर्सिटी की तरफ से ऐसे आरोपों से इनकार किया गया है। ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन की डिमांड के मुताबिक, कैंपस प्रोटेस्टर्स पर किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे ट्रंप प्रशासन की नाराजगी बढ़ी है।
हार्वर्ड ने ट्रंप प्रशासन की कई मांगों का विरोध किया, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है। यूनिवर्सिटी ने सरकार के खिलाफ मुकदमा भी दायर कर रखा है और इस बात पर जोर दिया है कि अनुदान में कटौती से मरीजों, छात्रों, शिक्षकों, और शोधकर्ताओं पर गंभीर प्रभाव पड़ेंगे। हार्वर्ड का मुकाबला करने के लिए, ट्रंप प्रशासन ने 9 अरब डॉलर के संघीय वित्त मदद की समीक्षा शुरू की थी। हार्वर्ड ने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन की मांगें बहुत ज्यादा हैं और वे यूनिवर्सिटी के नियंत्रण को सरकार के अधीन करने की कोशिश कर रही है।