तेहरानः ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष पर युद्धविराम हो गया है। हालांकि, इस बीच देश में एक रहस्यमयी सवाल बना हुआ है कि ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई इन दिनों कहां हैं? 

आयातुल्लाह अली खामेनेई को लगभग एक हफ्ते से सार्वजनिक रूप से कहीं नहीं देखा गया है। ऐसे में उनकी अनुपस्थिति को लेकर एक सवाल बना हुआ है और पूरे देश में तमाम कयास, चिंता और बैचेनी को बढ़ावा दिया है।

ईरान-इजराइल तनाव

खामेनेई की अनुपस्थिति उस वक्त आई है जब हाल ही में देश इजराइल के साथ सैन्य संघर्ष में उलझा हुआ था। इस दौरान अमेरिका की भी इस युद्ध में एंट्री हुई थी और ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान में हमला किया था। अमेरिका द्वारा की गई कार्रवाई के जवाब में ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके बाद मध्यस्थता की और दोनों देशों के बीच अस्थिर युद्ध विराम लागू है। 

ईरानी मीडिया में भी शत्रुता शुरू होने के बाद से खामेनेई की कोई तस्वीर और विजुअल जारी नहीं किए गए हैं। हालांकि, खामेनेई के करीबी अधिकारियों का दावा है कि उन्हें एक गुप्त भूमिगत बंकर में ले जाया गया है। वह कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं ताकि उनकी हत्या के प्रयास न किए जा सकें। 

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप की सलाह के बावजूद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस खतरे से इंकार नहीं किया है। 

ईरानी अधिकारियों ने क्या बताया?

मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि ईरानी सरकार के शीर्ष नेता भी उनके साथ सीधे संपर्क में नहीं है। वहीं, इस बारे में जब ईरान के सरकारी टेलीविजन पर खामेनेई के कार्यालय के शीर्ष अधिकारी मेहदी फजेली से पूछा गया कि वह कहां हैं? इस सवाल का जवाब उन्होंने सीधे तौर पर नहीं दिया। 

एंकर ने सवाल पूछा "लोग ईरान के सर्वोच्च नेता के बारे में चिंतित हैं। क्या आप बता सकते हैं कि वह कहां हैं?" इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा  "हमें सभी को प्रार्थना करनी चाहिए। सुप्रीम लीडर की सुरक्षा का काम करने वाले लोग अपना काम कर रहे हैं।"

वहीं, बीते हफ्ते तेहरान में अमेरिका और इजराइल विरोधी आंदोलन में महिलाएं हाथ में खामेनेई की तस्वीर लेकर देखी गईं। खामेनेई की अनुपस्थिति को लेकर ईरानी अखबारों ने भी चिंता व्यक्त करनी शुरू कर दी है। खानमैन नामक दैनिक समाचार पत्र के संपादक मोहसेन खलीफे ने कहा, "उनकी कई दिनों की अनुपस्थिति ने हम सभी को, जो उन्हें प्यार करते हैं, बहुत चिंतित कर दिया है।" उन्होंने कहा कि अगर खामेनेई मारे जाते तो "उनका अंतिम संस्कार सबसे शानदार और ऐतिहासिक होता।"

12 दिनों का ईरान-इजराइल युद्ध

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ईरान में एक शीर्ष मौलवी निकाय समिति दो साल पहले बनाई गई थी। इस समिति में तीन लोग थे। खामेनेई ने इसे अपने प्रतिस्थापन की पहचान के लिए बनाया था। इस समिति ने अब अपनी योजना तेज कर दी है। वहीं, एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, खामेनेई अपने परिवार के साथ कहीं छिप गए हैं। इस दौरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की वली-ये अम्र विशेष इकाई बल द्वारा उसकी सुरक्षा की जा रही है।

गौरतलब है कि इजराइल ने 13 जून को ईरान पर हमला कर दिया था जिसका जवाब ईरान द्वारा दिया गया था। दोनों देशों के बीच यह युद्ध 24 जून तक जारी रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता के दौरान इसे 12 दिवसीय युद्ध करार दिया। 

ईरान अधिकारियों के मुताबिक,  इस युद्ध के दौरान उनके 627 लोग मारे गए और 5 हजार से अधिक घायल हो गए। वहीं इजराइली अधिकारियों के मुताबिक, उनके 28 लोग मारे गए।