Sheikh Hasina Photograph: (आईएएनएस)
नई दिल्ली: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर देश को आतंकवाद और अराजकता का केंद्र बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने पीड़ित परिवारों की मदद करने और उन्हें इंसाफ दिलाने का आश्वासन देते हुए घर लौटने की कसम खाई।
पूर्व पीएम के मुताबिक नोबेल पुरस्कार विजेता ने खुदा कहते हैं कि उन्हें देश चलाने का कोई अनुभव नहीं तो फिर उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए।
शेख हसीना ने लगाया आरोप
हसीना ने यूनुस पर आरोप लगाया कि पिछले वर्ष उनके कोटा सुधारों के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक आंदोलन के दौरान दर्जनों पुलिस अधिकारियों की हत्या हुई लेकिन यूनुस चुप रहे और अराजकता को पनपने दिया।
पूर्व पीएम ने कहा, "यूनुस ने सभी जांच समितियों को भंग कर दिया और लोगों की हत्या करने के लिए आतंकवादियों को छोड़ दिया। वे बांग्लादेश को खत्म कर रहे हैं। हम आतंकवादियों की इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे। इंशाअल्लाह।"
हसीना पिछले कुछ समय से अपनी पार्टी आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को संबोधित और उनसे संपर्क स्थापित कर रही हैं। वहीं अंतरिम सरकार और प्रदर्शनकारी संगठन इससे खासे परेशान हैं। वे हसीना और उनके समर्थकों के बीच कोई संपर्क नहीं चाहते हैं। इसे रोकने के लिए वे हिंसक तरीकों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
शेख मुजीबुर रहमान के घर में आगजनी
हाल ही में राजधानी ढाका के धानमंडी 32 स्थित शेख मुजीबुर रहमान के तीन मंजिला मकान में तोड़फोड़ और आगजनी की गई और उस पर बुलडोजर चलवा दिया गया।
छात्रों का गुस्सा अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की इस घोषणा से फूटा कि वह 'छात्र लीग' संगठन के सदस्यों के साथ एक वर्चुअल सत्र में शामिल होंगी। छात्र लीग हसीना की आवामी लीग पार्टी की स्टूडेंट विंग है जिस पर 23 अक्टूबर 2024 को प्रतिबंध लगा दिया गया।
बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीब के जिस घर में तोड़फोड़ की गई उसे उनकी बेटी शेख हसीना ने म्यूजियम में बदल दिया था।
(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)