ढाका। शुक्रवार को बांग्लादेश के चटगांव के ऐतिहासिक लालदिघी मैदान में हजारों हिंदू नागरिकों ने एक विशाल रैली का आयोजन किया। इस रैली का नेतृत्व बांग्लादेश सनातन जागरण मंच ने किया, जिसमें भाग लेने वाले हिंदुओं ने अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा और अंतरिम सरकार से सुरक्षा उपायों की मांग की।

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस रैली में हिंदू कार्यकर्ताओं के समूह ने साफ किया कि वे तब तक अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि देश की अंतरिम सरकार उनकी आठ मांगों को पूरा नहीं कर देती। हिंदू समुदाय का यह विरोध पिछले कुछ महीनों में सबसे बड़ा था।

क्या है इनकी 8 मांगें ?

1. अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष न्यायाधिकरण - अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराधों में लिप्त लोगों के मामलों को तेजी से निपटाने के लिए एक न्यायाधिकरण का गठन।

2. पीड़ितों को उचित मुआवजा और पुनर्वास।

3. अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून - अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए तुरंत एक कानून लागू करना।

4. अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय - अल्पसंख्यक मामलों के लिए एक विशेष मंत्रालय की स्थापना।

5. पूजा स्थलों का निर्माण - शिक्षण संस्थानों और छात्रावासों में अल्पसंख्यकों के लिए पूजा स्थलों का निर्माण।

6. कल्याण ट्रस्ट को फाउंडेशन का दर्जा - हिंदू, बौद्ध, और ईसाई कल्याण ट्रस्ट को फाउंडेशन का दर्जा दिया जाए।

7. संपत्ति संरक्षण कानूनों का कार्यान्वयन - ‘संपत्ति पुनर्प्राप्ति और संरक्षण अधिनियम’ और ‘संरक्षित संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम’ का प्रभावी कार्यान्वयन।

8. संस्कृत और पाली शिक्षा बोर्ड का आधुनिकीकरण - संस्कृत और पाली शिक्षा बोर्ड का आधुनिकीकरण और दुर्गा पूजा के लिए पांच दिवसीय अवकाश की घोषणा।

अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले और सरकार का रुख

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, बांग्लादेश के पर्यावरण मंत्री सैयद रिजवाना हसन ने गुरुवार को हिंदू समुदाय की मांगों को लेकर बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने पहली बार दुर्गा पूजा के लिए दो दिवसीय अवकाश की घोषणा की है।

अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध, जैसे कि तोड़फोड़, लूटपाट और शारीरिक हिंसा, में वृद्धि देखी गई है, बावजूद इसके कि सरकार ने अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा का आश्वासन दिया था। लेकिन दुर्गा पूजा के दौरान कई मंदिरों पर हमला किया गया और पीएम मोदी द्वारा उपहार में दिया गया मुकुट एक मंदिर से चोरी हो गया।

बांग्लादेश सरकार ने इन कृत्यों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। भारत सरकार ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। सितंबर में अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस ने पीटीआई से कहा था कि इन अपराधों को "बढ़ा-चढ़ाकर" पेश किया जा रहा है और ये घटनाएं राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं, न कि सांप्रदायिक दृष्टि से।