ब्रिटेन: हिन्दुओं के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोपी गिरफ्तार, जानिए कौन है माजिद फ्रीमैन

साल 2022 में ब्रिटेन के लेस्टर में हुई हिंसा के मामलों में पुलिस ने माजिद फ्रीमैन नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। माजिद फ्रीमैन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और हिंसा के दौरान तनाव बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाने के आरोप हैं।

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Leicester Police have arrested Majid Freeman for the unrest in 2022 (symbolic photo)

लेस्टर पुलिस ने माजिद फ्रीमैन को 2022 में हुई अशांति के लिए गिरफ्तार किया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: ब्रिटेन की पुलिस ने 2022 में लेस्टर (Leicester) शहर में फैली अशांति के दौरान गलत सूचना को फैलाने और तनाव बढ़ाने के आरोप में बुधवार को माजिद फ्रीमैन नाम के शख्स को गिरफ्तार किया। माजिद फ्रीमैन पर उस हिंसा के दौरान तनाव बढ़ाने में 'बड़ी भूमिका' निभाने के आरोप लगाए गए हैं। 'कट्टर इस्लामिक' सोच रखने वाले माजिद ने तब खासकर हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिम समाज में नफरत फैलाने की भरपूर कोशिश की थी।

यूनाइटेड किंगडम की पुलिस ने माजिद पर 'आतंकवाद को बढ़ावा देने और एक प्रतिबंधित संगठन का समर्थन करने' के भी गंभीर आरोप लगाए हैं। माजिद को हालांकि जमानत मिल गई लेकिन साथ ही उसे 24 जुलाई को वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होने को भी कहा गया है। लेस्टरशह पुलिस ने कहा, 'सेसिल रोड, लेस्टर के 36 वर्षीय माजिद नोवसरका जिसे माजिद फ्रीमैन के नाम से भी जाना जाता है, उस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और एक प्रतिबंधित संगठन का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है।'

माजिद फ्रीमैन कौन हैं?

माजिद फ्रीमैन एक स्वघोषित कम्यूनिटी एक्टिविस्ट है। आरोपों के अनुसार उसने 2022 लेस्टर में अशांति के दौरान गलत सूचना को फैलाने और तनाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरोपों के अनुसार 'कट्टरपंथी इस्लामवादी' ने बार-बार लेस्टर हिंसा के बारे में खतरनाक झूठ और असत्यापित दावे किए।

माजिद फ्रीमैन ने तब झूठा दावा किया था कि एक मुस्लिम लड़के पर 30 से अधिक हिंदुओं ने हमला किया है। जबकि पुलिस ने कहा था कि उन्हें ऐसी घटना का कोई सबूत नहीं मिला है। यही नहीं, इस शख्स ने ये भी आरोप लगाए कि कुछ हिंदू पुरुषों ने एक मुस्लिम लड़की का अपहरण करने का प्रयास किया था। पुलिस ने बाद में इसकी जांच की और कहा कि घटना वास्तव में वैसी नहीं हुई थी जैसा दावा किया गया था।

माजिद पर सोशल मीडिया पर लगातार गलत सूचना वाले पोस्ट डालने के आरोप हैं। वह, लेस्टर के हिंदुओं को अपने पोस्ट में 'आरएसएस हिंदुत्व ठग' भी कहता रहा। इसके बाद उसके झूठे दावों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और स्थानीय पत्रकारों ने भी घटनाओं को हिंदुओं के खिलाफ पक्षपातपूर्ण तरीके से रिपोर्ट किया। पुलिस लंबे समय से माजिद के खिलाफ जांच अशांति फैलाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले के रूप में कर रही थी। जांच में ऐसी बातें सामने आई हैं कि उसने लगातार हानिकारक, गलत सूचना और झूठी कहानियाँ फैलाईं जिससे तनाव और भड़का और लेस्टर में अशांति फैली।

लेस्टर में 2022 में क्या हुआ था?

साल 2022 में ब्रिटेन के लेस्टर में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच कई झड़पों के बाद अशांति फैल गई थी। इसके बाद जांच में यह बात सामने आई कि हिंदुओं के कई पूजा स्थल को निशाना बनाया गया। साथ ही भीड़ ने हिंदू पुरुषों को भी निशाना बनाया। यह सबकुछ अगस्त-सितंबर के महीने में हुआ। दरअसल, करीब 300 लोगों ने एक रैली निकाली थी। इसमें कई लोगों ने अपने चेहरे ढके हुए थे और गलत तरीके से हिंदू राष्ट्रवाद से जुड़े नारे लगा रहे थे। इसके बाद जवाब में मुस्लिम पुरुषों ने भी प्रदर्शन शुरू किया। इससे शहर के विभिन्न इलाकों में दोनों समूहों के बीच तनाव और हिंसा बढ़ गई। इस हिंसा और तनाव के माहौल में सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं ने स्थिति और बिगाड़ दी थी।

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