नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने खुलासा किया है कि उनके और उनकी बहन शेख रेहाना की हत्या की पूरी साजिश रच ली गई थी। शेख हसीना ने कहा कि केवल 20-25 मिनट के अंतर से वे और उनकी बहन मौत से बच निकलीं। बांग्लादेश की आवामी लीग के फेसबुक पेज पर जारी एक ऑडियो मैसेज में शेख हसीना ने यह खुलासा किया है।

शेख हसीना को पिछले साल बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व वाले एक उग्र आंदोलन के बाद पद छोड़ना पड़ा था। उस आंदोलन में 600 से ज्यादा मौतें हुई। वहीं, 76 साल की शेख हसीना अपनी सरकार के तख्तापलट के बाद भागकर भारत पहुंच गई थीं। फिलहाल शेख हसीना भारत में ही रह रही हैं।

'अल्लाह की मर्जी थी...'

शेख हसीना ने पिछले साल की और अन्य घटनाओं को याद करते हुए कहा कि हसीना ने कहा कि उन्हें खत्म करने की सुनियोजित साजिश थी। उन्होंने कहा कि कई बार हत्या के प्रयास से बचना मानो ईश्वर की मर्जी थी। शेख हसीना ने भावुत होते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि यह अल्लाह की इच्छा है कि मैं बच गई हूं, 21 अगस्त का ग्रेनेड हमला, कोटालिपारा बम साजिश और अब यह हालिया खतरा। नहीं तो मैं आज जीवित नहीं होती।'

शेख हसीना ने कहा, 'मुझे बस यही लगता है कि 21 अगस्त की हत्या की साजिश से बचना, या कोटालिपारा में बम से बचना, इस बार 5 अगस्त, 2024 को जीवित बचना....यह जरूर अल्लाह की इच्छा थी। हालांकि मैं आज पीड़ित हूँ, मैं अपने देश के बिना, अपने घर के बिना हूँ, सब कुछ जला दिया गया है।'

शेख हसीना के खिलाफ हत्या की साजिश

पिछले साल की घटना कोई पहली बार नहीं थी कि जब शेख हसीना के खिलाफ हत्या की साजिश रची गई हो। इससे पहले 21 अगस्त 2004 को ढाका में एक आतंकवाद रोधी रैली के दौरान शेख हसीना को निशाना बनाकर ग्रेनेड हमला किया गया था। उसमें 24 लोग मारे गए थे। 500 से अधिक लोग घायल हुए थे। शेख हसीना को मामूली चोट लगी थी। इसी तरह साल 2000 में कोटालिपारा में 76 किलो का बम मिला था, जहां वह एक रैली को संबोधित करने वाली थीं।

बता दें कि बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अभी शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया हुआ है। हसीना पर 15 साल के शासन के दौरान कथित रूप से जबरन कई लोगों को गायब करने के आरोप लगाए गए हैं। अभियोजकों ने उनके प्रशासन पर 500 से अधिक व्यक्तियों के अपहरण का आरोप लगाया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा है, 'मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए उन्हें न्याय का सामना करना होगा।'

शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है बांग्लादेश

ढाका ने औपचारिक रूप से हाल में भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है। दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि में स्पष्ट समयसीमा की कोई बात नहीं कही गई है। इस वजह से फिलहाल भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना पर मुकदमा चलाने को सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने का संकेत दिया है।

हालांकि, हसीना ने अपना विरोध बरकरार रखा है। बढ़ती चुनौतियों के बीच शेख हसीना ने भावुक होते हुए, 'हालांकि मैं अपने देश और अपने घर के बिना हूं, लेकिन मेरा मानना ​​​​है कि अल्लाह की दया ने मुझे किसी कारण से जीवित रखा है।'

भारत द्वारा हसीना का वीजा बढ़ाए जाने की खबरों के जवाब में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इससे पहले स्पष्ट किया था कि पासपोर्ट रद्द होने के बाद वीजा के मामले अप्रासंगिक हो जाते हैं। बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना सहित 97 लोगों के पासपोर्ट रद्द किए थे। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने पुष्टि की है कि पासपोर्ट के रद्द किए जाने की सूचना को अन्य देशों के साथ साझा किया गया है।