नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से जबरन हटाए जाने के बाद से अराजकता का माहौल है। सबसे बड़ी मुश्किल अल्पसंख्यकों और खासकर हिदुओं के सामने है। बांग्लादेश में हिंसक भीड़ द्वारा लगातार हिंदू परिवारों, उनकी दुकानों, अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों सहित मंदिरों आदि पर हमले की खबरें आ रही हैं। सैकड़ों हिंदू परिवार इस हिंसा की चपेट में आए हैं। जानमाल के नुकसान की साफ-साफ तस्वीर सामने नहीं आ सकी है लेकिन हालात गंभीर बने हुए हैं।

हिदू गायक का 140 साल पुराना घर जला दिया गया

हिंसा की चपेट में बांग्लादेश के मशहूर लोक गायक राहुल आनंद का घर भी आया है, जो ढाका में स्थित है। यह घर केवल एक घर नहीं बल्कि बांग्लादेश में एक सांस्कृतिक विरासत के तौर पर भी पहचान रखता था। कई नामी-गिरामी लोग यहां आ चुके थे। सामने आई जानकारी के अनुसार राहुल आनंद के करीब 140 साल पुराने घर पर भीड़ ने मंगलवार को हमला किया और आग के हवाले कर दिया।

राहुल आनंद के इस निवास पर पूरे साल विभिन्न कार्यक्रमों के लिए संगीत बिरादरी का तांता लगा रहता था। 140 साल पुराना इस घर पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन भी अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान पहुंचे थे। उन्होंने पिछले साल सितंबर 2023 में ढाका का दौरा किया था।

बहरहाल घर पर हमले के बीच राहुल अपनी पत्नी और एक बेटे के साथ किसी गुप्त स्थान पर छुपे हुए हैं। द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार राहुल आनंद के पास 3000 विभिन्न वाद्य यंत्रों का संग्रह था, जिसमें से कई उन्होंने खुद डिजाइन किए थे और उसे बनाया था। हमले में ये वाद्य यंत्र भी आग के हवाले हो गए।

बताया जा रहा है कि भीड़ मुख्य गेट तोड़कर घर के अंदर घुसी और फिर जो कुछ भी उनके हाथ लगा, उसे लेकर वहां तोड़फोड़ करने लगे। इसके बाद इन हमलावरों ने राहुल आनंद के संगीत वाद्ययंत्रों के साथ-साथ पूरे घर में आग लगा दी।

शेख हसीना का समर्थक रहा है हिंदू वर्ग

कई दिनों के प्रदर्शन के बाद अवामी लीग सरकार को गिराने में बड़ी भूमिका निभाने वाले आंदोलन के नेताओं ने लोगों से हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना नहीं बनाने की अपील भी की है। कुछ जगहों पर हिंदुओं के समर्थन में कई आवाजें भी सामने आई हैं। कुछ तस्वीरें ऐसी भी आई हैं जिसमें मंदिरों की सुरक्षा मुस्लिम करते नजर आ रहे हैं। इन सबके बावजूद सच्चाई यह है कि बड़ी संख्या में हिंदुओं को निशाना बनाया गया है।

बांग्लादेश की 17 करोड़ आबादी में हिंदू लगभग 8 प्रतिशत हैं और इस समुदाय का एक बड़ा वर्ग पारंपरिक रूप से शेख हसीना की अवामी लीग का समर्थन करता रहा है। इसका एक अहम कारण शेख हसीना के भारत के साथ मजबूत संबंध है। साथ ही कट्टरपंथी ताकतों वाले विपक्ष की तुलना में अवामी लीग की बड़े पैमाने पर एक धर्मनिरपेक्ष छवि है।

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बहरहाल, हिंसा के बीच बीएनपी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान ने भी शांति की अपील की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं बांग्लादेश के लोगों से संयम और शांति दिखाने का आह्वान करता हूं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम सभी बांग्लादेशियों को, चाहे वे किसी भी धर्म और राजनीति से हों, भेदभावपूर्ण हिंसा से बचाएं, और किसी विशेष को परेशान न करें। मुस्लिम, हिंदू, ईसाई, बौद्ध, आस्तिक, नास्तिक - हमारे लोकतांत्रिक पथ पर किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा या पूर्वाग्रह से ग्रस्त व्यवहार नहीं किया जाएगा, हम सभी गर्व से बांग्लादेशी हैं।'

घर लूटे गए...आगजनी हो रही, पत्रकारों पर हमला

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि सोमवार से 200-300 घरों, जिसमें मुख्य रूप से हिंदुओं के स्वामित्व वाले घरों और व्यवसायों को निशाना बनाया गया है। संगठन के महासचिव राणा दासगुप्ता ने कहा कि लगभग 15-20 हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है और 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

दासगुप्ता ने कहा, 'शेख हसीना के इस्तीफा देने से कुछ घंटे पहले ही सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। हालांकि कोई हत्या नहीं हुई है, चोटें आई है। अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं के घरों और व्यवसायों के साथ-साथ मंदिरों को भी निशाना बनाया गया है। उन्हें लूटा गया और क्षतिग्रस्त किया गया है।'

ढाका में रहने वाले एक शख्स अभिरूप सरकार ने बीबीसी को बताया कि उनकी चचेरा बहन ढाका से लगभग 100 किमी दूर नेट्रोकोना में रहती हैं। शेख हसीना के देश से भागने के कुछ घंटों बाद बहन ने अभिरूप सरकार को फोन किया। बतौल सरकार, 'वह डरी हुई लग रही थी। उसने कहा कि घर पर भीड़ ने हमला किया और लूटपाट की।'

सरकार की चचेरे बहन ने उन्हें बताया कि लाठियों से लैस 100 लोगों ने घर पर धावा बोल दिया। उन्होंने फर्नीचर, टीवी, बाथरूम की फिटिंग और दरवाजे तोड़ दिए। वे नकदी और आभूषण भी ले गए थे। उन्होंने घर में किसी के साथ मारपीट नहीं की। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ ने इन लोगों पर चिल्लाते हुए कहा, 'आप लोग अवामी लीग के हैं। आपकी वजह से इस देश की हालत खराब है। आपको देश छोड़ देना चाहिए।'

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार सिराजगंज में रॉयगंज प्रेस क्लब पर भीड़ के हमले के दौरान 'डेली खोबोरपत्र' के पत्रकार प्रदीप कुमार भौमिक की मौत हो गई। तीन अन्य पत्रकार भी घायल हो गये। द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार देश भर में हमले की घटनाओं में कुल 25 पत्रकार घायल हुए हैं। उनमें से कई मुसलमान हैं।