बीजिंगः अमेरिका के कनाडा, मैक्सिको और चीन के टैरिफ के ऐलान के बाद ट्रेड वार छिड़ गया है। इस सिलसिले में चीन ने अमेरिका पर जवाबी कार्यवाई करते हुए 15 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।

अमेरिका द्वारा चीन से आयातित सामानों पर 10 प्रतिशत टैरिफ के ऐलान के बाद चीन ने ये कदम उठाया है। चीन ने कोयला और एलपीजी पर 15 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसके साथ ही तेल और कृषि उपकरणों पर 10 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की है। 

गूगल की होगी जांच

इसके साथ ही चीन ने गूगल जांच की भी घोषणा की है। इसके बाद से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार युद्ध (ट्रेड वार) की आशंका फिर से तेज हो गई है।

चीन की एजेंसी स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन फॉर मार्केट रेगुलेशन के मुताबिक ने मंगलवार को एक बयान जारी किया जिसमें चीन ने अमेरिकी दिग्गज टेक कंपनी गूगल पर कथित विश्वास उल्लंघन का आरोप लगाया है और चीन इसकी जांच करेगा। यह एजेंसी चीन में बाजारों की देखरेख और प्रबंधन का काम करती है।

चीन ने इसके साथ ही कुछ और भी घोषणाएं की है। इसमें टंगस्टन से निर्मित सामग्री पर निर्यात के नियंत्रण की बात की गई है। इसके अलावा पीवीएच कार्पोरेशन, इल्युमिना इंक और कॉल्विन क्लेन के मालिक को अविश्वसनीय सूची में जोड़ा जा रहा है। 

ट्रेड वार की स्थिति बन रही है

चीन की इन घोषणाओं के बाद दोनों देशों के बीच एक बार फिर से व्यापार युद्ध की स्थिति बन रही है। इससे पहले साल 2018-19 में भी दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध हुआ था।

इसका असर चीन की शेयर बाजार में भी देखने को मिला। इसके अलावा न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया के डॉलर मूल्य में भी कुछ कमी दर्ज की गई। 

बीते सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन पर 10 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया था। अमेरिका का कहना है कि यह टैरिफ नशीली दवाओं को रोकने में चीन की विफलता के कारण लगाया गया है।

चीन के साथ-साथ कनाडा और मैक्सिको पर भी 25 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया था लेकिन दोनों देशों के साथ बातचीत के बाद अस्थाई रूप से इस टैरिफ पर रोक लगा दी गई है।