BLA को अमेरिका ने घोषित किया आतंकी संगठन Photograph: (बोले भारत डेस्क)
वाशिंगटन: अमेरिका ने बलूच लिब्रेशन आर्मी (बीएलए) को आतंकी संगठन करार दिया है। ऐसे में इसे पाकिस्तान के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर के लिए अमेरिका की तरफ से यह नई सौगात है।
असीम मुनीर के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लंच के बाद से अमेरिका ने पाकिस्तान के प्रति कई उदारता दिखाई है। बीएलए के साथ इसके सहयोगी मजीद ब्रिगेड को भी आतंकी संगठन की सूची में डाला गया है। पाकिस्तान के भीतर हुए कई हमलों के पीछे इन संगठनों का हाथ है। ये विशेष रूप से पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाते हैं। ऐसे में अमेरिका द्वारा इन्हें आतंकी सूची में डालने से पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण बात मानी जा रही है।
अमेरिकी दौरे पर असीम मुनीर
अमेरिका द्वारा यह फैसला उस वक्त लिया गया है जब सेना प्रमुख असीम मुनीर अमेरिकी दौरे पर हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद मुनीर का यह दूसरा अमेरिकी दौरा है। ऐसे में इसे मुनीर की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है।
इससे पहले अमेरिका ने द रेजिस्टेंस फ्रंट नामक संगठन को भी आतंकी संगठन की सूची में डाला था। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की इस समूह ने जिम्मेदारी ली थी। टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करने के फैसले से पाकिस्तान की किरकिरी हुई थी क्योंकि उसने पहले टीआरएफ के बारे में कहा था कि यह एक स्थानीय मंच है।
अमेरिका ने टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा और प्रतिनिधि बताया था जबकि पाकिस्तान ने इसे निष्क्रिय करने का दावा किया था।
पाकिस्तान भारत पर लगाता रहा है आरोप
ऐसे में पाकिस्तान द्वारा अमेरिका से बलूच विद्रोह समूह को आतंकवादी संगठन करार देना यह दर्शाता है कि वह भी आतंकवाद का शिकार रहा है। अमेरिका द्वारा संगठन को आतंकी सूची में डालने के बाद इस संगठन को अगर कोई सहायता देता है तो इसे अपराध माना जाएगा। पाकिस्तान दशकों से यह दावा करता रहा है कि भारत बीएलए का समर्थन करता है जिससे पाकिस्तान में विध्वंसक घटनाएं होती हैं। हालांकि, पाकिस्तान ने इसके सबूत कभी नहीं दिए।
बलूच लिब्रेशन आर्मी स्वतंत्र बलूचिस्तान के लिए लड़ाई लड़ रही है और पाकिस्तान में कई आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया है। इसी साल मार्च में समूह ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था जिसमें दर्जनों यात्री और सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।