सऊदी अरब ने कथित तौर पर हाल के महीनों में सोशल मीडिया पर इजराइल की आलोचना करने वाले लोगों की गिरफ्तारी में वृद्धि की है। 7 अक्टूबर 2023 से गाजा पट्टी पर जारी सैन्य कार्रवाई के बाद से इजराइल कई लोगों के निशाने पर है। गौरतलब है कि सऊदी अरब एक ऐसा देश है जो फ्री स्पीच और प्रशासन के खिलाफ राजनीतिक अभिव्यक्ति पर अक्सर सख्त रुख अपनाता रहा है। सऊदी अरब में सोशल मीडिया पर एक दशक पुरानी टिप्पणी को लेकर भी लोगों की गिरफ्तारी के मामले सामने आए हैं।
ब्लूमबर्ग ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि हाल की गिरफ्तारियां 7 अक्टूबर की घटना के बाद सुरक्षा कारणों को देखते हुए की गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार हिरासत में लिया गया एक शख्स क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की आर्थिक विकास पहल में शामिल एक कार्यकारी था। वह किंगडम के ‘विजन 2030’ योजना में भी शामिल था।
वहीं, हिरासत में लिया गया एक अन्य शख्स मीडिया से जुड़ा है। उसमे गाजा में युद्ध के लिए इजराइल की सोशल मीडिया पर आलोचना की थी। साथ ही उसने सऊदी अरब में अमेरिकी फास्ट फूड चेन के बहिष्कार का आह्वान किया था। रिपोर्ट् के अनुसार इन मामले से परिचित एक सूत्र ने बताया कि गिरफ्तारियों का उद्देश्य लोगों को युद्ध के बारे में ‘हानिकारक’ ऑनलाइन बयान पोस्ट करने से रोकना है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 7 अक्टूबर के बाद से की गई गिरफ्तारियों की संख्या के बारे में कोई सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। यह गिरफ्तारियां तब हुई हैं जब इजराइल के मामले में अमेरिका स्थिति को समान्य बनाने और एक रास्ता निकालने के लिए रियाद के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को हमास के हमले के जवाब में इजराइल की ओर से लगातार गाजा पट्टी पर हमले किए जा रहे हैं। इन घटनाओं में अब तक 34 हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका है। वहीं, 77 हजार से ज्यादा घायल हैं।