बांग्लादेश ने भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साचिश रचने वाले पूर्व मंत्री को रिहा किया

बांग्लादेश की एक अदालत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों की भर्ती और प्रशिक्षण में मदद करने वाले पूर्व बीएनपी मंत्री अब्दुस सलाम पिंटू को रिहा कर दिया है। वह 17 साल से जेल में था।

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Bangladesh court releases Abdus Salam Pintu (Photo-X)

बांग्लादेश की अदालत ने अब्दुस सलाम पिंटू को रिहा किया (फोटो- X)

ढाका: बांग्लादेश की एक अदालत ने भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने के एक आरोपी को राहत दे दी है। कोर्ट ने मंगलवार को बांग्लादेश के एक पूर्व जूनियर मंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के सदस्य अब्दुस सलाम पिंटू को जेल से रिहा करने के आदेश दिए। अब्दुस सलाम पिंटू 17 साल बाद जेल से बाहर आया है।

अब्दुस सलाम पर भारत के खिलाफ हमले के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के आतंकी संगठन हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (HuJI) के लिए फंडिंग के आरोप रहे हैं। साथ ही उस पर बांग्लादेश से जुड़े आतंकियों को भी फंडिंग करने के आरोप लगे थे। यही नहीं, अब्दुस सलाम पर 2004 में प्रधानमंत्री शेख हसीना पर ग्रेनेड हमले की साजिश रचने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी।

HuJI पर कई देशों ने लगा रखा है प्रतिबंध

पाकिस्तान स्थित हूजी (HuJI) को न केवल भारत में बल्कि बांग्लादेश, इजराइल, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका ने भी एक आतंकी संगठन करार दिया हुआ है। अब्दुस सलाम ने हूजी के लिए हथियारों की खरीद, भर्ती और ट्रेनिंग कार्यक्रमों में सहायता करके भारत में आतंकवादी हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अब्दुस सलाम पर हूजी को मदरसे के छात्रों को हथियार और विस्फोटकों का प्रशिक्षण देने और कश्मीर में आतंकवादियों के लिए धन और हथियार जुटाने में मदद करने का आरोप लगा था।

ढाका के डेली स्टार अखबार के अनुसार अब्दुस को उच्च न्यायालय ने बरी किया है। वह 2008 से जेल में बंद था। अब्दुस सलाम पिंटू बीएनपी के एक अन्य पूर्व मंत्री लुत्फोजमान बाबर के साथ 2004 में शेख हसीना को मारने के असफल प्रयास में शामिल था। पिछले ही सप्ताह बाबर को भी 2004 के चटोग्राम हथियार बरामदगी मामले में पांच अन्य लोगों के साथ बरी कर दिया गया था।

पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार 2004 के ग्रेनेड हमले के मामले के जांच अधिकारी ने 2021 में ढाका की एक अदालत को बताया कि अब्दुस सलाम पिंटू ने प्रतिबंधित संगठन हूजी की सहायता की थी। अब्दुस सलाम ने आतंकी संगठन को भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए हथियार खरीदने में मदद की थी।

शेख हसीना की हत्या करना चाहता था हूजी

डेली स्टार के अनुसार 2021 में जांच अधिकारी ने बताया था, 'उनकी (हूजी) ज्यादातर भर्तियां पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और बांग्लादेश से होती थी...उन्होंने भारत के कश्मीर में विद्रोहियों के लिए धन, हथियार और गोला-बारूद भी जुटाया था।'

अधिकारी के अनुसार हूजी का लक्ष्य शेख हसीना को खत्म करना था, क्योंकि 1996 से 2001 तक अवामी लीग सरकार के कार्यकाल में आतंकी संगठन अपने प्रयासों में लगातार विफल हो रहा था। उसे युवाओं की भर्तियों, फंड जुटाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

ढाका की अदालत ने 2021 में कहा था कि जब 2001 में हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग ने सत्ता खो दी, तो हूजी को बीएनपी नेताओं लुत्फोजमान बाबर और अब्दुस सलाम पिंटू से समर्थन मिला। यह सबकुछ अब्दुस के भाई और हूजी नेता मौलाना ताजुद्दीन के माध्यम से हुआ। दोनों पूर्व मंत्रियों ने अब्दुस के भाई ताजुद्दीन को पाकिस्तान भागने में भी मदद की।

अब्दुस सलाम पिंटू ने बीएनपी की सरकार में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के अधीन सूचना, उद्योग और शिक्षा उप मंत्री के रूप में कार्य किया था।

हूजी पर हैं भारत पर कई हमलों के आरोप

हूजी ने भारत में पूर्व में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें कई कम तीव्रता वाले हमले शामिल रहे हैं। इनमें 2006 में वाराणसी में अदालत परिसर में बम विस्फोट, 2007 में अजमेर शरीफ दरगाह में धमाका और 2011 में दिल्ली में बम विस्फोट जैसी घटनाएं शामिल हैं।

हूजी शुरू से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे अन्य आतंकवादी समूहों के साथ मिलकर काम करता रहा है। उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का भी समर्थन प्राप्त रहा है।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद देश में कट्टर विचारधारा तेजी से हावी होती नजर आई है। लुत्फोजमान बाबर और अब्दुस सलाम पिंटू की रिहाई इसका एक और उदारहण हैं। बांग्लादेश में हाल में कट्टरपंथी भारत विरोधी रुख वाली सोच को खूब जगह मिल रही है। इससे पहले अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी समूह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को भी रिहा किया गया था।

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