ढाकाः बांग्लादेश की हाई कोर्ट ने इस्कॉन के पूर्व पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को जमानत दे दी है। वह देशद्रोह के आरोप में पिछले छह महीनों से जेल में  थे। बांग्लादेश में चिन्मय की गिरफ्तारी के बाद पूरे भारत में आक्रोश देखने को मिला था। शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदू नेताओं पर कार्रवाई की गई थी। 

मामले में सुनवाई के दौरान हिंदू पुजारी के वकील ने कहा कि दास बीमार हैं और बिना किसी सुनवाई के जेल में बंद हैं। द डेली स्टार की खबर के मुताबिक, चिन्मय दास की रिहाई अभी तय नहीं हुई है। अगर सुप्रीम कोर्ट इस फैसले पर रोक नहीं लगाता है जल्द ही रिहाई हो सकती है। 

नवंबर में हुई थी गिरफ्तारी

गौरतलब है कि दास की गिरफ्तारी बीते साल 25 नवंबर को हुई थी। चिन्मय दास पर आरोप लगाया गया था कि एक हिंदू समुदाय की रैली के दौरान बांग्लादेश के झंडे का अपमान किया था। 

चिन्मय दास ने रंगपुर में हिंदुओं के खिलाफ बांग्लादेश में हो रही हिंसा के खिलाफ रैली निकाली थी। इससे वह खूब चर्चा में आए थे। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, 25 नवंबर को ढाका के एयरपोर्ट से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 26 नवंबर को चिन्मय को चटगांव अदालत द्वारा जेल भेजा गया था। इसके बाद अदालत द्वारा 11 दिसंबर को उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी गई थी। 

हिंदुओं के खिलाफ दर्ज 76 मामले

दास की गिरफ्तारी बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर बढ़ती हिंसा की पृष्ठभूमि में हुई थी। इसमें मंदिरों, घरों और व्यवसायों को निशाना बनाया गया था।

इसके साथ ही बांग्लादेश के अधिकारियों ने इस्कॉन से जुड़े 17 अकाउंट रद्द करने के आदेश दिए थे। इनमें चिन्मय दास का अकाउंट भी शामिल था। 

संसद में बांग्लादेशी सरकार द्वारा दिए गए जवाब के मुताबिक, देश में हिंदुओं के खिलाफ 76 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा कट्टरपंथी इस्लामपंथियों द्वारा 200 से ज्यादा मंदिरों पर हमला किया गया।