बांग्लादेशः हिंदू संत चिन्मय दास के बचाव में कोई वकील नहीं हुआ पेश, जमानत की सुनवाई अगले महीने तक टली

चिन्मय कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था, जब वह चटगांव एक रैली में भाग लेने जा रहे थे।

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ISKCON Priest Chinmoy Krishna Das again did not get relief bail plea rejected Bangladesh court

पुजारी चिन्मय कृष्ण दास (फाइल फोटोः IANS)

ढाकाः बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हिंदू संत चिन्मय कृष्ण प्रभु का वकीलों ने बचाव करने से मना कर दिया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मंगलवार को चटगाँ कोर्ट में जमानत की सुनवाई के दौरान कोई भी वकील चिन्मय दास का प्रतिनिधित्व करने नहीं आया। जिसके बाद सुनवाई को 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, ढाका से लगभग 250 किमी की यात्रा करके वकील रवींद्र घोष कोर्ट सुनवाई में शामिल होने पहुंचे थे, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें कोर्ट परिसर में प्रवेश ही नहीं कर दिया। वहीं सोमवार को इस्कॉन ने दावा किया कि चिन्मय कृष्ण प्रभु का बचाव करने वाले वकील रमेन रॉय पर पड़ोसी देश में क्रूर हमला किया गया और अब वह एक अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

चिन्मय दास का केस लड़ने वाले वकील पर हमला

इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि रॉय की एकमात्र 'गलती' चिन्मय कृष्ण दास का कोर्ट में बचाव करना था। राधारामन दास ने पोस्ट किया, "कृपया वकील रामन रॉय के लिए प्रार्थना करें। उनका 'दोष' केवल इतना था कि वे कोर्ट में चिन्मय कृष्ण प्रभु का बचाव कर रहे थे। इस्लामिस्टों ने उनका घर लूटा और बुरी तरह हमला किया, जिससे वे आईसीयू में हैं और अपनी जान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।  उन्होंने बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा और पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की अपील की है।

एक हफ्ते से जेल में हैं चिन्मय दास

चिन्मय कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था, जब वह चटगांव एक रैली में भाग लेने जा रहे थे। बाद में चटगांव की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और पुलिस हिरासत में भेज दिया। 'सनातन जागरण जोत' के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास पर पिछले महीने चटगांव में भगवा झंडा फहराने के लिए देश के झंडे का कथित रूप से अपमान करने के लिए बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा देशद्रोह का आरोप लगाया गया है।

बांग्लादेश में हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना

इससे पहले चिन्मय कृष्ण दास को जेल में दवाइयां देने गए दो हिंदू संतों आदि पुरुष श्याम दास और भक्त रंगनाथ दास ब्रह्मचारी प्रभु को शुक्रवार गिरफ्तार कर लिया गया। गौरतलब है कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने और मोहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार के बाद बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसाएं बढ़ गई हैं। बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार पर अल्पसंख्कों के साथ भेदभाव बरतने, उन्हें, उनके घरों और धार्मिक स्थलों को पर्याप्त सुरक्षा न देने के आरोप लगते रहे हैं। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बांग्लादेश की 170 मिलियन जनसंख्या में 8 प्रतिशत हिंदू समुदाय को 200 से अधिक हमलों का सामना करना पड़ा।

भारत सरकार ने अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश के अधिकारियों को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। सरकार ने उनसे हिंदुओं की सुरक्षा करने की अपील की।

 

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