नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के बाद वैश्विक बाजार में हाहाकार मचा हुआ है। लगातार गिरावट जारी है। इस बीच एक ऐसी खबर आई कि ट्रंप टैरिफ पर 90 दिनों की रोक लगाने पर विचार कर रहे हैं। खबर सामने आते ही वॉल स्ट्रीट से लेकर एशियाई बाजारों तक में जोरदार उछाल देखा गया। लेकिन राहत की यह लहर ज्यादा देर नहीं टिक सकी। व्हाइट हाउस ने अगले ही पल इस दावे को खारिज कर दिया और इसे फर्जी और गलत बता दिया।
दरअसल सीएनबीसी और रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप चीन को छोड़कर सभी देशों पर लगे शुल्क को 90 दिनों के लिए स्थगित करने पर विचार कर रहे हैं। इस अटकल के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में तेज उछाल देखने को मिला। लेकिन व्हाइट हाउस ने अगले ही पल इन खबरों को झूठा और भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया।
Wrong. Fake News. https://t.co/XOLyli5AOS
— Rapid Response 47 (@RapidResponse47) April 7, 2025
अमेरिका में महंगाई नहीं, टैरिफ से हर हफ्ते आ रहे अरबों डॉलरः ट्रंप
बाजारों में गिरावट और महंगाई को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच ट्रंप एक्स पोस्ट में दावा किया है कि अमेरिका में तेल, ब्याज दरें और खाद्य पदार्थों के दाम घट रहे हैं और देश में महंगाई नहीं है। उन्होंने कहा कि जो देश लंबे समय से अमेरिका का शोषण करते आए हैं, उन पर पहले से लागू टैरिफ के जरिए अमेरिका हर हफ्ते अरबों डॉलर कमा रहा है।
ट्रंप ने पोस्ट में आगे चीन पर सबसे बड़ा “शोषक” होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसके बाजार चरमरा रहे हैं, फिर भी उसने हाल ही में अपने टैरिफ में 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है- जबकि पहले से ही वहां टैरिफ काफी ऊंचे हैं। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अन्य देशों को चेताया था कि अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई न करें, लेकिन उन्होंने वर्षों तक अमेरिका का अनुचित लाभ उठाया है।
Oil prices are down, interest rates are down (the slow moving Fed should cut rates!), food prices are down, there is NO INFLATION, and the long time abused USA is bringing in Billions of Dollars a week from the abusing countries on Tariffs that are already in place. This is…
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 7, 2025
ट्रंप ने कहा, अमेरिका की पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इन्हीं कमजोर नीतियों के कारण देश को इतने वर्षों तक नुकसान झेलना पड़ा। उन्होंने अपने पोस्ट के अंत में दोहराया कि “अमेरिका को फिर से महान बनाएं!”
वैश्विक बाजारों में हाहाकार
2 अप्रैल को ट्रंप द्वारा 'रिसीप्रोकल टैरिफ' की घोषणा के बाद सोमवार को वैश्विक बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखी गई। भारत का बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी करीब 5% गिर गए— जो एक साल में सबसे बड़ी गिरावटों में से एक थी।
यूरोप और एशिया के अन्य बाजारों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। स्टॉक्स यूरोप 600: 5.8 प्रतिशत गिरा। जर्मनी का डीएएक्स 6.6 प्रतिशत नीचे आ गया। वहीं, स्वीडन काे ओएमएक्स स्टॉकहोम 30: 6.1% और जापान का निक्केई, हांगकांग का हैंगसेंग और कोरिया के कोस्पी में 4-8% तक की गिरावट दर्ज की गई।
हालांकि अर्थशास्त्रियों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने चेतावनी दी है कि यह टैरिफ युद्ध और उसके वैश्विक प्रभावों से मंदी का खतरा काफी बढ़ गया है। पॉवेल के अनुसार, आयात करों के चलते महंगाई अस्थायी रूप से बढ़ सकती है, और इसके प्रभाव स्थायी भी हो सकते हैं।