वॉशिंगटन: भारत पर रूस से व्यापार पर रोक लगाने का लगातार दबाव बना रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें अमेरिका के मॉस्को से उर्वरक, रसायन आदि कुछ चीजें आयात करने के बारे में कुछ नहीं पता है। ट्रंप की यह प्रतिक्रिया उस समय आई जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने इस संबंध में सवाल पूछा।
व्हाटइस हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक रिपोर्टर ने पूछा, 'भारत कह रहा है कि अमेरिका खुद रूसी यूरेनियम और उर्वरक खरीदता है, जबकि वह रूसी ऊर्जा खरीदने के लिए उसकी आलोचना कर रहा है। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?' ट्रंप ने जवाब दिया, 'मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। हमें इस बारे में जाँच करनी होगी।'
#WATCH | Responding to ANI's question on US imports of Russian Uranium, chemical fertilisers while criticising their (Indian) energy imports', US President Donald Trump says, "I don't know anything about it. I have to check..."
— ANI (@ANI) August 5, 2025
(Source: US Network Pool via Reuters) pic.twitter.com/OOejcaGz2t
ट्रंप की यह टिप्पणी ट्रुथ सोशल पर उनके उस तीखे बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने भारत पर और भारी टैरिफ लगाने की बात कही थी। उन्होंने भारत पर रूसी तेल खरीदकर और उसे दोबारा बेचकर भारी मुनाफा कमाने और चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध से लाभ उठाने का आरोप लगाया। ट्रंप ने पोस्ट किया था, 'भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए तेल का एक बड़ा हिस्सा खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच रहा है। उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि रूसी युद्ध मशीन द्वारा यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं। इस वजह से, मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ में भारी वृद्धि करूँगा। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!!!"
भारत ने हालांकि ट्रंप के आरोपों को तुरंत खारिज कर दिया और उन्हें "अनुचित और बेबुनियाद" बताया।
विदेश मंत्रालय ने एक कड़े बयान में रूस के साथ भारत के ऊर्जा व्यापार का बचाव करते हुए इसे यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक बाजार में आई उथल-पुथल के मद्देनजर एक रणनीतिक आवश्यकता बताया। सोमवार देर रात जारी एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारत ने रूस से आयात इसलिए शुरू किया क्योंकि संघर्ष शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी। उस समय अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता को मजबूत रखने के लिए भारत द्वारा इस तरह के आयात को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया था। भारत के आयात का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा सुनिश्चित करना है। वैश्विक बाजार की स्थिति के कारण ये एक अनिवार्य आवश्यकता है। हालाँकि, यह उजागर हो रहा है कि भारत की आलोचना करने वाले वही देश खुद रूस के साथ व्यापार में लिप्त हैं।'
बयान में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि भारत का आयात अपने उपभोक्ताओं के लिए किफायती और भरोसेमंद ऊर्जा पहुँच सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
अमेरिका और यूरोपीय देशों को जवाब
भारत ने यह भी बताया कि अमेरिका सहित पश्चिमी देश रूसी वस्तुओं का आयात जारी रखे हुए हैं। भारत ने उदाहरण के तौर पर परमाणु संयंत्रों के लिए यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण के लिए पैलेडियम, और उर्वरक एवं अन्य रसायन गिनाए जो पश्चिमी देश रूस से आयात करते हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों के 'दोहरे मानदंडों' और पाखंड की आलोचना की। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'यह उजागर करता है कि भारत की आलोचना करने वाले देश खुद रूस के साथ व्यापार में लिप्त हैं (यूक्रेन युद्ध के बावजूद)।' बता दें कि ट्रंप ने फिलहाल यह साफ नहीं किया है कि वे भारत और कितना टैरिफ बढ़ाएंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि 'बड़े कदमों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।'