ला पाज: दक्षिण अमेरिकी देश बोलीविया में तख्तापलट की एक कोशिश नाकाम हो गई। बुधवार शाम को बोलिवियाई सशस्त्र बलों के बख्तरबंद वाहन और सैनिकों ने ला पाज में राष्ट्रपति भवन में घुसने की कोशिश की। हालांकि उनकी कोशिश नाकाम कर दी गई।

वहीं, बोलिवियाई पुलिस ने विद्रोही सैन्य कमांडर जनरल जुआन जोस जुनिगा को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने असफल तख्तापलट की कोशिश का नेतृत्व किया था। इस बीच बोलिवियाई राष्ट्रपति लुइस आर्से ने तख्तापलट की कोशिश की निंदा की और नागरिकों से लोकतंत्र की रक्षा करने और संगठित होने का आह्वान किया। उन्होंने एक नए सेना कमांडर के नाम की भी घोषणा की जिन्होंने सैनिकों को वापस जाने का आदेश दिया।

कैसे नाकाम हुई तख्तापलट को कोशिश...पूरा घटनाक्रम क्या रहा

दरअसल, बुधवार दोपहर को नाटकीय घटनाक्रम शुरू हुआ जब सेना की टुकड़ियों ने बोलीविया की राजधानी में मुरिलो स्वॉयर को अपने कब्जे में ले लिया। इस इलाके में कई मुख्य सरकारी इमारते हैं। इसके बाद एक वीडियो में जनरल जुआन जोस जुनिगा को 'पलासियो क्वेमाडो' में दाखिल होते नजर आते हैं। 'पलासियो क्वेमाडो' यहां की मुख्य सरकारी इमारत है जो 2020 तक राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास स्थान भी हुआ करता था। बाद में इसे म्यूजियम में बदल दिया गया।

जनरल जुआन जोस जुनिगा को इस सप्ताह ही बोलिवियाई सेना के कमांडर के पद से हटा दिया गया था। इसके बाद से ही सेना और शासन के बीच तनाव नजर आने लगा था। वीडियो में जुनिगा को प्रवेश करते और राष्ट्रपति आर्से के साथ आमने-सामने बात करते देखा जा सकता है। जुनिगा ने कहा, 'सशस्त्र बलों का इरादा लोकतंत्र का पुनर्गठन करना है, इसे एक सच्चा लोकतंत्र बनाना है। इसे 30, 40 वर्षों तक उन्हीं कुछ लोगों द्वारा चलाया जाने वाला लोकतंत्र नहीं बनाना है।'

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार जुनिगा ने कई राजनेताओं और सेना के सदस्यों की रिहाई का भी आह्वान किया जो फिलहाल सलाखों के पीछे हैं। जनरल ने कहा, 'कुछ लोगों का शासन बहुत हो गया। देखो इसने हमें कहां पहुँचा दिया है! हमारे बच्चों का कोई भविष्य नहीं है, हमारे लोगों का कोई भविष्य नहीं है, और सेना के पास हमारे बच्चों के कल के लिए लड़ने की ताकत है।'

स्थानीय समाचार पत्र लॉस टिएमपोस (Los Tiempos) ने बताया कि जैसे ही जुनिगा ने इमारत में प्रवेश किया और आर्से का सामना किया, राष्ट्रपति ने जनरल को अपने सैनिकों को नीचे भेजने का निर्देश दिया। राष्ट्रपति आर्से ने कहा, 'मैं तुम्हारा कप्तान हूं। मेरी आज्ञा का पालन करो।' इसके तुरंत बाद सैनिक और टैंक चौक से पीछे हट गए। यह सबकुछ करीब पांच घंटे तक चला।

बड़ी संख्या में आम नागरिक भी जुटे

इससे पहले सैनिकों ने जनरल जुनिगा के नेतृत्व में राष्ट्रपति भवन के बाहर एक चौक प्लाजा मुरिलो पर मार्च किया और पुराने सरकारी मुख्यालय, पलासियो क्वेमाडो में जबरन घुस गए। सशस्त्र सैनिकों की मौजूदगी के बाद नागरिकों ने सैन्य कदम की निंदा की और प्लाजा मुरिलो के आसपास की सड़कों पर बड़ी संख्या में इकठ्ठा हो गए।

देश के विभिन्न भागों में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा के लिए राष्ट्रपति के आह्वान में शामिल होकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रदर्शन किया।

राष्ट्रपति ने खुद कराया तख्तापलट का 'ड्रामा'?

पूरे घटनाक्रम के कुछ देर बाद जुनिगा को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच राष्ट्रपति आर्से राष्ट्रपति भवन की बालकनी में पहुंचे और कहा, हमने जो लोकतंत्र अर्जित किया है, उसे हमसे कोई नहीं छीन सकता।'

वहीं, बोलीविया के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने से ठीक पहले जुनिगा ने दावा किया कि राष्ट्रपति आर्से ने ही उन्हें तख्तापलट का प्रयास करने के लिए कहा था। जुनिगा ने कहा, 'राष्ट्रपति ने मुझे बताया कि स्थिति वास्तव में गड़बड़ है, यह सप्ताह अहम होने वाला है - इसलिए कुछ ऐसा करना जरूरी है जिससे मेरी लोकप्रियता बढ़े।'

हालांकि, बोलीविया के न्याय मंत्री ने इन दावों का खंडन किया है। इवान लीमा ने कहा कि जुनिगा झूठ बोल रहे है। लीमा ने यह भी कहा कि 'लोकतंत्र और संविधान पर हमला करने के लिए' जुनिगा के लिए अधिकतम 15 से 20 साल की जेल की सजा की मांग की जाएगी।

वैसे यह बोलीविया में तख्तापलट की यह पहली कोशिश नहीं है। 1825 में मिली स्वतंत्रता के बाद से देश में 190 से अधिक तख्तापलट के प्रयास हुए हैं। बोलिविया में अगले साल चुनाव होने हैं।