Tremendous violence in protest against reservation in Bangladesh, more than 35 dead...10 biggest updates so far
ढाका: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विरोध में जारी प्रदर्शन के बीच हुई व्यापक हिंसा में अब तक 39 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही सैकड़ो लोग घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद हिंसा और तेजी से फैलती नजर आई है। आरक्षण प्रणाली को लेकर छात्र प्रदर्शनकारियों, सुरक्षाबलों और सरकार समर्थक छात्र कार्यकर्ताओं के बीच लगातार झड़पों की खबरें आ रही हैं।
पिछले कई दिनों से यह प्रदर्शन जारी है, लेकिन गुरुवार का दिन सबसे ज्यादा हिंसक साबित हुआ। बांग्लादेश के कई हिस्सों से हिंसा की खबरें आई। हिंसा में अब तक सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के समूहों को रोकने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियों का भी इस्तेमाल किया है। दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों ने वाहनों, पुलिस चौकियों और कुछ अन्य प्रतिष्ठानों में आग लगा दी। सरकारी टीवी चैनल की इमारत में भी आग लगाई गई।
दरअसल, ये पूरा मामला 1971 के मुक्ति युद्ध में लड़ने वाले लोगों के बच्चों को सरकारी नौकरियों में अब तक मिलते रही आरक्षण से जुड़ा है। छात्र प्रदर्शनकारी इसे खत्म करने की मांग कर रहे हैं। मौजूदा नियम के अनुसार बांग्लादेश में करीब एक तिहाई सरकारी नौकरियां मुक्ति युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के बच्चों के लिए आरक्षि है।
बांग्लादेश में जबर्दस्त हिंसा, 10 बड़े अपडेट
1. बांग्लादेश के ढाका में गुरुवार को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को सड़कें सुनसान दिख रही हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि बांग्लादेश के टीवी समाचार चैनल शुक्रवार को प्रसारण नहीं कर रहे हैं।
2. बांग्लादेश में संचार सेवाएं भी व्यापक रूप से बाधित हो गईं हैं। अधिकारियों ने अशांति को कम करने के लिए गुरुवार को कुछ जगहों पर मोबाइल इंटरनेट बंद किया। वहीं, रात होते-होत बांग्लादेश 'लगभग पूर्ण' इंटरनेट शटडाउन में चला गया। विदेशों से टेलीफोन कॉलें अधिकतर कनेक्ट नहीं हो पा रही थीं।
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3. प्रधानमंत्री शेख हसीना के सरकारी टीवी नेटवर्क पर आकर बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया था। इस संबोधन के जरिए झड़पों को शांत करने की मांग की गई थी। हालांकि, एक दिन बाद गुरुवार को छात्र प्रदर्शनकारियों ने सरकारी टीवी नेटवर्क की इमारत में आग लगा दी। कई पुलिस चौकियों, वाहनों और अन्य प्रतिष्ठानों को भी आग लगा दी गई। अवामी लीग से जुड़े लोगों पर भी छात्रों ने हमला किया।
4. प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि शेख हसीना सरकार 1971 में पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले लोगों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण को बंद करे। इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री हसीना दोबारा पीएम चुनी गई थीं। देश में बड़ी संख्या में बढ़ी बेरोजगारी से भी लोगों में नाराजगी है।
5. आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन पिछले महीने के अंत में शुरू हुआ। हालांकि, सोमवार को यह तब और बढ़ गया जब ढाका विश्वविद्यालय में कुछ छात्र कार्यकर्ता पुलिस और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थितप्रदर्शनकारियों से भिड़ गए।
6. प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि कोटा प्रणाली शेख हसीना की अवामी लीग के समर्थकों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था। वे इसे भेदभावपूर्ण व्यवस्था बताते हैं और इसकी जगह योग्यता आधारित व्यवस्था लाना चाहते हैं। वैसे, बांग्लादेश सरकार ने 2018 में कोटा सिस्टम को रद्द कर दिया था, लेकिन बाद में उच्च न्यायालय के फैसले ने इसे फिर से बहाल कर दिया।
7. इस बीच बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट 7 अगस्त को कोटा बहाल करने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार की अपील पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गई है।
8. इस बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शांति की अपील की है और छात्रों को आश्वासन दिया कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करें।
9. सत्तारूढ़ अवामी लीग ने आरोप लगाया है कि जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश की स्टूडेंट विंग 'छात्र शिबिर' और एक अन्य संगठन 'छात्र दल' के भड़काने से विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया। लीग ने एक बयान में कहा कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
10. वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, 'महासचिव ने बांग्लादेश में मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए युवाओं की सार्थक और रचनात्मक भागीदारी के लिए आह्वान किया है। हिंसा कभी भी किसी मसले का समाधान नहीं हो सकती।'