लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध में सहयोग और शांति प्रयासों पर चर्चा की गई। डाउनिंग स्ट्रीट में आयोजित इस बैठक में स्टार्मर ने यूक्रेन को ब्रिटेन का पूरा समर्थन मिलने की बात दोहराई और कहा कि उनका देश यूक्रेन की स्थायी शांति और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
युद्ध में सहयोग के लिए यूक्रेन ने जताया आभार
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ब्रिटेन द्वारा अब तक किए गए सैन्य और राजनयिक समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से ब्रिटेन ने यूक्रेन को हथियारों, वित्तीय सहायता और मानवीय मदद प्रदान की है। ब्रिटिश सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि वे यूक्रेन की रक्षा के लिए किसी भी आवश्यक सहयोग से पीछे नहीं हटेंगे।
यह बैठक लंदन में आयोजित होने वाले रक्षा शिखर सम्मेलन से ठीक पहले हुई, जिसमें यूरोपीय देशों के नेता यूक्रेन के लिए संभावित शांति योजना पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होंगे। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य युद्ध को समाप्त करने के संभावित तरीकों पर विचार करना और अंतरराष्ट्रीय समर्थन को मजबूत करना है।
व्हाइट हाउस में नोकझोंक, खनिज समझौता अधर में
इससे पहले, जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मुलाकात की, लेकिन यह बैठक अप्रत्याशित नोकझोंक में बदल गई। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के हस्तक्षेप के बाद चर्चा तनावपूर्ण हो गई, जब उन्होंने जेलेंस्की से ट्रंप के यूक्रेन के लिए किए गए शांति प्रयासों के प्रति आभार जताने की मांग की।
इस तीखी बहस के बाद माहौल इतना बिगड़ गया कि जेलेंस्की को व्हाइट हाउस से जल्दी निकलना पड़ा। इसके कारण अमेरिका और यूक्रेन के बीच नियोजित खनिज समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो सके। इस समझौते के तहत यूक्रेन अपने खनिज संसाधनों के व्यापार में अमेरिका के साथ साझेदारी करने वाला था, लेकिन यह वार्ता फिलहाल अधर में लटक गई है।
लंदन पहुंचने से पहले जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यूक्रेन संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है, लेकिन सुरक्षा गारंटी के बिना युद्ध विराम उनके देश के लिए खतरनाक हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रूस के साथ किसी भी तरह के समझौते से पहले यूक्रेन को ठोस सुरक्षा आश्वासन की जरूरत होगी।
ब्रिटेन में हुई इस बैठक के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि रक्षा शिखर सम्मेलन में यूरोपीय नेता यूक्रेन के समर्थन में किस तरह की रणनीति अपनाते हैं।