वाशिंगटनः अमेरिका में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों के उतरने की उम्मीद है। ये प्रदर्शन अमेरिकी के सभी राज्यों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क की नीतियों के खिलाफ किए जाने की उम्मीद है। इस आंदोलन का नाम "हैंड्स ऑफ" रखा गया है। इस आंदोलन का समर्थन अमेरिका में करीब 150 नागरिक अधिकार समूह समर्थन कर रहे हैं। 

आंदोलन का समर्थन करने वाले एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी के लोग, वकील, निष्पक्ष चुनाव के पक्षधर, व्यापारिक संगठनों ने देशभर के 50 राज्यों में 1200 से अधिक रैलियां आयोजित की हैं। 

प्रदर्शन के लिए राजधानी वाशिंगटन स्थित राष्ट्रीय माल में भारी संख्या में लोगों के जुटने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा राजधानी की अन्य बड़ी जगहों पर भी भारी संख्या में लोगों के जुटने की योजना है। 

क्यों जुट रहे हैं प्रदर्शनकारी? 

दरअसल, यह प्रदर्शन अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप और डोज प्रमुख एलन मस्क की नीतियों में बदलाव के चलते हो रहा है। आलोचकों का मानना है कि इससे लोगों की नौकरियां छिन सकती हैं और उनकी नागरिक अधिकार कम सकते हैं। इसके अलावा जरूरी सेवाओं पर भी असर देखने को मिल सकता है। 

प्रदर्शनकारी प्रशासन के उन प्रयासों के चलते चिंतित हैं जिनमें हजारों की संख्या में कामगारों को निकाला जा सकता है। इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा कार्यालयों को बंद करने को लेकर भी विरोध जारी है। वहीं, सरकार की तरफ से ट्रांसजेंडर के अधिकारों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में फंड की कटौती को लेकर भी चिंतित हैं। 

अरबपति एलन मस्क जो कि नए बनाए गए विभाग डोज के प्रमुख हैं। मस्क इन दिनों अपनी नीतियों के कारण विवादों के घेरे में हैं क्योंकि उन्होंने खुद को करदाताओं के पैसे को बचाने और फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए पेश किया है। पहले भी वह कह चुके हैं कि वह करदाताओं के खरबों रुपये बचा रहे हैं।

हालांकि ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद कई बार ट्रंप और मस्क के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं लेकिन ये प्रदर्शन व्यापक स्तर पर नहीं हुए हैं। साल 2017 में ट्रंप के खिलाफ महिलाओं ने व्यापक स्तर पर मार्च किया था तो वहीं 2020 में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन भी व्यापक स्तर पर हुआ था।