कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो और क्रिस्टिया फ्रीलैंड। फोटोः X
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टोरंटो: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है। उप प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। फ्रीलैंड सालों से ट्रूडो सरकार की सबसे शक्तिशाली मंत्री मानी जाती रही हैं। वह चार वर्षों में इस्तीफा देने वाली दूसरी वित्त मंत्री हैं। फ्रीलैंड के इस्तीफे के पीछे अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों को लेकर ट्रूडो से उनके मतभेद बताई जा रही है।
60 सांसदों ने की ट्रूडो को पद से हटाने की मांग
फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के भीतर बगावत के सुर तेज हो गए हैं। पार्टी के एक तिहाई सांसदों ने नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर दी है। हाउस ऑफ कॉमन्स में 153 सदस्यीय लिबरल कॉकस में से करीब 60 सांसद अब ट्रूडो के पद से हटने की मांग कर रहे हैं। यह संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो प्रधानमंत्री की स्थिति को कमजोर कर रही है।
कनाडाई मीडिया के अनुसार, सोमवार शाम तक ट्रूडो ने इस बात पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया था कि वह पद पर बने रहेंगे या इस्तीफा देंगे। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि वर्तमान घटनाक्रम ट्रूडो के नेतृत्व के लिए सबसे गंभीर चुनौती बन चुका है।
फ्रीलैंड ने इस्तीफा में क्या कहा है?
क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने त्यागपत्र में लिखा, “शुक्रवार को आपने मुझसे कहा कि आप मुझे अब वित्त मंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते और कैबिनेट में दूसरा पद देने की पेशकश की। गहन विचार के बाद मैंने निष्कर्ष निकाला कि ईमानदारी और व्यावहारिकता के लिए मेरा इस्तीफा देना ही एकमात्र सही रास्ता है।”
उन्होंने आगे लिखा, “हमारा देश आज एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। हमें इस खतरे को बेहद गंभीरता से लेने की जरूरत है। इसका मतलब है कि आज हमें अपने वित्तीय संसाधनों को सुरक्षित रखना होगा ताकि हम आने वाले टैरिफ युद्ध के लिए तैयार रह सकें। इसका मतलब है महंगे राजनीतिक दिखावों से बचना, जिन्हें हम वहन नहीं कर सकते और जिनसे कनाडाई यह महसूस करने लगते हैं कि हम स्थिति की गंभीरता को नहीं समझते।”
अपने त्यागपत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि अमेरिका द्वारा कनाडा के आयातित सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना का जिक्र किया और कहा कि ट्रूडो के साथ कनाडा के भविष्य की राह पर उनकी असहमति है। उन्होंने कहा, "पिछले कुछ सप्ताहों में, हम दोनों के बीच यह मतभेद स्पष्ट हो गया है कि कनाडा के लिए सबसे उचित रास्ता क्या है।"
साल 2013 में संसद के लिए चुनी गईं पूर्व पत्रकार क्रिस्टिया फ्रीलैंड लिबरल पार्टी के सत्ता में आने के बाद 2015 में ट्रूडो के मंत्रिमंडल का हिस्सा बनीं। उन्होंने व्यापार मंत्री और विदेश मंत्री जैसे अहम पदों पर काम करते हुए कनाडा के लिए यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौतों का नेतृत्व किया था। हाल ही में, उन्हें आगामी ट्रंप प्रशासन के आर्थिक कदमों पर कनाडा की प्रतिक्रिया तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
ट्रूडो की घटती लोकप्रियता
जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता लगातार गिर रही है। हालिया सर्वेक्षणों के मुताबिक, ट्रूडो अपनी मुख्य विपक्षी पार्टी कंजर्वेटिव के नेता पियरे पोलिएवर से 20 अंकों से पीछे चल रहे हैं। पियरे पोलिएवर ने पिछले कुछ महीनों में ट्रूडो सरकार को गिराने के लिए तीन बार प्रयास किया है और शीघ्र चुनाव की मांग की है।
अमेरिका कनाडा का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जहां कनाडा के कुल निर्यात का 75 प्रतिशत हिस्सा जाता है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी ने कनाडाई अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। फ्रीलैंड के इस्तीफे ने इस स्थिति को और नाजुक बना दिया है, क्योंकि वह इस मुद्दे पर सरकार की ओर से प्रमुख वार्ताकार थीं।
अब सवाल यह है कि क्या जस्टिन ट्रूडो इन चुनौतियों का सामना करते हुए अपने नेतृत्व को बचा पाएंगे या नहीं। लिबरल पार्टी में बढ़ती असहमति और विपक्ष के तीखे हमलों के बीच उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर होती जा रही है। आने वाले दिनों में जस्टिन ट्रूडो का निर्णय कनाडा की राजनीति की दिशा तय करेगा।
(समाचार एजेंसी IANS इनपुट के साथ)