टोरंटो: कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग फिर तेज हो गई है। अब दो प्रांतों के प्रमुखों ने इसको लेकर संघीय सरकार से अपील की है। अल्बर्टा प्रांत की प्रमुख डेनिएल स्मिथ ने ब्रिटिश कोलंबिया के अपने समकक्ष डेविड ईबी के बाद सोमवार को संघीय सरकार से अनुरोध किया कि बिश्नोई गैंग को आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन घोषित किया जाए।

डेनिएल स्मिथ और अल्बर्टा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री माइक एलिस ने संयुक्त बयान में कहा, “लॉरेंस बिश्नोई गिरोह एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क है, जो हिंसा, रंगदारी, ड्रग तस्करी और लक्षित हत्याओं में लिप्त है—यहां तक कि कनाडा में भी। इसका नेटवर्क वैश्विक है और मंशा पूरी तरह आपराधिक और हिंसक।”

उन्होंने कहा कि यदि इस गिरोह को आतंकी संगठन के रूप में चिह्नित किया जाता है, तो स्थानीय और प्रांतीय स्तर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उसकी गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक कानूनी शक्तियां और संसाधन मिल सकेंगे।

बिश्नोई गैंग को आतंकी समूह घोषित करने की उठती रही है मांग

ब्रिटिश कोलंबिया के प्रमुख डेविड ईबी ने इसी तरह की मांग जून में की थी। हालांकि कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गैरी अनंदसंगरी ने हाल में कहा था कि किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करने के लिए एक “कानूनी मानक” होता है और फिलहाल यह मामला कानून प्रवर्तन एजेंसियों के विचाराधीन है।

कनाडा के सरे शहर की मेयर ब्रेंडा लॉक ने भी जून में संघीय सरकार से लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को आतंकी संगठन घोषित करने की अपील की थी। मेयर ब्रेंडा लॉक ने बिश्नोई गिरोह द्वारा कथित तौर पर कराई गई हत्याओं, जबरन वसूली और गोलीबारी की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा था कि बिश्नोई गिरोह को आतंकी संगठन घोषित करने से कानून प्रवर्तन एजेंसियों को संगठित अपराध के नेटवर्क से लड़ने और स्थानीय नागरिकों व व्यवसायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि उस वक्त लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकी समूह घोषित करने की मांग में ब्रैम्पटन शहर के मेयर पैट्रिक ब्राउन, डिप्टी मेयर हरकीरत सिंह और कई अन्य काउंसिलर्स भी शामिल थे जिन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इसी तरह की मांग की थी।

बिश्नोई गिरोह का नाम ओंटारियो, ब्रिटिश कोलंबिया और अल्बर्टा में जबरन वसूली के मामलों से जोड़ा गया है। हालांकि इस महीने की शुरुआत में अल्बर्टा की राजधानी एडमंटन में हुई कुछ गिरफ्तारियों को ब्रदर्स कीपर्स गैंग से जोड़ा गया, जिसकी जड़ें ब्रिटिश कोलंबिया में हैं।

ब्रिटिश कोलंबिया पुलिस को नहीं मिला सीधा लिंक

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश कोलंबिया की स्पेशल एनफोर्समेंट यूनिट (CFSEU-BC) की प्रवक्ता कार्पोरल सरबजीत संगा ने पंजाबी चैनल न्यूज डर्बी से कहा, “अब तक हमारे पास ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जिससे यह साबित हो कि लॉरेंस बिश्नोई का सीधा संबंध यहां सक्रिय गैंगों से है, जो ड्रग्स और हथियारों की तस्करी में लिप्त हैं। उनका नाम हमारे डेटाबेस में नहीं है।”

हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनके विभाग की सीमा से बाहर का मामला है और रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) इस दिशा में एक अलग स्तर पर जांच कर रही है। आरसीएमपी देशभर में जबरन वसूली और हिंसक आपराधिक गतिविधियों से जुड़ी जांच का नेतृत्व कर रही है, जिसमें बिश्नोई गैंग का नाम भी जुड़ा हुआ है।

भारत सरकार ने भी कनाडा से लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों पर कार्रवाई की मांग की है, खासकर सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ पर, जो पंजाबी गायक और नेता सिद्धू मूसे वाला की मई 2022 में हुई हत्या के मामले में भारत में वांछित है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिश्नोई का प्रमुख साथी गोल्डी बराड़ अब उससे नाराज है और दोनों के बीच दूरी आ गई है। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बराड़ ने सिद्धू मूसे वाला की हत्या के बाद अपराध जगत में कुख्याति पाई थी। पिछले साल उसने कथित रूप से पंजाबी सिंगर एपी ढिल्लों के कनाडा स्थित घर पर भी फायरिंग कराई थी।

लॉरेंस बिश्नोई एक कुख्यात गैंगस्टर है और फिलहाल अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है। जेल में रहते हुए भी वह अपने गिरोह के जरिए कई अपराधों को अंजाम देता रहा है। कनाडाई सरकार का आरोप है कि बिश्नोई गिरोह ने कनाडा में गैंगवॉर, जबरन वसूली और अन्य आपराधिक गतिविधियों को हवा दी है।