ओटावा: कनाडाई वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की घोषणा की है। उन्होंने यह कदम प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा उनका मंत्रालय बदलने की बात कहने के बाद उठाया। फ्रीलैंड को सोमवार को 2024 की आर्थिक गिरावट को लेकर बयान देना था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किए गए एक पत्र में फ्रीलैंड ने खुलासा किया कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उनका विभाग बदल कर दूसरा कैबिनेट पद देने की पेशकश की थी। जिसके बाद उन्होंने ये फैसला लिया।
कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो को संबोधित पत्र में फ्रीलैंड ने लिखा, “सरकार में सेवा करना, कनाडा और कनाडाई लोगों के लिए काम करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। हमने साथ मिलकर बहुत कुछ हासिल किया है। शुक्रवार को आपने मुझसे कहा कि आप नहीं चाहते कि मैं अब आपकी वित्त मंत्री रहूं और मुझे कैबिनेट में दूसरा पद देने की पेशकश की।”
पत्र में आगे कहा गया, ” इस पर विचार करने के बाद, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंची हूं कि मेरे लिए मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना ही एकमात्र ईमानदारी वाला रास्ता है। एक मंत्री पर प्रधानमंत्री का पूर्ण विश्वास होना चाहिए। तभी वो प्रभावी तरीके से अपनी बात रख सकता है। अपने निर्णय में आपने स्पष्ट कर दिया है कि अब मुझ पर आप विश्वास नहीं रखते और मेरे पास वह अधिकार नहीं है जो इसके साथ आता है। पिछले कुछ हफ्तों से, आप और मैं कनाडा के लिए कुछ फैसलों पर असहमत हुए।”
See my letter to the Prime Minister below // Veuillez trouver ma lettre au Premier ministre ci-dessous pic.twitter.com/NMMMcXUh7A
— Chrystia Freeland (@cafreeland) December 16, 2024
उन्होंने आगे कहा कि कनाडा को अमेरिका के “आक्रामक आर्थिक राष्ट्रवाद” से “गंभीर चुनौती” का सामना करना पड़ रहा है।
पत्र में उन्होंने कहा, “आज कनाडा एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। अमेरिका में आने वाला प्रशासन (ट्रंप प्रशासन) आक्रामक आर्थिक राष्ट्रवाद की नीति अपना रहा है। इस नीति के तहत कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी जा रही है। हमें उस खतरे को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है। इसका मतलब है कि आज हमें अपने राजकोषीय घाटे को कम रखना होगा, ताकि आने वाले टैरिफ युद्ध के लिए हमारे पास जरूरी धन मौजूद हो। इसका मतलब है कि महंगी राजनीतिक चालों से बचना चाहिए। जिन्हें हम बर्दाश्त नहीं कर सकते और जो कनाडाई लोगों को संदेह में डालते हैं। हम इस समय की गंभीरता को समझते हैं।”
(यह कहानी आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)