बांग्लादेश: मीडिया संगठन NOAB ने अखबार के दफ्तर पर हमले की निन्दा की, सरकार से कार्रवाई करने की अपील

बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद कट्टरवादी संगठनों द्वारा कुछ मीडिया संस्थानों और समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है।

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NOAB Bangladesh The Daily Star

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ढाका: बांग्लादेश के समाचार पत्रों के संगठन (NOAB) ने सोमवार को मीडिया की स्वतंत्रता पर लगातार हो रहे हमले पर चिन्ता जाहिर की है।

NOAB बांग्लादेश के बांग्ला अखबार प्रथम आलो और इंग्लिश अखबार द डेली स्टार के कार्यालय के सामने धरना देने और तोड़फोड़ एवं हमला करने की कड़ी आलोचना की है। NOAB ने कहा है कि ये सब 'अराजकता का माहौल' तैयार करने के लिए किया जा रहा है ताकि पत्रकारिता के लिए अनुकूल माहौल न रहे।

NOAB के अध्यक्ष एके आजाद की तरफ जारी एक बयान में कहा गया है, "यदि किसी को किसी अखबार के समाचार या सम्पादकीय नीति पर आपत्ति है तो वह वे अपना बौद्धिक पक्ष और विचार लेखन के माध्यम से रख सकते हैं।"

दि डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार ढाका के कारवाँ बाजार स्थित प्रथम आलो के दफ्तर के सामने धरना देकर कुछ लोग अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने धरना देने वालों को तितर-बितर किया मगर रविवार को भी जारी रहा।

NOAB ने बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार से माँग की है कि भीड़ जुटाकर मीडिया समेत विभिन्न संस्थानों पर निशाने बनाने की प्रवृत्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

सोशलमीडिया साइट एक्स पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक व्यक्ति पुलिस अधिकारियों को प्रथम आलो और डेली स्टार के खिलाफ आक्रोशित बयानबाजी कर रहा था और खुद को इस्लामी-प्रेमी बता रहा था। बांग्ला में बोल रहे व्यक्ति ने वीडियो में दावा किया कि उन लोगों ने ही अगस्त में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट किया था।

पाँच अगस्त, 2024 को कई छात्र संगठनों, जमाते-इस्लामी, अंसारे इस्लाम, बांग्लादेश नेशनल पार्टी इत्यादि के कार्यकर्ताओं द्वारा महीनों से जारी विरोध प्रदर्शन के बाद लगातार तीसरी बार देश की प्रधानमंत्री चुनी गयीं शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था। प्रदर्शनकारी शेख हसीना के निवास में घुस गये थे। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद वहाँ एनजीओ सेक्टर के जाने-माने नाम मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक सरकार नियुक्त की गयी। मोहम्मद यूनुस को 'ग्रामीण बैंक'  एनजीओ के लिए नोबेल शान्ति पुरस्कार मिल चुका है।

तख्तापलट के बाद से ही शेख हसीना समर्थक आरोप लगा रहे हैं कि इसके पीछे अमेरिकी डीपस्टेट का हाथ है। एक बयान में यह दावा भी किया गया कि अमेरिकी शेख हसीना पर सन्त मार्टिन द्वीप पर कब्जा देने के लिए दबाव बना रहा था। शेख हसीना ने इस द्वीप को अमेरिकी नियंत्रण में देने से इनकार कर दिया इसलिए उनकी सरकार का तख्तापलट करवाया गया।

शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों पर लगातार हमले हो रहे हैं। उनके धर्मस्थल और घरों पर भी हिंसक हमलों की घटनाएँ हुई हैं। सोमवार को बांग्लादेश के इस्कॉन (ISKCON) के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चिन्मय दास को राष्ट्रविरोधी कृत्य के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। चिन्मय दास के नेतृत्व में ढाका के हिन्दुओं ने हिन्दू अल्पसंख्यकों के मन्दिरों और घरों पर हिंसक हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।

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