बांग्लादेश: चिन्मय दास की जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट के बाहर हिंसक झड़प, एक वकील की हत्या

एडिट
Bangladesh Lawyer Saiful Islam Alif killed in violent clash between police and followers of priest Chinmoy Krishna Das

ढाका: बांग्लादेश के चटगांव के एक कोर्ट में मंगलवार दोपहर हुई हिंसक झड़प में एक वकील सैफुल इस्लाम की मौत हो गई। यह झड़प कानून प्रवर्तन एजेंसियां, वकीलों और बांग्लादेश यूनाइटेड सनातन अवेकनिंग अलायंस के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के समर्थन में जुटे लोगों के बीच हुई।

ढाका ट्रबाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार, चटगांव वकील संघ के अध्यक्ष नाजिम उद्दीन चौधरी ने हत्या की निंदा करते हुए कहा कि अज्ञात लोगों ने सैफुल को उनके चेंबर से बाहर निकालकर उन पर हमला किया। अफरा-तफरी के बीच सैफुल इस्लाम पर धारदार हथियारों से हमला किया गया और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

हिंसक झड़प में सैफुल इस्लाम के साथ छह अन्य लोग भी घायल हैं जिनका इलाज चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा। इनकी पहचान श्रीबास दास, शरकु दास, छोटन, सुजीत घोष, उत्पल और एनामुल हक के रूप में हुई है।

घटना के बाद वकीलों ने अदालत परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और बुधवार को कार्य बहिष्कार का आह्वान किया। शहर पुलिस उपायुक्त लियाकत अली ने एक मौत की पुष्टि की और कहा कि जांच जारी है।

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के जेल भेजने के दौरान घटी घटना

हिंसक झड़प तब शुरू हुई थी जब अदालत ने पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज कर दी और राजद्रोह के मामले में उन्हें तत्काल जेल भेजने का आदेश दिया।

कोर्ट के आदेश के बाद जैसे ही स्थानीय पुलिस चिन्मय कृष्ण दास को जेल ले जाने की तैयारी करने लगी, उनके अनुयायियों ने अदालत परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान तनाव बढ़ गया और झड़प शुरू हो गई।

पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हथगोले, आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया, जिसके बाद हिंसक झड़प शुरू हुई। इस झड़प के दौरान वकील सैफुल इस्लाम पर हमला हुआ और कथित तौर पर भीड़ द्वारा उनकी हत्या कर दी गई।

पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी क्यों हुए गिरफ्तार?

चिन्मय कृष्णा को सोमवार को ढाका एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया था। दरअसल, बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार के मामले बढ़े हैं। इसी के खिलाफ पिछले एक-दो महीनों में हिंदुओं के संगठन ने कई बड़ी रैलियां निकाली है। इन्हीं रैलियों के बीच कुछ घटनाओं के बाद 19 हिंदुओं के खिलाफ राजद्रोह के मामले दर्ज किए गए थे। इसमें चिन्मय कृष्ण दास का भी नाम था।

25 अक्टूबर का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ लोग एक भगवा झंडे को बांग्लागेश के राष्ट्रीय झंडे के ठीक पास एक पिलर में उससे ऊपर लगाते नजर आ रहे हैं। इसे बांग्लादेश के झंडे का अपमान माना गया। यह घटना चट्टोग्राम के न्यू मार्केट एरिया के जीरो प्वाइंट की थी। इसी घटना पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।

हालांकि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी ने बताया कि सनातन संगठनों का भगवा झंडे लगाए जाने से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कहा कि यह घटना लाल दिघी इलाके से 2 किमी दूर हुई थी। लाल दिखी वो इलाका था, जहां 25 अक्टूबर को हिंदुओं ने रैली निकाली गई थी।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article