ढाकाः बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण सलाहकार महफूज आलम के पिता अजीजुर रहमान बच्चू पर उनके गांव लक्ष्मीपुर के रामगंज उपजिला में हमला हुआ। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) समर्थक दो गुटों के बीच झड़प के दौरान हुई।
परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि बीएनपी समर्थक शुक्कुर अली ने इस हमले का नेतृत्व किया। रहमान इच्छापुर यूनियन में बीएनपी यूनिट के संगठन सचिव भी हैं। शुक्कुर अली, जो बीएनपी की स्टूडेंट विंग 'छात्र दल' के पूर्व नेता रह चुके हैं, स्वेच्छा सेवक दल यूनियन इकाई के अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवार बताए जा रहे हैं।
हमले के दौरान रहमान पर ईंटों से वार किया गया, जिससे उनके हाथ में चोटें आईं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। इस घटना में उनका एक रिश्तेदार भी घायल हुआ।
संघर्ष की शुरुआत कैसे हुई?
बांग्लादेशी दैनिक 'प्रथम आलो' से बात करते हुए सलाहकार महफूज आलम के बड़े भाई महबूब आलम ने बताया कि झड़प तब हुई जब बीएनपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के दो गुट बीसीएल नेता मेहदी हसन को हिरासत में लेने के लिए निकले थे।
हसन, प्रतिबंधित अवामी लीग की छात्र शाखा 'बांग्लादेश छात्र लीग' (बीसीएल) की जिला इकाई के अध्यक्ष हैं। जब बीसीएल नेता के भविष्य को लेकर दोनों गुटों में मतभेद हुआ, तो बहस बढ़ते-बढ़ते हाथापाई में बदल गई।
रहमान पर हमला और बढ़ता विरोध
गांववालों ने जब दोनों गुटों को शांत करने की कोशिश की, तो विवाद और बढ़ गया। इसी बीच रहमान झड़प रोकने के लिए आगे आए, लेकिन छात्र दल और स्वेच्छा सेवक दल के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया।
रामगंज थाने के प्रभारी अधिकारी अबुल बशर ने रविवार को कहा, "छात्र दल और स्वेच्छा सेवक दल के बीच विवाद हुआ और झड़पें हुईं। रहमान ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन एक गुट ने उन पर हमला कर दिया।"
इस घटना के विरोध में छात्रों ने रविवार रात रामगंज कस्बे में मार्च निकाला और हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
बीएनपी में बढ़ती गुटबाजी और अस्थिरता
बांग्लादेश में बीएनपी के भीतर गुटीय संघर्ष लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में कई पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की जान जा चुकी है। अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ गई है।
खालिदा जिया की बीएनपी ने छात्र नेताओं और यूनुस के साथ मिलकर अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने का काम किया। लेकिन अब पार्टी में ही गहरी दरारें दिखने लगी हैं, जिससे शीर्ष नेताओं के मारे जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
आईएएनएस इनपुट