ढाका: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और अत्याचार की लगातार आ रही खबरों के बीच एक और मंदिर में तोड़फोड़ की घटना हुई है। इस्कॉन ने शनिवार को बताया कि बांग्लादेश में उसके एक मंदिर और एक केंद्र में शरारती तत्वों द्वारा आग लगा दी गई, जिससे काफी नुकसान हुआ।
सीएनएन-न्यूज-18 की एक रिपोर्ट के अनुसार इस्कॉन, कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने दावा किया कि उसके नामहट्टा केंद्र और श्री श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की मूर्तियों के साथ-साथ मंदिर के अंदर की अन्य वस्तुओं में आग लगा दी गई।
राधारमण दास ने कोलकाता में मीडिया से कहा, 'ऐसा लगता है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार लगातार जारी है। आज तड़के (शनिवार) हमारे केंद्र और मंदिर को जला दिया गया।'
दास ने कहा कि कथित आगजनी और तोड़फोड़ शनिवार तड़के दो से तीन बजे के बीच हुई। उन्होंने कहा कि इस्कॉन का केंद्र ढाका में स्थित है।
'पिछले गेट से पेट्रोल डालकर लगाई आग'
राधारमण दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि पहले मंदिर के पिछले गेट पर आग लगाई गई। इसके लिए उपद्रवियों ने पेट्रोल का इस्तेमाल किया।
उन्होंने लिखा, 'आज तड़के 2-3 बजे के बीच उपद्रवियों ने श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर और श्री श्री महाभाग्य लक्ष्मी नारायण मंदिर में आग लगा दी, जो ढाका जिले में तुराग पुलिस स्टेशन के तहत धौर गांव में स्थित हरे कृष्ण नामहट्टा संघ के अंतर्गत आते हैं। आग मंदिर के पीछे टिन की छत को उठाकर और पेट्रोल या ऑक्टेन का उपयोग करके लगाई गई।'
Another ISKCON Namhatta Centre burned down in Bangladesh. The Deities of Sri Sri Laxmi Narayan and all items inside the temple, were burned down completely 😭. The center is located in Dhaka. Early morning today, between 2-3 AM, miscreants set fire to the Shri Shri Radha Krishna… pic.twitter.com/kDPilLBWHK
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) December 7, 2024
'इस्कॉन के मंदिरों पर हाल में बढ़े हैं हमले'
बांग्लादेश में बदले हालात के बीच इस्कॉन ने पहले भी दावा किया था कि उसके कई केंद्र और मंदिरों को जबरन बंद कराया जा रहा है। इस्कॉन ने हाल में बांग्लादेश में अपने सदस्यों और हिंदू भक्तों सार्वजनिक रूप से अपनी पहचान छुपाने की सलाह भी दी थी। इसमें तिलक नहीं लगाने, भगवा वस्त्र नहीं पहनने या छुपाने जैसी बातें शामिल थीं।
हाल के दिनों में बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित अत्याचार सहित धार्मिक नेता और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा सहित भारत के हिस्सों में प्रदर्शन भी देखने को मिले हैं। साथ ही भारत की संसद में भी यह मुद्दा उठ चुका है। कई भाजपा सांसदों ने भारत सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुहार लगाई थी।