बीजिंगः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर 125 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाने के बाद चीन बैकफुट पर दिखाई दे रहा है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने रविवार को अमेरिका से पारस्परिक टैरिफ 'पूरी तरह के रद्द' करने का आग्रह किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य उपभोक्ता सामानों पर छूट के ऐलान के बाद चीन की तरफ से यह बयान आया है। 

समाचार एजेंसी एएफपी ने मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से लिखा "हम अमेरिका से उसकी गलतियां सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का आग्रह करते हैं कि पारस्परिक टैरिफ को पूर्ण रूप से रद्द कर दें और आपसी सम्मान के सही रास्ते पर लौटें। "

ट्रंप प्रशासन से सही दृष्टिकोण अपनाने की अपील

एजेंसी के अनुसार, मंत्रालय ने कहा "बाघ के गले में बंधी घंटी को केवल वही व्यक्ति खोल सकता है जिसने उसे बांधा हो।" इसके साथ ही मंत्रालय ने ट्रंप प्रशासन से टैरिफ के प्रति अपने दृष्टिकोण को सही करने का आह्वान किया। 

बीजिंग ने कहा कि वे अभी भी कुछ इलेक्ट्रानिक्स को शुल्क से बाहर रखने के कदम का मूल्यांकन कर रहे हैं क्योंकि अधिकांश चीनी वस्तुओं पर अभी भी 145 प्रतिशत का  शुल्क लग रहा है। जबकि अन्य देशों को टैरिफ में 90 दिनों की छूट दी गई है। 

बीते शुक्रवार को चीन ने अमेरिका पर टैरिफ 84 प्रतिशत से बढ़ाकर 125 प्रतिशत करने का ऐलान किया था। इसके जवाब में अमेरिका ने चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी। 

अन्य देशों से एकजुट होने की अपील

चीन ने दूसरे देशों से भी ट्रंप के खिलाफ एकजुट होने को कहा है। चीन ने देशों से ट्रंप की "एकतरफावाद और आर्थिक बदमाशी" का विरोध किया और अन्य साझेदारों के साथ व्यापार के अवसरों को आगे बढ़ाने की कोशिश की है। 

इस संबंध में चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए अमेरिका के खिलाफ व्यापार युद्ध में विजयी होने का विश्वास व्यक्त किया था।  

उन्होंने कहा "यदि अमेरिका टैरिफ पर नंबग गेम खेलना जारी रखता है तो चीन इसे नजरअंदाज करेगा। यदि अमेरिका चीन के हितों का उल्लंघन करने पर अड़ा रहेगा तो चीन दृढ़ता से जवाबी हमला करेगा और अंत तक लड़ेगा। "