कनाडाई पुलिस ने नामित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित संलिप्तता के लिए शनिवार चौथे संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। सीबीसी समाचार के मुताबिक, आरोपी की पहचान अमनदीप सिंह के रूप में हुई है। इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (आईएचआईटी) ने बताया कि अमनदीप पर प्रथम श्रेणी हत्या और निज्जर की हत्या की साजिश का आरोप लगाया गया है। निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, आईएचआईटी ने बताया कि अमनदीप पहले से ही असंबंधित आग्नेयास्त्र आरोपों के लिए ओंटारियो के पील क्षेत्रीय पुलिस की हिरासत में था। पुलिस ने बयान में कहा कि आईएचआईटी ने सबूतों का पीछा किया और अमनदीप सिंह पर प्रथम श्रेणी हत्या और हत्या की साजिश का आरोप लगाने के लिए पर्याप्त जानकारी प्राप्त की।
अमनदीप से पहले ये तीन आरोपी पकड़े गए
सीबीसी समाचार के अनुसार, अमनदीप कनाडा के ब्रैम्पटन, ओंटारियो, सरे और एबॉट्सफोर्ड में अपना समय बिताया। पुलिस ने अदालती कार्रवाई और जांच का हवाला देते हुए और कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। अमदीप से पहले कनाडाई पुलिस ने तीन भारतीय नागरिकों – करण बराड़, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। इन तीनों पर भी प्रथम-श्रेणी हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।
भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को 2020 में आंतकवादी नामित किया
हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल जून में सरे के एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जालंधर में जन्मा निज्जर 1997 में कनाडा चला गया था जहां उसने प्लंबर के रूप में काम किया और प्रतिबंधित आतंकवादी समूह, खालिस्तान टाइगर फोर्स का नेतृत्व किया। भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी नामित किया था। उसकी हत्या में छह लोग और दो वाहन शामिल थे।
कनाडा ने भारत पर लगाया था आरोप
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था। ट्रूडो के इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव पैदा हो गया था। भारत ने आरोपों को बेतुका बताया था। भारत ने पहले ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट-बैंक की राजनीति का आरोप लगाया था।
गिरफ्तारियों पर भारत ने क्या कहा है?
निज्जर हत्याकांड में कनाडा में गिरफ्तार तीन भारतीयों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “इस मामले में हमें कोई विशेष या प्रासंगिक सबूत या जानकारी नहीं दी गई है। कनाडा ने हमें गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया है। लेकिन हमें कोई औपचारिक संचार नहीं मिला है…”