बांग्लादेश में क्रिसमस पर ईसाई बने उपद्रवियों का निशाना, 17 घर जला दिये गये

बांग्लादेश में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर ईसाई समुदाय के घरों को जलाए जाने की घटना सामने आई है। पीड़ितों का कहना है कि वे पास के गांव में स्थित चर्च में प्रार्थना के लिए गए थे, इसी दौरान घटना को अंजाम दिया गया।

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बांग्लादेश में क्रिसमस पर ईसाई बने उपद्रवियों का निशाना, 17 घर जला दिये गये

बांग्लादेश में ईसाई समुदाय के लोगों के 17 घर जलाए गए (फोटो- AI)

ढाका: बांग्लादेश में ईसाई समुदाय से जुड़े लोगों के कम से कम 17 घर जला दिये जाने का मामला सामने आया है। सामने आई जानकारी के मुताबिक घटना क्रिसमस की पूर्व संध्या यानी देर रात 12 बजे के आसपास की है। पीड़ित लोगों का कहना है कि वे क्रिसमस के मौके पर आधी रात में प्रार्थना के लिए पास के गांव के चर्च में गए थे। इसी दौरान उपद्रवियों ने मौका देखकर घरों में आग लगा दी।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक पीड़ित क्रिस्चन त्रिपुरा समुदाय के हैं। बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार ने बताया है कि इस समुदाय के 19 परिवार बंदरबन के लामा उपजिला के सराय यूनियन में रहते थे। गांव में 19 घरों में से 17 पूरी तरह जलकर खाक हो गए हैं।

पीड़ितों के अनुसार, पहले यह इलाका टोंगझिरी त्रिपुरा पारा इलाके के नाम से जाना जाता था। वे यहां दशकों से रहते आ रहे थे, हालांकि शेख हसीना सरकार के कार्यकाल में बड़े पुलिस अधिकारी रहे बेनजीर अहमद ने इस पर कब्जा कर लिया था। शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद यहां त्रिपुरा समुदाय वापस यहां आकर रहने लगा था।

'तीन-चार पीढ़ियों से रहने आ रहे थे'

क्रिस्चन त्रिपुरा समुदाय के मुखिया पैसाप्रू त्रिपुरा ने डेली स्टार को बताया, 'हम तीन या चार पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं। खुद को 'एसपी के आदमी' बताने वाले लोगों के एक समूह ने हमें चार से पांच साल पहले बेदखल कर दिया था।'

उन्होंने बताया कि अवामी लीग सरकार के पतन के बाद समुदाय वापस लौट आया और अपने घरों का पुनर्निर्माण किया। पीड़ितों में से एक गुंगामणि त्रिपुरा ने कहा, 'हमारे घर पूरी तरह से जलकर राख हो गए हैं। हम कुछ भी नहीं बचा सके। आज का दिन हमारा सबसे खुशी का दिन माना जाता है, लेकिन यह एक दुःस्वप्न में बदल गया है। हम अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और अपने लिए न्याय की मांग करते हैं।'

ढाका ट्रिब्यून के अनुसार लोगों ने बताया कि पिछले महीने नवंबर में भी उपद्रवियों ने उन्हें गांव खाली करने की धमकी दी थी। इस पर 15 आरोपियों के खिलाफ लामा पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई थी। हालांकि, इस शिकायत पर पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

पुलिस ने ईसाईयों के घर जलाए जाने की घटना पर क्या कहा?

सराय यूनियन परिषद के अध्यक्ष मोहम्मद इदरीस ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि 17 घर नष्ट हो गए। वहीं, लामा उपजिला के कार्यकारी निर्बही अधिकारी (यूएनओ) रूपायन देब ने घटनास्थल का दौरा किया और प्रत्येक प्रभावित परिवार के लिए एक कंबल और चावल की एक बोरी सहित प्रारंभिक राहत प्रदान की।

रूपायन देब ने कहा, 'मैंने परिवारों से लिखित शिकायत दर्ज करने को कहा है। हम आगे की कार्रवाई के लिए उपायुक्त और उपजिला परियोजना कार्यान्वयन अधिकारी के साथ बातचीत करेंगे।'

लामा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर (जांच) मोहम्मद इनामुल हक भुइयां ने कहा कि दूरदराज के इलाके में भूमि विवाद चल रहे हैं, 5 अगस्त से जमीन हड़पने की शिकायतें भी सामने आती रही हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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