ढाका: बांग्लादेश के संस्थापक माने जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान के घर पर बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें हैं। ढाका के ढानमोंडी इलाके में मौजूद इस घर को म्यूजियम बनाया जा चुका है। तोड़फोड़ और आगजनी की घटना बुधवार शाम की है जब अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना लाइव ऑनलाइन संबोधन के जरिए बांग्लादेश के लोगों और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थीं।
शेख हसीना को बांग्लादेश के समय के अनुसार रात 9 बजे ऑनलाइन लोगों को संबोधित करना था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इससे पहले से ही शाम से लोगों की भीड़ मुजीबुर रहमान के घर के आसपास जुटने लगी थी। शेख मुजीबुर रहमान की बेटी और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पिछले साल बांग्लादेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन और छात्रों के आंदोलन के बीच देश छोड़कर भागना पड़ा था। वह फिलहाल भारत में रह रही हैं।
शेख हसीना का ऑनलाइन संबोधन
हसीना का संबोधन उनकी पार्टी अवामी लीग की अब भंग हो चुकी छात्र शाखा छात्र लीग द्वारा आयोजित किया गया था। शेख हसीना ने अपने संबोधन में बांग्लादेश के लोगों से मौजूदा शासन के खिलाफ सख्त प्रतिरोध करने का आह्वान किया।
The last trace of the architect of independent Bangladesh has been burned to ashes today.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) February 5, 2025
Cry, Bangladesh, cry. pic.twitter.com/lj17JJ4IzJ
शेख हसीना ने अपने संबोधन में नोबेल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश में मौजूदा अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस को निशाने पर लिया। मौजूदा शासन पर हमला बोलते हुए शेख हसीना ने कहा, 'उनके पास अभी भी राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर अर्जित की गई स्वतंत्रता को बुलडोजर से नष्ट करने की ताकत नहीं है।'
हसीना ने आगे कहा, 'वे एक इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं...लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।'
शेख हसीना ने कहा, 'आज, इस घर को ध्वस्त किया जा रहा है। इसने कौन सा अपराध किया था? वे इससे इतना क्यों डरते हैं... मैं देश के लोगों से न्याय मांगती हूं। क्या मैंने आपके लिए कुछ नहीं किया?' अपने भाषण में, हसीना ने कहा कि यूनुस ने राज्य की सत्ता हासिल करने के लिए एक सुनियोजित आंदोलन के लिए सामान्य छात्रों का इस्तेमाल किया। शेख हसीना ने कहा कि छात्रों को देश की सेवा करने के लिए और अपना भविष्य बनाने के लिए अपनी पढ़ाई पर वापस जाना चाहिए।
बांग्लादेशी मीडिया को भाषण नहीं दिखाने की धमकी
पिछले साल के छात्र आंदोलन के बाद बांग्लादेश में 1972 के संविधान को खत्म करने की आवाजें उठ रही हैं। वहीं, कई कट्टरपंथी समूहों ने शेख मुजीब के नेतृत्व वाली स्वतंत्रता के बाद की सरकार द्वारा अपनाए गए राष्ट्रगान को बदलने की भी मांग की है।
इस बीच ऐसी भी खबरें हैं कि छात्र आंदोलन के एक प्रमुख आयोजक अब्दुल हन्नान मसूद ने एक फेसबुक पोस्ट में अवामी लीग के पूर्व सांसदों और मंत्रियों के सभी आवासों को ध्वस्त करने का आह्वान किया था और उन जगहों पर नई इमारतों को बनाने की बात कही थी।
इससे पहले बुधवार को दिन में संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने बांग्लादेश के मीडिया आउटलेट्स को हसीना के भाषण को प्रसारित करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। अब्दुल्ला ने कहा था कि इसे आवामी लीग के एजेंडे को बढ़ाने के तौर पर देखा जाएगा।
पिछले साल भी घर में लगाई गई थी आग
मुजीबुर रहमान के इस घर को पिछले साल 5 अगस्त को भी आग लगा दी गई थी जब हसीना के नेतृत्व में लगभग 16 साल के अवामी लीग के शासन को उखाड़ फेंका गया था। शेख हसीना तब अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ बांग्लादेश की वायु सेना की उड़ान से भागकर भारत आ गई थीं।
गौरतलब है कि 15 अगस्त, 1975 को जब हसीना और रेहाना जर्मनी में थीं, तब बांग्लादेश में पहली बार सैन्य तख्तापलट हुआ था। इस दौरान शेख हसीना के परिवार के अधिकांश सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। मुजीबुर रहमान को भी मार दिया गया था। पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजादी दिलाने का बड़ा श्रेय मुजीबुर रहमान को जाता है।
'शेख हसीना को वापस लाने की कोशिश जारी'
इन सबके बीच मौजूदा गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एमडी जहांगीर आलम चौधरी ने बुधवार को कहा कि अंतरिम सरकार प्रत्यर्पण संधि के तहत हसीना और अन्य को भारत से वापस लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है।
77 वर्षीय हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं। बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने 'मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार' के लिए हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य और नागरिक अधिकारियों के लिए गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया हुआ है।