अलास्का में 15 अगस्त को होगी डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन की बैठक, यूक्रेन युद्ध को रोकने का निकलेगा रास्ता?

रूसी प्रवक्ता यूरी उशाकोव ने बैठक की पुष्टि की और कहा, “रूस और अमेरिका पड़ोसी देश हैं, इसलिए दोनों देशों के नेताओं की इतनी अहम और लंबे समय से प्रतीक्षित बैठक का यहां होना बिल्कुल स्वाभाविक है।”

russia slams donald trump for warning against india over trade deal with country

Photograph: (बोले भारत डेस्क)

न्यूयॉर्क: यूक्रेन युद्ध में युद्ध विराम की उम्मीदें बढ़ने के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अगले शुक्रवार (15 अगस्त) एक अहम बैठक करने की घोषणा की है। यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने भारत 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जो रूस से तेल खरीदने के कारण लगाया गया है। 

ट्रंप ने शुक्रवार को ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “मेरी और पुतिन की लंबे समय से प्रतीक्षित बैठक अगले शुक्रवार, 15 अगस्त 2025, को अमेरिका के अलास्का राज्य में होगी।” उन्होंने कहा कि आगे की जानकारी जल्द दी जाएगी।

यह ऐलान इसलिए चौंकाने वाला था क्योंकि गुरुवार को ही ट्रंप ने कहा था कि वे पुतिन से “बहुत निराश” हैं, हालांकि उन्होंने बातचीत में प्रगति की भी बात कही थी। पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन शांति चाहते हैं और यूक्रेन के राष्ट्रपति भी अब शांति चाहते हैं। हाल की घटनाएं इस दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकती हैं।” उन्होंने भारत से जुड़े मामले पर टिप्पणी नहीं की, जो शायद 25 प्रतिशत शुल्क के मुद्दे से संबंधित था।

बुधवार को ट्रंप ने भारत का नाम लेकर कहा था कि रूस से तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। इसे रूस पर आर्थिक दबाव डालने की कोशिश के रूप में देखा गया, ताकि भारत मास्को को तेल से होने वाली कमाई कम कर दे।

पीएम मोदी और पुतिन के बीच हुई है बात

वहीं, बैठक की तैयारी के लिए पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर अमेरिका के साथ हुई यूक्रेन पर बातचीत की जानकारी दी। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि “भारत और रूस के विशेष संबंधों को देखते हुए, पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीवन विटकॉफ से हुई बैठक के मुख्य नतीजे साझा किए।” भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि “प्रधानमंत्री ने पुतिन का धन्यवाद किया और भारत की राय दोहराई कि विवाद का हल शांति से होना चाहिए।”

शुक्रवार को ट्रंप द्वारा रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की अंतिम तारीख थी, जिसमें रूस से ऊर्जा खरीदने वाले देशों पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात थी। लेकिन अब बैठक तय होने के कारण उन्होंने नए प्रतिबंध नहीं लगाए।

रूसी प्रवक्ता यूरी उशाकोव ने भी बैठक की पुष्टि की और कहा, “रूस और अमेरिका पड़ोसी देश हैं, इसलिए दोनों देशों के नेताओं की इतनी अहम और लंबे समय से प्रतीक्षित बैठक का यहां होना बिल्कुल स्वाभाविक है।”

ट्रंप ने जताया युद्धविराम का भरोसा

अलास्का रूस से लगभग 90 किलोमीटर दूर है, जो बेरिंग जलडमरूमध्य द्वारा अलग होता है। ट्रंप का कहना है कि उनकी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई और शांति की "बहुत अच्छी संभावना" है।

हालांकि युद्धविराम जल्द ही हो सकता है, लेकिन समझौता जटिल होने की संभावना है। ट्रंप ने इस बात को स्वीकार किया और कहा कि जेलेंस्की "किसी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए" आवश्यक सभी चीजें हासिल करने के लिए "कड़ी मेहनत" कर रहे हैं।

वहीं, क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा, पुतिन की यह भी मांग है कि यूक्रेन कभी भी नाटो में शामिल न हो, और जेलेंस्की अमेरिका या नाटो से यह गारंटी चाहते हैं कि रूस युद्ध फिर से शुरू न करे।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article