ओटावा: कनाडा में सोमवार को हुए आम चुनाव के नतीजे आने लगे हैं। ये चुनावी नतीजे तय कर देंगे कि कनाडा का अगला प्रधानमंत्री कौन बनने जा रहा है। कनाडा में यह चुनाव उस समय हो रहे हैं, जब वह अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर में भी उलझा है। इस लिहाज से भी चुनाव के नतीजे अहम हैं। बहरहाल, जारी मतगणना के बीच शुरुआती रुझान में सत्ताधारी लिबरल पार्टी के एक बार फिर वापसी के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि, आशंका जताई जा रही है कि उसे पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा।
Canada Election Results: क्या है अपडेट, 10 बड़ी बातें
1. कनाडा में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के वापसी के अल्पमत वाली सरकार बनाने का अनुमान है। CTV न्यूज और CBC के अनुमानों के अनुसार, लिबरल 155 इलेक्टोरल डिस्ट्रिक्ट में आगे चल रहे हैं या चुने गए हैं। इन्हें सीटें भी कहा जाता है। वहीं, कंजर्वेटिव 149 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर हैं। यवेस-फैंकोइस ब्लैंचेट के नेतृत्व वाले ब्लॉक क्यूबेकॉइस को 26 सीटें जीतने का अनुमान है, जबकि जगमीत सिंह की NDP 11 सीटों पर आगे है।
2. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने चुनाव से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और विलय की धमकी से निपटने में मदद के लिए एक मजबूत जनादेश मांगा था। हालांकि, CTV और CBC ने कहा कि लिबरल के लिए अभी बहुमत के लिए जरूरी 172 सीटों तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है।
3. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी वापसी की उम्मीद कर रही हैं। हालांकि, मुकाबला कड़ा है। चुनाव से एक दिन पहले ही वैंकूवर में स्ट्रीट मेले में एक कार द्वारा कई लोगों के कुचले जाने की घटना भी सामने आई थी, जिसमें कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही घटना के कारण कई घंटों तक चुनाव प्रचार स्थगित करना पड़ा था।
4. बता दें कि कनाडा छह टाइम जोन में बंटा हुआ है। ऐसे में नतीजों में देरी होगी। खासकर पश्चिमी क्षेत्रों में देर शाम तक मतदान के बाद गिनती हो रही है। अगर लिबरल जीतते हैं, तो यह कनाडा के राजनीतिक इतिहास में सबसे नाटकीय जीत में से एक होगा।
5. इससे पहले 6 जनवरी को, जिस दिन जस्टिन ट्रूडो ने अपने इस्तीफे की घोषणा की, अधिकांश सर्वेक्षणों में कंजर्वेटिव के जीत की उम्मीद लगाई जा रही थी। हालांकि ट्रूडो की जगह कार्नी के आने के बाद नजरिया बदला है। सार्वजनिक प्रसारणकर्ता सीबीसी के पोल एग्रीगेटर के रविवार देर रात के अंतिम अपडेट में लिबरल के लिए राष्ट्रीय समर्थन 42.8 प्रतिशत और कंजर्वेटिव का 39.2 प्रतिशत बताया गया था।
6. अन्य दो छोटी पार्टियों - वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी और अलगाववादी ब्लॉक क्यूबेकोइस - का प्रदर्शन निर्णायक हो सकता है।
7. कनाडा के 4 करोड़ लोगों में से लगभग 2.9 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र हैं। इस बार रिकॉर्ड 73 लाख लोगों ने अग्रिम मतदान किया। कनाडा के लोग संसद के 343 सदस्यों का चुनाव करेंगे, जिसका अर्थ है कि बहुमत के लिए 172 सीटों की आवश्यकता है। लिबरल ने 2015 में बहुमत हासिल किया था, लेकिन 2019 से यह पार्टी अल्पमत के साथ शासन कर रही है।
8. हाल में पीएम बने कार्नी और कंजरवेटिव पार्टी के पिएरे पोलीव्रे- दोनों ने कहा कि यदि वे चुने जाते हैं, तो वे कनाडा और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर फिर से बातचीत में तेजी लाएंगे, ताकि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाने वाली अनिश्चितता को समाप्त किया जा सके।
9. कनाडा की राजनीति में लिबरल पार्टी बीते कुछ महीनों से बड़े दवाब में थी। ट्रंप से तनातनी और भारत से अदावत के बीच जस्टिन ट्रू़डो को बीच कार्यकाल में चुनाव से कुछ महीने पहले इस्तीफा भी देना पड़ा था। इसके बाद कार्नी ने जिम्मेदारी संभाली थी। कुल मिलाकर यह कहा जा रहा है कि जिस पार्टी को एक तरह से अभी खत्म माना जा रहा था, वो फिर से वापसी कर सकती है।
10. जानकार मानते हैं कि अगर लिबरल पार्टी की सत्ता में वापसी होती है तो इसमें ट्रंप की नीतियों का भी हाथ माना जाएगा। ट्रंप लगातार जिस तरह से कनाडा को धमकी देते रहे, उससे कनाडा के मतदाता एकजुट हुए। चुनाव प्रचार के दौरान कंजरवेटिव पोलीव्रे को ट्रंप के प्रति खुलकर बात नहीं रखने से आलोचना का भी सामना करना पड़ा था। हालांकि, उन्होंने बाद में उन्होंने ट्रंप पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा था, 'राष्ट्रपति ट्रंप, हमारे चुनाव से दूर रहें। कनाडा हमेशा गर्वित, संप्रभु और स्वतंत्र रहेगा और हम कभी भी 51वां राज्य नहीं बनेगा।'