ढाका: बांग्लादेश के चट्टोग्राम में शुक्रवार को भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों पर हमला किया। घटना दोपहर 2.30 बजे (बांग्लादेश के समयानुसार) चट्टोग्राम के हरीश चंद्र मुंसेफ लेन में हुई। यह हमला शांतानेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर और शांतानेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाकर किया गया। इस्कॉन के एक पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ राजद्रोह का आरोप दर्ज होने के बाद चट्टोग्राम में पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन और हिंसा भड़क उठी थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मंदिर के लोगों ने बताया कि नारेबाजी कर रहे लोगों ने ईंट-पत्थर से हमला किया। इस घटना में तीन हिंदू धार्मिक स्थलों को नुकसान हुआ। दूसरी ओर बांग्लादेश के अधिकारियों ने इस पत्थरबाजी और हमलों के बाद बताया है कि मंदिरों को न्यूनतम क्षति हुई है।
इससे पहले इस्कॉन बांग्लादेश से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास को राजद्रोह के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मंगलवार को स्थानीय कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार किया, जिसके बाद ढाका और चट्टोग्राम (चिट्टोगोंग) सहित पूरे बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
दरअसल, 30 अक्टूबर को बांग्लादेश के अधिकारियों ने न्यू मार्केट क्षेत्र में एक हिंदू समुदाय की रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अनादर का आरोप लगाते हुए, चट्टोग्राम के कोतवाली पुलिस स्टेशन में कृष्ण दास सहित 19 व्यक्तियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था।
बांग्लादेश ने 17 बैंक खाते फ्रीज किए
इससे पहले शुक्रवार को ही बांग्लादेश में मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार ने कथित तौर पर देश के बैंकों को बांग्लादेश में ‘अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ’ (इस्कॉन) से जुड़े 17 लोगों के खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया। ‘बांग्लादेश वित्तीय खुफिया इकाई’ (बीएफआईयू) ने इस्कॉन बांग्लादेश से जुड़े 17 व्यक्तियों के बैंक खातों को 30 दिनों के लिए फ्रीज करने का आदेश दिया है। इसमें जेल में बंद इसके नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी भी शामिल हैं।
रिपोर्टों से पता चला है कि देश के कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों को खातों से एक महीने के लिए सभी लेन-देन को निलंबित करने का सरकारी निर्देश भेजा गया है।
दास के अलावा बांग्लादेश सरकार द्वारा निशाना बनाए गए अन्य 16 हिंदुओं में कार्तिक चंद्र डे, अनिक पाल, सरोज रॉय, सुशांत दास, विश्व कुमार सिंघा, चंदिदास बाला, जयदेव करमाकर, लिपि रानी करमाकर, सुधामा गौर दास, लक्ष्मण कांति दास, प्रियतोष दास, रूपन दास, रूपन कुमार धर, आशीष पुरोहित, जगदीश चंद्र अधिकारी और साजल दास शामिल हैं।
साथ ही, ‘बीएफआईयू’ ने सभी खातों की लेखा संबंधी जानकारी, जैसे खाता खोलने का फॉर्म, केवाईसी फॉर्म, अप-टू-डेट लेन-देन विवरण आदि, अगले तीन कार्य दिनों के अंदर भेजने को कहा है।’
देश में बांग्लादेशी हिंदुओं के सड़कों पर उतरने के बाद दास को मंगलवार को चटगांव की एक अदालत में पेश किया गया और बाद में जेल भेज दिया गया। इसी समय, कोर्ट परिसर में हिंसा भड़क उठी, जिसके कारण 32 वर्षीय अधिवक्ता सैफुल इस्लाम अलिफ की मृत्यु हो गई। बांग्लादेश में कट्टरपंथी अब दास के समर्थकों को अधिवक्ता की मृत्यु के लिए दोषी ठहरा रहे हैं, जबकि इस्कॉन और अन्य हिंदू संगठनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोर्ट परिसर में उस दिन हुए उपद्रव में कोई हिंदू शामिल नहीं था।
हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे बांग्लादेश सरकार: भारत
शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और खासकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में जिस तरह वृद्धि आई है, उसे लेकर भारत सरकार ने कई बार चिंता व्यक्त की है। भारत ने मंगलवार को भी बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और चटगांव में पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और बाद में उन्हें जमानत न दिए जाने पर ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की थी।
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के जिम्मेदार अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें प्रस्तुत करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अपील करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है।’
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)