वॉशिंगटन: चेहरे पर खून और सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों के बीच मुट्ठी बांधकर जोशिले अंदाज में समर्थकों की देखते डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर क्या अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दशा और दिशा पूरी तरह से बदल देगी? अमेरिकी के राष्ट्रपति चुनाव की आपाधापी के बीच यह तस्वीर अब ऐतिहासिक मानी जा रही है।

ट्रंप अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में चुनावी रैली के दौरान एक बेहद जानलेवा हमले में बाल-बाल बचे, गोली उनके दाहिने कान को छू कर निकल गई। इसके बावजूद कुछ ही क्षणों बाद ट्रंप जिस अंदाज में नजर आए, वो अब राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।

जो बाइडन और डेमोक्रेट्स के लिए मुकाबला मुश्किल

जो बाइडन ने ट्रंप पर हुए हमले की निंदा की है। घटना के बाद वे टीवी पर आए और कहा कि अमेरिकी में ऐसी राजनीतिक हिंसा की कोई जगह नहीं है। साथ ही बाइनड ने खुद ट्रंप से फोन पर बात भी की और हालचाल जाना। हालांकि, जहां तक चुनाव की बात है, ये तय है कि इस घटना ने मौजूदा राष्ट्रपति के लिए चुनौती और बढ़ दी है। बाइडन पहले से ही दबाव में हैं। उनकी अपनी ही पार्टी के भीतर आवाजें उठ रही हैं कि वे राष्ट्रपति चुनाव से कदम पीछे खींच ले और किसी और को मौका दिया जाए। बाइडन अभी तक इससे इनकार करते रहे हैं। इन सबके बीच विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ट्रंप पर हमले की घटना ने राजनीतिक परिदृश्य और आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण बदलाव ला दिया है।

क्लिंटन कैंपेन के सलाहकार रहे अनुभवी डिक मॉरिस ने कहा कि ट्रंप की हत्या का प्रयास चुनाव के इस साल में रिपब्लिकन के लिए फायदेमंद साबित होने जा रहा है और यह डेमोक्रेट के लिए समस्याएं पैदा करेगा। एक पॉडकास्ट में उन्होंने कहा, 'तुल्नात्मक रूप से दौड़ खत्म हो गई है। वे (ट्रंप) अगर जीवित रहे तो जीतेंगे। एक गोली के अलावा ट्रंप के रास्ते में अब कुछ भी नहीं आ सकता।'

न्यू यॉर्क पोस्ट के अनुसार मॉरिस ने माना कि ताजा घटनाक्रम डेमोक्रेट्स की तुलना में रिपब्लिकन को 10-15 अधिक अंक दिला सकती है। इस बढ़त से बाइडन और डेमोक्रेट्स के लिए मुकाबला और मुश्किल होगा। खासकत स्थिति और गंभीर तब बन जाती है जब 81 वर्षीय बाइडन के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर भी विवाद चल रहे हैं।

गोली चलने के बाद ट्रंप द्वारा जोशीले अंदाज में मुट्ठियां बांधने का जिक्र करते हुए मॉरिस ने कहा, 'यह अद्भुत था...यह इतिहास में दर्ज किया जाएगा। जाहिर तौर पर इससे उन्हें मतदान में मदद मिलेगी। सवाल यह है कि कितना और क्या प्रभाव पड़ेगा।'

टीवी विज्ञापनों को हटा रहे डेमोक्रेट्स

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप पर जानलेवा हमले के बाद बाइडन के लिए कैंपेन करने वाली टीम ने पूर्व राष्ट्रपति को लेकर सभी राजनीतिक बयानबाजियों को फिलहाल रोक दिया है। साथ ही ट्रंप पर निशाना साधते टीवी विज्ञापनों को भी जल्द से जल्द हटाया जा रहा है। बाइडन की टीम जहां पूरे घटनाक्रम के बाद रक्षात्मक मोड में आ गई है, वहीं रिपब्लिकन हमलावर हो गए हैं।

कई रिपब्लिकन ऐसी हिंसा के लिए बाइडन और डेमोक्रेट्स के बयानों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वे आरोप लगा रहे हैं कि बयानबाजियों से ऐसा माहौल बनाया गया कि स्थिति इस हद तक चली गई है।नरिपब्लिकन इसके लिए डेमोक्रेट्स पर पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर तानाशाही और लोकतंत्र को खतरे में डालने जैसे गंभीर आरोप लगाने वाले बयानों का उदाहरण दे रहे हैं।

खासकर बाइडन के पिछले हफ्ते अपने दानकर्ताओं से निजी बातचीत के लीक हुए अंश का भी जिक्र रिपब्लिकन कर रहे हैं। इसमें ट्रंप के पिछले कार्यकाल के रिकॉर्ड को लेकर समर्थकों से हमले और बढ़ाने और उन पर नजर रखने की बात कही जा रही है।

डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर ने रविवार को एक टेलीविजन इंटरव्यू में कहा, 'उन्होंने उन्हें कई अन्य तरीकों से बाहर निकालने की कोशिश की है, उन्होंने उन्हें जेल में डालने की कोशिश की है। यह लगभग वैसा ही था जैसे उन्हें ऐसा होना पंसद है।'

टेलीग्राफ के अनुसार ट्रम्प ने अपने अभियानों से अब तक कुछ ऐसा दिखाने की कोशिश की है कि जैसे संघीय अभियोजकों, जजों, चुनाव अधिकारियों और प्रतिद्वंद्वी राजनेताओं सहित हर कोई उनके पीछे पड़ा है। ताजा घटना कई वोटर्स के मन में उनके बयान के प्रमाण के तौर पर नजर आएगा। दिलचस्प बात यह है कि पूर्व राष्ट्रपति ने गोलीबारी के बाद से ऐसे बयान का जिक्र नहीं किया है। उसके उलट उन्होंने 'डरो मत' और 'अमेरिकी लोग बुराई जो नहीं जीतने देंगे' जैसे शब्दों के जरिए एक परिपक्व राजनेता जैसा व्यवहार दिखाया। जानकारों के अनुसार इस घटना से ट्रंप पर चल रहे आपराधिक मामले पर भी असर पड़ने की संभावना है।